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चप्पल चोर हो जाएं सावधान! सुरक्षा के लिए तैनात है जवान - sadar hospital

जिले अस्पताल से गायब हो रही चप्पलों के बाद अस्पताल प्रशासन ने ऐसा कदम उठाया है, जो सुर्खिया बटोर रहा है.

चप्पल चोरी
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Published : Jul 9, 2019, 6:08 PM IST

सीतामढ़ी: कभी ना कभी आपकी चप्पल मंदिर या सार्वजनिक स्थान से गायब हो गई होगी. उस दिन से आप भी चप्पल की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए होंगे. ऐसा ही कुछ सीतामढ़ी के सदर अस्पताल में हुआ. यहां चप्पलों की सुरक्षा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां तैनात चप्पलों को लेकर पुलिसिया इंतजाम और चप्पलों पर खास तरह के कट का निशान सुर्खियां बटोर रहा है.

जिले के सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में विभागीय चप्पल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ खास इंतजाम अपनाए गए हैं. विशेष व्यवस्था के तहत सुरक्षाकर्मी की भी तैनाती की गई है. जो चप्पल पर 24 घंटे अपनी पैनी निगाह बनाए हुए हैं.

footwear security in sadar hospital sitamarhi
चप्पलों पर खास तरह के निशान

20 मई 2016 से संचालित यह खास वार्ड चप्पलों की सुरक्षा को लेकर चर्चा में बना हुआ है. वार्ड को गंदगी और संक्रमण से बचाने के लिए बाहरी चप्पल, जूतों के प्रवेश पर रोक लगी हुई है. अंदर जाने के लिए विभाग की ओर से 20 जोड़ी चप्पलें खरीदी गई हैं. लेकिन वार्ड में आने-जाने वाले व्यक्ति अक्सर उन चप्पलों को गायब कर देते था. अब नई व्यवस्था के तहत वार्ड से चप्पल चुराना आसान नहीं रहा.

चप्पलों की सुरक्षा पर खास रिपोर्ट

ये निशान और पुलिसिया इंतजाम, वाह!
खास बात अब यह है कि जिस दिन चप्पलों को खरीदा जाता है. उसी रोज ही उसके अगले और पिछले हिस्से को काट कार खास पहचान दे दी जाती है.

footwear security in sadar hospital sitamarhi
चप्पल पहने नर्स

कट का निशान लगाते ही चप्पलों की अपनी एक अलग पहचान बन जाती है. गायब होने पर भी उसकी पहचान आसानी से कर ली जाए. इसके साथ ही 24 घंटे उसकी पहरेदारी के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है. जो एक अनोखी और अजूबा पहल है.

सीतामढ़ी: कभी ना कभी आपकी चप्पल मंदिर या सार्वजनिक स्थान से गायब हो गई होगी. उस दिन से आप भी चप्पल की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए होंगे. ऐसा ही कुछ सीतामढ़ी के सदर अस्पताल में हुआ. यहां चप्पलों की सुरक्षा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां तैनात चप्पलों को लेकर पुलिसिया इंतजाम और चप्पलों पर खास तरह के कट का निशान सुर्खियां बटोर रहा है.

जिले के सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में विभागीय चप्पल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ खास इंतजाम अपनाए गए हैं. विशेष व्यवस्था के तहत सुरक्षाकर्मी की भी तैनाती की गई है. जो चप्पल पर 24 घंटे अपनी पैनी निगाह बनाए हुए हैं.

footwear security in sadar hospital sitamarhi
चप्पलों पर खास तरह के निशान

20 मई 2016 से संचालित यह खास वार्ड चप्पलों की सुरक्षा को लेकर चर्चा में बना हुआ है. वार्ड को गंदगी और संक्रमण से बचाने के लिए बाहरी चप्पल, जूतों के प्रवेश पर रोक लगी हुई है. अंदर जाने के लिए विभाग की ओर से 20 जोड़ी चप्पलें खरीदी गई हैं. लेकिन वार्ड में आने-जाने वाले व्यक्ति अक्सर उन चप्पलों को गायब कर देते था. अब नई व्यवस्था के तहत वार्ड से चप्पल चुराना आसान नहीं रहा.

चप्पलों की सुरक्षा पर खास रिपोर्ट

ये निशान और पुलिसिया इंतजाम, वाह!
खास बात अब यह है कि जिस दिन चप्पलों को खरीदा जाता है. उसी रोज ही उसके अगले और पिछले हिस्से को काट कार खास पहचान दे दी जाती है.

footwear security in sadar hospital sitamarhi
चप्पल पहने नर्स

कट का निशान लगाते ही चप्पलों की अपनी एक अलग पहचान बन जाती है. गायब होने पर भी उसकी पहचान आसानी से कर ली जाए. इसके साथ ही 24 घंटे उसकी पहरेदारी के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है. जो एक अनोखी और अजूबा पहल है.

Intro:सदर अस्पताल में कटे चप्पल की पुलिस कर रही रखवाली। चोरी की भय से पुलिसिया पहरा जारी और दिया गया खास पहचान।


Body:चप्पल जूते की भी अपनी एक अलग अहमियत है। तभी तो अस्पताल हो या मंदिर हर जगह पर चप्पल जूते को लेकर विशेष व्यवस्था की जाती है। क्योंकि पहनने वाले इसको लेकर हमेशा सशंकित और चिंतित रहते हैं। और यह चिंता भी लाजमी होता है। क्योंकि खास जगह पर चप्पल जूते सुरक्षित नहीं होते। वह हमेशा चोरों के रडार पर रहता है। इसलिए इसकी हिफाजत के लिए तरह तरह की व्यवस्था की जाती है। और इस चप्पल जूते को लेकर प्रसिद्ध गायक द्वारा गाना भी गाया जा चुका है। बड़े-बड़े मंदिरों में तो चप्पल जूते की सुरक्षा को लेकर काउंटर भी बनाए गए हैं। जहां टोकन देकर पहले उसे सुरक्षित किया जाता है। लेकिन जिले के सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में विभागीय चप्पल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ खास अंदाज अपनाए गए हैं। और विशेष व्यवस्था के तहत सुरक्षाकर्मी की भी तैनाती की गई है। जो चप्पल पर 24 घंटे अपनी पैनी निगाह बनाए हुए हैं। 20 मई 2016 से संचालित यह खास वार्ड चप्पलों की सुरक्षा को लेकर चर्चा में बना हुआ है। वार्ड को गंदगी और संक्रमण से बचाने के लिए बाहरी चप्पल जूतों के प्रवेश पर रोक लगी हुई है। और अंदर जाने के लिए विभाग की ओर से 20 जोड़ी चप्पल खरीद की गई है। लेकिन वार्ड में आने जाने वाला व्यक्ति अक्सर उन चप्पलों को गायब कर देता था। अब नई व्यवस्था के तहत वार्ड से चप्पल चुराना आसान नहीं रहा। खास बात अब यह है कि जिस दिन चप्पल खरीद होती है। उसी रोज ही उसके अगले और पिछले हिस्से को काट कार खास पहचान दे दिया जाता है। ताकि उसकी अपनी एक अलग पहचान रहे। और गायब होने पर भी उसकी पहचान आसानी से कर ली जाए । इसके साथ ही 24 घंटे उसकी पहरेदारी के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है। जो एक अनोखा और अजूबा पहल है। विजुअल--1. बाइट---1. चप्पल की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड जवान। बाइट---2. अशोक कुमार। स्वास्थ्य कर्मी एसएनसीयू वार्ड। सदर अस्पताल। पी टू सी------


Conclusion:पी टू सी----राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
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