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कोरोना इफेक्ट: सीतामढ़ी में धूमधाम से नहीं मना जानकी जन्मोत्सव

मान्यता है कि वर्तमान जानकी स्थान में मां जानकी धरती के अंदर से प्रकट हुई थी. उसके बाद खूब बारिश हुई. इसलिए इस दिन जानकी नवमी के दिन जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर बारिश होना शुभ संकेत माना जाता है.

सीतामढी
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Published : May 1, 2020, 5:22 PM IST

सीतामढी: जिले में लॉक डाउन के वजह से जानकी जन्मोत्सव का आयोजन नहीं हो पाया. लोगों ने घरों में ही थाली बजाकर जानकी जन्मोत्सव मनाई. इस मौके पर श्रद्धालुओं के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन के लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जानकी जन्मोत्सव मनाया.

जिले में स्थित जानकी मंदिर में प्रत्येक साल जानकी जन्मोत्सव के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी. बहुत धूमधाम से मां जगत जननी सीता का जन्म उत्सव मनाई जाती थी. इस आयोजन में दूसरे प्रदेश से साधु संत भी शामिल होते थे. जन्मोत्सव से एक सप्ताह पहले से ही कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. लेकिन इस बार किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं किया गया है. जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर देश के जाने-माने भजन गायक अनूप जलोटा ने मां जगत जननी जानकी से ये विनती किया है कि इस कोरोना महामारी से देशवासियों की रक्षा करें और राष्ट्र का कल्याण हो.

सोशल डिंस्टेंस का रखा सभी ने ख्याल
इस साल मां जानकी जन्मस्थली जानकी स्थान मंदिर और पुनौरा धाम मंदिर में जानकी जन्मोत्सव का आयोजन नहीं किया जा सका. दोनों मंदिरों में इस साल इस मौके पर मंदिर के पुजारी ने ही मां जानकी की विशेष पूजा अर्चना की. वहीं, सांसद सुनील कुमार पिंटू और मंदिर कमिटी के सदस्यों के आह्वान पर जिला वासियों ने अपने घरों में थाली और ताली बजाकर जानकी जन्मोत्सव मनाया. सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भी अपने घर के बालकनी में पत्नी के साथ थाली और ताली बजाकर जानकी नवमी मनाया.

आज के दिन बारिश को शुभ माना जाता है
इस उत्सव को लेकर ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में मिथिला राज्य में घोर अकाल पड़ा था. जिसको लेकर साधु संतों के सुझाव पर राजा जनक हलेश्वर स्थान में यज्ञ और अनुष्ठान कर हल चलाना प्रारंभ किए. जिसके बाद वर्तमान जानकी स्थान में मां जानकी धरती के अंदर से प्रकट हुई थी. उसके बाद खूब बारिश हुई. जिससे पूरे मिथिला राज्य में चारों तरफ खुशहाली आ गई. इसलिए इस दिन जानकी नवमी के दिन जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर बारिश होना शुभ संकेत माना जाता है.

सीतामढी: जिले में लॉक डाउन के वजह से जानकी जन्मोत्सव का आयोजन नहीं हो पाया. लोगों ने घरों में ही थाली बजाकर जानकी जन्मोत्सव मनाई. इस मौके पर श्रद्धालुओं के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन के लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जानकी जन्मोत्सव मनाया.

जिले में स्थित जानकी मंदिर में प्रत्येक साल जानकी जन्मोत्सव के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी. बहुत धूमधाम से मां जगत जननी सीता का जन्म उत्सव मनाई जाती थी. इस आयोजन में दूसरे प्रदेश से साधु संत भी शामिल होते थे. जन्मोत्सव से एक सप्ताह पहले से ही कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. लेकिन इस बार किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं किया गया है. जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर देश के जाने-माने भजन गायक अनूप जलोटा ने मां जगत जननी जानकी से ये विनती किया है कि इस कोरोना महामारी से देशवासियों की रक्षा करें और राष्ट्र का कल्याण हो.

सोशल डिंस्टेंस का रखा सभी ने ख्याल
इस साल मां जानकी जन्मस्थली जानकी स्थान मंदिर और पुनौरा धाम मंदिर में जानकी जन्मोत्सव का आयोजन नहीं किया जा सका. दोनों मंदिरों में इस साल इस मौके पर मंदिर के पुजारी ने ही मां जानकी की विशेष पूजा अर्चना की. वहीं, सांसद सुनील कुमार पिंटू और मंदिर कमिटी के सदस्यों के आह्वान पर जिला वासियों ने अपने घरों में थाली और ताली बजाकर जानकी जन्मोत्सव मनाया. सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भी अपने घर के बालकनी में पत्नी के साथ थाली और ताली बजाकर जानकी नवमी मनाया.

आज के दिन बारिश को शुभ माना जाता है
इस उत्सव को लेकर ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में मिथिला राज्य में घोर अकाल पड़ा था. जिसको लेकर साधु संतों के सुझाव पर राजा जनक हलेश्वर स्थान में यज्ञ और अनुष्ठान कर हल चलाना प्रारंभ किए. जिसके बाद वर्तमान जानकी स्थान में मां जानकी धरती के अंदर से प्रकट हुई थी. उसके बाद खूब बारिश हुई. जिससे पूरे मिथिला राज्य में चारों तरफ खुशहाली आ गई. इसलिए इस दिन जानकी नवमी के दिन जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर बारिश होना शुभ संकेत माना जाता है.

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