सीतामढ़ी: डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने समाहरणालय सभाकक्ष में गुरुवार को बाढ़ के पूर्व तैयारियों को लेकर बैठक की. बैठक में डीएम ने विस्तृत समीक्षा कर तटबंधों का निरीक्षण और सुरक्षा, वर्षापात और नदियों के जलस्तर पर नजर रखने का निर्देश दिया. साथ ही नावों की उपलब्धता और उनका निबंधन, मानव और पशुओं के लिए चिन्हित शरण स्थली की वर्तमान स्थिति, मानव और पशुओं के लिए सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता को लेकर भी कई निर्देश दिए गए.
पशुओं के लिए 50 शरण स्थली
डीएम ने बैठक में खाद्यान्न की उपलब्धता, गोताखोरों की सूची, आपदा मित्रों की उपयोगिता, सड़कों की मरम्मती, संचार योजना, बाढ़ की स्थिति में आकस्मिक फसल योजना और बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि उपलब्धता आदि के संबंध में कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए. समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिले में 226 बाढ़ शरण स्थली की पहचान की गई है. वहीं पशुओं के लिए 50 शरण स्थली को चिन्हित किया गया है.
आवश्यक सुविधाओं का निरीक्षण
डीएम ने निर्देश दिया कि सभी शरण स्थली का भौतिक सत्यापन कर वहां सभी आवश्यक सुविधाओं का निरीक्षण कर लें. विशेषकर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और शौचालय की व्यवस्था को जरूर देख लें. मानव दवा की उपलब्धता और पशुओं की दवा की उपलब्धता को लेकर डीएम ने उपस्थित एसीएमओ को निर्देश दिया कि डायरिया, सर्पदंश सहित सभी आवश्यक मानव दवाओं और पशुओं की सभी आवश्यक दवा ससमय उपलब्ध करना सुनिश्चित करेंगे.
तटबंधों का नियमित निरीक्षण
डीएम ने उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दवा के पैकेट में एक पंपलेट भी अनिवार्य रूप से डालें. जिसमें किस दवा का कब और कैसे उपयोग करना है, यह प्रदर्शित होना चाहिए. साथ ही ब्लीचिंग पाउडर के प्रभावकारी छिड़काव को लेकर अभी से ही पिछले अनुभवों को देखते हुए पूरी प्लानिंग कर लें. डीएम ने निर्देश दिया कि गोताखोरों की सूची और मोबाइल नंबर जिला नियंत्रण कक्ष को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने जिला संचार योजना को लेकर निर्देश दिया कि इसमें जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक सभी महत्वपूर्ण मोबाइल नंबर शामिल करेंगे. उन्होंने कहा कि तटबंधों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें.
नियंत्रण कक्ष की स्थापना
डीएम ने निर्देश दिया कि बाढ़ के समय प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसको लेकर अभी से ही लिस्ट बना लें. इसके अतिरिक्त पॉलिथीन सीट की उपलब्धता, पशु चारे की उपलब्धता, खाद्यान्न के संधारण के लिए गोदामों का चिन्हित किया जाना, नाव की उपलब्धता और उनका निबंधन किया जाना, आपातकालीन संचालन केंद्र और नियंत्रण कक्ष की स्थापना आदि को लेकर भी समीक्षा के बाद डीएम ने संबंधित अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.