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स्कूल में चापाकल से पानी नहीं सांप का 'जहर' पी रहे थे छात्र, पहुंचे अस्पताल

सीतामढ़ी में स्कूल के दर्जन भर बच्चे बीमार हो गये. बच्चे पेट व सिर दर्द से कराह रहे थे. इसके चलते स्कूल में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. बीमार बच्चों को इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया. जब जांच की गयी तो सबके होश उड़ गये. चापाकल में मरा सांप पाया गया. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Mar 29, 2022, 7:27 AM IST

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सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में सुप्पी प्रखंड क्षेत्र के कंसारा राजकीय उत्क्रमित विद्यालय (उत्तरी) में उस समय अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब विद्यालय प्रांगण में स्थित चापाकल का पानी पीते ही दर्जनों बच्चे बीमार (children sick in Sitamarhi) हो गए. विद्यालय के बच्चों ने जैसे ही चापाकल से पानी पिया उनके पेट में दर्द होने लगा. इसकी सूचना बच्चों ने विद्यालय के प्रधानाचार्य शशि शेखर प्रसाद उर्फ झुन्नू सिंह को दी. चापाकल का पानी दूषित होने बच्चों की आशंका को दूर करने के लिए प्रधानाध्यापक और एक अन्य शिक्षक ने वही पानी पी लिया. वे दोनों भी अस्वस्थ हो गये. इसके बाद बीमार बच्चों को इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया. बच्चे स्वस्थ व खतरे से बाहर हैं.

स्थानीय लोगों के मुताबिक स्कूल निर्धारित समय पर खुला था. बच्चे स्कूल पहुंच गये थे. प्यास लगने पर कुछ बच्चों ने स्कूल परिसर में स्थित चापाकल से पानी पीया. अचानक एक-एक कर करीब दर्जन भर बच्चे पेट व सिर दर्द की शिकायत करने लगे. कुछ समय तक किसी को यह समझ नहीं आया कि आखिर क्या हुआ है. प्रधान शिक्षक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अस्वस्थ बच्चों को तुरंत पीएचसी में भर्ती कराया जहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार गुप्ता की मौजूदगी में डॉक्टर मनोज कुमार (दंत चिकित्सक) और डॉक्टर रामनाथ राय (एमबीबीएस) ने सभी बच्चों का तुरंत उपचार किया.

ये भी पढ़ें: बिहार दिवस: स्टॉल पर खाने के बाद 150 से अधिक बच्चे बीमार, PMCH में 11 भर्ती, अस्थाई अस्पताल में 60 इलाजरत

डॉ. गुप्ता ने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं. वे हमारी निगरानी में हैं. बच्चे जब यहां आए थे तब उन्हें पेट में दर्द, सिर दर्द, बेचैनी की शिकायत थी. इसके बाद उनकी जांच की गई. रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की घबराने वाली बात सामने नहीं आई है. विद्यालय के प्रधानाचार्य शशि शेखर प्रसाद ने बताया कि रविवार को विद्यालय बंद था. विद्यालय में बाउंड्री वॉल और मुख्य दरवाजा ना होने के कारण किसी उपद्रवी तत्व द्वारा चापाकल में ढोडिया सांप को मार कर रख दिया (dead snake found inside hand pump) गया था. दूसरे दिन सोमवार को विद्यालय खुलने के बाद आए बच्चों ने जैसे ही पानी पिया, वे बीमार पड़ने लगे. बच्चों ने जैसे ही इस बात की सूचना मुझे दी, मैंने तुरंत प्राथमिक उपचार हेतु उन्हें ससौला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया.

ये भी पढ़ें: पटना में कई स्कूली बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार, बिहार दिवस में हुए थे शामिल

बीमार बच्चों में आदर्श चौहान, आदर्श कुमार, खुशी कुमारी, आयुष कुमार, सत्यम कुमार, टीना कुमारी, रिचा कुमारी, निशा कुमारी, नीतू कुमारी, मोती कुमारी, शबनम कुमारी शामिल हैं. विद्यालय के प्रधानाचार्य शशि शेखर प्रसाद और शिक्षक भावेश सिंह अस्वस्थ हुए थे. घटना की सूचना प्राप्त होते ही प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि नागेन्द्र राय, ससौला मुखिया हेमंत मिश्रा, नरहा पंचायत के मुखिया अरुणोदय प्रकाश, मुखिया संघ अध्यक्ष मनोज सिंह पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना. उन्होंने चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली.

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सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में सुप्पी प्रखंड क्षेत्र के कंसारा राजकीय उत्क्रमित विद्यालय (उत्तरी) में उस समय अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब विद्यालय प्रांगण में स्थित चापाकल का पानी पीते ही दर्जनों बच्चे बीमार (children sick in Sitamarhi) हो गए. विद्यालय के बच्चों ने जैसे ही चापाकल से पानी पिया उनके पेट में दर्द होने लगा. इसकी सूचना बच्चों ने विद्यालय के प्रधानाचार्य शशि शेखर प्रसाद उर्फ झुन्नू सिंह को दी. चापाकल का पानी दूषित होने बच्चों की आशंका को दूर करने के लिए प्रधानाध्यापक और एक अन्य शिक्षक ने वही पानी पी लिया. वे दोनों भी अस्वस्थ हो गये. इसके बाद बीमार बच्चों को इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया. बच्चे स्वस्थ व खतरे से बाहर हैं.

स्थानीय लोगों के मुताबिक स्कूल निर्धारित समय पर खुला था. बच्चे स्कूल पहुंच गये थे. प्यास लगने पर कुछ बच्चों ने स्कूल परिसर में स्थित चापाकल से पानी पीया. अचानक एक-एक कर करीब दर्जन भर बच्चे पेट व सिर दर्द की शिकायत करने लगे. कुछ समय तक किसी को यह समझ नहीं आया कि आखिर क्या हुआ है. प्रधान शिक्षक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अस्वस्थ बच्चों को तुरंत पीएचसी में भर्ती कराया जहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार गुप्ता की मौजूदगी में डॉक्टर मनोज कुमार (दंत चिकित्सक) और डॉक्टर रामनाथ राय (एमबीबीएस) ने सभी बच्चों का तुरंत उपचार किया.

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डॉ. गुप्ता ने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं. वे हमारी निगरानी में हैं. बच्चे जब यहां आए थे तब उन्हें पेट में दर्द, सिर दर्द, बेचैनी की शिकायत थी. इसके बाद उनकी जांच की गई. रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की घबराने वाली बात सामने नहीं आई है. विद्यालय के प्रधानाचार्य शशि शेखर प्रसाद ने बताया कि रविवार को विद्यालय बंद था. विद्यालय में बाउंड्री वॉल और मुख्य दरवाजा ना होने के कारण किसी उपद्रवी तत्व द्वारा चापाकल में ढोडिया सांप को मार कर रख दिया (dead snake found inside hand pump) गया था. दूसरे दिन सोमवार को विद्यालय खुलने के बाद आए बच्चों ने जैसे ही पानी पिया, वे बीमार पड़ने लगे. बच्चों ने जैसे ही इस बात की सूचना मुझे दी, मैंने तुरंत प्राथमिक उपचार हेतु उन्हें ससौला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया.

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बीमार बच्चों में आदर्श चौहान, आदर्श कुमार, खुशी कुमारी, आयुष कुमार, सत्यम कुमार, टीना कुमारी, रिचा कुमारी, निशा कुमारी, नीतू कुमारी, मोती कुमारी, शबनम कुमारी शामिल हैं. विद्यालय के प्रधानाचार्य शशि शेखर प्रसाद और शिक्षक भावेश सिंह अस्वस्थ हुए थे. घटना की सूचना प्राप्त होते ही प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि नागेन्द्र राय, ससौला मुखिया हेमंत मिश्रा, नरहा पंचायत के मुखिया अरुणोदय प्रकाश, मुखिया संघ अध्यक्ष मनोज सिंह पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना. उन्होंने चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली.

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