सीतामढ़ी: कृषि विभाग ने जिले के उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 40 विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द कर दिया है. विभाग ने सभी दुकानदारों को पीओएस मशीन वापस करने का आदेश जारी किया है. इसके लिए 5 फरवरी की तिथि निर्धारित की गई थी. इसके बावजूद लाइसेंस रद्द दुकानदारों ने अबतक विभाग को मशीन नहीं सौंपा है. जिन दुकानदारों ने अब तक मशीन नहीं लौटाए हैं, उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
विक्रेताओं ने किया नियमों का उल्लंघन
जिला कृषि पदाधिकारी को यह शिकायत मिली थी कि जिले के उर्वरक विक्रेता पीओएस मशीन का उपयोग नहीं करते हैं. साथ ही गलत तरीके से किसानों के हांथो बिना बिल दिए ही उर्वरक बेचते हैं. जब इसकी सत्यता की जांच कराई गई, तो पाया गया कि जिले के 40 उर्वरक विक्रेता नियम का उल्लंघन करते हुए मशीन का उपयोग नहीं कर रहे हैं.
40 विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द
जांच रिपोर्ट आने के बाद पीओएस मशीन का उपयोग नहीं करने वाले सभी 40 विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद्द कर दी गई. साथ ही उन्हें मशीन वापस करने के लिए नोटिस भेजा गया. जिन दुकानदारों ने अबतक मशीन नहीं वापस किया है, उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी शुरू की गई है. इस सूचना के बाद से उर्वरक विक्रेताओं में खलबली मची हुई है.
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विक्रेता क्यों नहीं करते मशीनों का उपयोग?
विभागीय सूत्रों का बताना है कि जिले में करीब 600 उर्वरक विक्रेता है. उनमें से अधिकांश विक्रेता पीओएस मशीन का उपयोग नहीं करते. इससे उन्हें उर्वरक की कालाबाजारी करने में सहूलियत मिलती है. अगर मशीन का उपयोग होगा, तो उन्हें सरकार के निर्धारित दर की पक्की बिल किसानों को मुहैया करानी होगी. इसलिए अधिकांश उर्वरक विक्रेता मशीन खराब होने का बहाना बनाकर उसका उपयोग नहीं करते हैं.