सीतामढ़ी: सीतामढ़ी डीएम डॉ रंजीत कुमार सिंह का आदेश जमीन पर नहीं उतर पा रहा है. डीएम साहब सदर अस्पताल को लेकर भले ही गंभीरता दिखला रहे हैं लेकिन उनके आदेश का पालन अब तक नहीं हो पाया है. अस्पताल में विधी-व्यवस्था के लिए सुरक्षाकर्मियों की बहाली अधर में लटका है.
चुनाव के बाद रंजीत कुमार सिंह पुनः जिले के डीएम बने. पदभार ग्रहण के दूसरे दिन सदर अस्पताल में जच्चा और बच्चा की मौत पर हंगामा हुआ था. मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने अस्पताल में 24 घंटे के अंदर 10 सैफ और बिहार पुलिस के हथियारबंद जवानों की तैनाती का आश्वासन दिया. हालांकि जिलाधिकारी का आश्वासन कोरा ही रह गया.
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डीएम के आदेश का नहीं हो रहा पालन
इसके बाद भी एक मरीज के मौत होते ही हंगामा हुआ. परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड में जमकर तोड़फोड़ की. डॉक्टर पर जानलेवा हमला भी किया गया. नतीजन, आक्रोशित स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों ने सेवा ठप करते हुए हड़ताल किया था. जिलाधिकारी ने 24 घंटे के भीतर हथियार से लैस जवानों की तैनाती की बात पुनः दुहरायी. लेकिन आज तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं हो पाया. सुरक्षा के व्यवस्था नहीं होने से लिहाजा डॉक्टर और कर्मी बेहद चिंतित रहते है. डीएम के खोखले आदेश की चर्चा भी जोरों पर है. आदेश का पालन समय पर नहीं होने के कारण लोग इसकी तीव्र निंदा भी कर रहे हैं. डीएम के क्रियाकलाप पर सवाल भी उठाने लगे हैं.
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अस्पताल प्रशासन ने शुरू की टेंडर की प्रक्रिया
अस्पताल का सुरक्षा का जिम्मा लाठी युक्त होमगार्ड के हवाले है. अक्सर हंगामे में होमगार्ड के जवान मूकदर्शक बन देखते रह जाते हैं. प्रशासन के रवैये से निराश अस्पताल प्रशासन ने हथियारबंद सुरक्षाकर्मी के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अस्पताल में जल्द से जल्द सुरक्षा कर्मी की तैनाती करने की कोशिश की जा रही है.