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सीतामढ़ी: कालाजार उन्मूलन को लेकर एक्शन में प्रशासन, किया गया IRS द्वितीय चक्र का शुभारंभ - कालाजार उन्मूलन

सीतामढ़ी वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय में आईआरएस द्वितीय चक्र का शुभारंभ हुआ. कच्चे घरों, अंधेरे और नमी वाले स्थानों पर विशेष तौर पर छिड़काव कराया जाना है.

सीतामढ़ी
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Published : Sep 16, 2020, 12:29 PM IST

सीतामढ़ी: राज्यभर में अपने अनूठे प्रयोगों के कारण कालाजार उन्मूलन में रोल मॉडल बन चुके जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय ने एक बार फिर से मुहिम तेज कर दी है. साल में दो बार होने वाले आईआरएस (इनडोर रेसीडुएल स्प्रे) के द्वितीय चक्र का सोमवार को डीभीबीडीसीओ कार्यालय से शुभारंभ हुआ. 64 छिड़काव दल को 16 प्रखंडों के 197 लक्षित ग्राम में 2,37,325 घरों में छिड़काव के लिए भेजा गया है.

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि जिले की 11, 72, 339 की आबादी इससे लाभान्वित होगी. छिड़काव दल को प्रिंटेड पंजी, माइक्रो प्लान और सभी जरूरी सामान के साथ क्षेत्र में भेजा गया है. इस चक्र में 'कोरोना काल में दो गज की दूरी और घर में दो गज दवा का छिड़काव कालाजार से बचाव में जरूरी' का नारा दिया गया है.

आईआरएस द्वितीय चक्र के शुभारंभ के मौके पर डीभीडीसीओ कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम का संयुक्त रूप से उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. राकेश चंद्र सहाय वर्मा, एसीएमओ डॉ. सुरेंद्र कुमार चौधरी और डीभीबीडीसीओ डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने किया. मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि जिस मुकम्मल तैयारी और संकल्प के साथ डॉ रवींद्र कुमार यादव के नेतृत्व में कालाजार उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है, उससे आश्वस्त हूं कि जिले में कालाजार का जड़ से खात्मा हो जाएगा. एसीएमओ डॉ. सुरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि डॉ. यादव के नेतृत्व में सीतामढ़ी जिला कालाजार उन्मूलन के क्षेत्र में रोल मॉडल के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि ऐसी रणनीति और मुकम्मल व्यवस्था उन्होंने और कहीं नहीं देखी.

छिड़काव वाहन को हरी झंडी दिखाते अधिकारी
छिड़काव वाहन को हरी झंडी दिखाते अधिकारी

अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को सफलता का श्रेय
डीभीबीडीसीओ डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने सफलता का श्रेय क्षेत्र में जाकर काम करने वाले अपने अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को दिया और उनका उत्साहवर्धन किया. कहा कि जिस तरह कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों ने आईआरएस प्रथम चक्र में काम किया, उसी तरह इस चक्र में भी कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर-घर छिड़काव करेंगे. उन्होंने मौके पर कहा कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में समेकित प्रयास से सीतामढ़ी ने 2018 में ही कालाजार से मुक्त जिला होने का गौरव हासिल कर लिया. अब आगे कालाजार के मामले में शून्य की स्थिति बनाये रखने को लेकर प्रयासरत हैं. कार्यक्रम में केयर डिटीएल मानस कुमार, डीपीओ जूही सिंह, डीपीएम असित रंजन, भीडीसीओ प्रिंस कुमार, केटीएस राकेश, नवीन और एफएलए रजनीश कुमार सहित कार्यालय के सभी कर्मी मौजूद थे.

एक दल प्रतिदिन 70-72 घरों में करेंगे छिड़काव
डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने बताया कि एक छिड़काव दल प्रतिदिन 70-72 घरों में सिंथेटिक पायरेथ्रॉयड दवा का छिड़काव करेंगे. माइक्रो प्लान में बताया गया है कि किस दिन किस घर से किस घर तक दवा का छिड़काव करना है. उन्होंने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है. दवा का छिड़काव बालू मक्खी को मारने के लिए किया जाता है. छिड़काव सभी घरों (सोने का कमरा, पूजा घर, रसोई आदि ) में, घरों के बरामदा और गौशाला में दीवारों पर जमीन से छह फीट ( दो गज) ऊंचाई तक की जाती है.

सीतामढ़ी: राज्यभर में अपने अनूठे प्रयोगों के कारण कालाजार उन्मूलन में रोल मॉडल बन चुके जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय ने एक बार फिर से मुहिम तेज कर दी है. साल में दो बार होने वाले आईआरएस (इनडोर रेसीडुएल स्प्रे) के द्वितीय चक्र का सोमवार को डीभीबीडीसीओ कार्यालय से शुभारंभ हुआ. 64 छिड़काव दल को 16 प्रखंडों के 197 लक्षित ग्राम में 2,37,325 घरों में छिड़काव के लिए भेजा गया है.

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि जिले की 11, 72, 339 की आबादी इससे लाभान्वित होगी. छिड़काव दल को प्रिंटेड पंजी, माइक्रो प्लान और सभी जरूरी सामान के साथ क्षेत्र में भेजा गया है. इस चक्र में 'कोरोना काल में दो गज की दूरी और घर में दो गज दवा का छिड़काव कालाजार से बचाव में जरूरी' का नारा दिया गया है.

आईआरएस द्वितीय चक्र के शुभारंभ के मौके पर डीभीडीसीओ कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम का संयुक्त रूप से उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. राकेश चंद्र सहाय वर्मा, एसीएमओ डॉ. सुरेंद्र कुमार चौधरी और डीभीबीडीसीओ डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने किया. मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि जिस मुकम्मल तैयारी और संकल्प के साथ डॉ रवींद्र कुमार यादव के नेतृत्व में कालाजार उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है, उससे आश्वस्त हूं कि जिले में कालाजार का जड़ से खात्मा हो जाएगा. एसीएमओ डॉ. सुरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि डॉ. यादव के नेतृत्व में सीतामढ़ी जिला कालाजार उन्मूलन के क्षेत्र में रोल मॉडल के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि ऐसी रणनीति और मुकम्मल व्यवस्था उन्होंने और कहीं नहीं देखी.

छिड़काव वाहन को हरी झंडी दिखाते अधिकारी
छिड़काव वाहन को हरी झंडी दिखाते अधिकारी

अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को सफलता का श्रेय
डीभीबीडीसीओ डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने सफलता का श्रेय क्षेत्र में जाकर काम करने वाले अपने अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को दिया और उनका उत्साहवर्धन किया. कहा कि जिस तरह कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों ने आईआरएस प्रथम चक्र में काम किया, उसी तरह इस चक्र में भी कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर-घर छिड़काव करेंगे. उन्होंने मौके पर कहा कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में समेकित प्रयास से सीतामढ़ी ने 2018 में ही कालाजार से मुक्त जिला होने का गौरव हासिल कर लिया. अब आगे कालाजार के मामले में शून्य की स्थिति बनाये रखने को लेकर प्रयासरत हैं. कार्यक्रम में केयर डिटीएल मानस कुमार, डीपीओ जूही सिंह, डीपीएम असित रंजन, भीडीसीओ प्रिंस कुमार, केटीएस राकेश, नवीन और एफएलए रजनीश कुमार सहित कार्यालय के सभी कर्मी मौजूद थे.

एक दल प्रतिदिन 70-72 घरों में करेंगे छिड़काव
डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने बताया कि एक छिड़काव दल प्रतिदिन 70-72 घरों में सिंथेटिक पायरेथ्रॉयड दवा का छिड़काव करेंगे. माइक्रो प्लान में बताया गया है कि किस दिन किस घर से किस घर तक दवा का छिड़काव करना है. उन्होंने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है. दवा का छिड़काव बालू मक्खी को मारने के लिए किया जाता है. छिड़काव सभी घरों (सोने का कमरा, पूजा घर, रसोई आदि ) में, घरों के बरामदा और गौशाला में दीवारों पर जमीन से छह फीट ( दो गज) ऊंचाई तक की जाती है.

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