सीतामढ़ी: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सीतामढ़ी और शिवहर जिले के करीब 50 गांव में महावीरी झंडा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर हर पूजा स्थल के पास मेले का आयोजन किया गया. जहां लोगों ने पूजा अर्चना के बाद जमकर खरीदारी की. वहीं अधिकांश पूजा स्थलों पर मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.
महावीरी झंडा निर्माण करवाने वाले मंगल पासवान ने बताया कि हर साल यहां महावीरी झंडा का आयोजन होता है. वहीं शिवहर जिले के परदेसिया, सुगिया, हनुमान नगर देकुली धरमपुर, धनकौल, हरिहरपुर, श्यामपुर भठहा, और ललुआ गांव सहित अन्य गांवों में भी महावीरी झंडा बनाया गया है.
सुरक्षा का रखा जा रहा विशेष ध्यान
पूजा स्थल में सुरक्षा के लिए जगह-जगह पर महिला और पुलिस बल की तैनाती की गई. साथ ही पूजा स्थलों के नजदीक दोनों जिले में दंडाधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति की गई. अशांति फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए सादे लिबास में पुलिसकर्मी की तैनाती भी की गई है. साथ ही पल-पल की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम का भी गठन किया गया. जिले के भंडारी, पचनौर, मद्यकौल, भोरहा, सौली, जयनगर, सुंदरपुर, सोनदही खरीका सहित अन्य गांवों में महावीरी झंडा का आयोजन किया गया.
कार्तिक पूर्णिमा का है खास महत्व
कार्तिक पूर्णिमा सनातन धर्म और सिख धर्म के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस दिन सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व मनाते हैं. गुरुद्वारों को विशेष रोशनी से सजाते हैं. भजन-कीर्तन के साथ लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरु नानक जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में मथा टेका जाता है और आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. घरों को भी रोशनी से सजाया जाता है.