सीतामढ़ीः रसलपुर पंचायत में फसल कटनी प्रयोग की जानकारी लेने गई डीएम अभिलाषा कुमारी ने खेत में हंसिया थाम कर अगहनी धान की कटाई की. उनकी इस सकारात्मक अनोखी पहल को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान डीएम ने रसलपुर पंचायत वाजितपुर धर्मकांटा गांव में फसल कटनी प्रयोग के हर बिंदुओं पर जानकारी ली.
डीएम ने की फसल की गुणवत्ता की जांच
दरअसल फसल कटनी प्रयोग के आंकड़ो की शुद्धता, पारदर्शिता और गुणवत्ता की जांच के लिए जिला और प्रखंड के विभिन्न स्तर के पदाधिकारी फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण करते हैं. इसी के तहत फसल कटनी प्रयोग के प्रत्येक बिंदुओं पर जिलाधिकारी ने फसल की जानकारी प्राप्त की.
अधिसूचित फसल है अगहनी धान
गौरतलब हो की बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत अगहनी धान एक अधिसूचित फसल है. इस योजना के अंतर्गत जिला के सभी प्रखंड के प्रत्येक पंचायत में पांच-पांच प्रयोग सम्पादित किया जाता है. फसल कटनी प्रयोग 10×5 मीटर भूखण्ड में किया जाता है. खेसरा और भूखंड का निर्धारण वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर यादृच्छिक प्रणाली के जरिए किया जाता है.
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उत्पादकता के आधार पर होती है क्षतिपूर्ति
सीतामढ़ी जिला में कुल 250 पंचायत में 1250 प्रयोग सम्पादित किया जाना है. फसल कटनी प्रयोग की उपयोगिता फसल उत्पादकता ज्ञात करने के साथ ही किसान की क्षतिपूर्ति का संधारण करना भी है. फसल कटनी प्रयोग से ज्ञात उत्पादकता के आधार पर ही सहकारिता विभाग किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति करती है.
19.520किलो धान हुआ प्राप्त
अगहनी धान फसल कटनी प्रयोग के बाद धान फसल के हरे दाने का वजन 19.520किलो प्राप्त हुआ. जिसके आधार पर उक्त फसल का प्रति हेक्टेयर 39.00 क्विंटल उपज होने का अनुमान लगाया गया. जो पिछले साल किसान द्वारा बताए गए उत्पादकता दर के अनुरूप सामान्य से अच्छा है.
'आधुनिक पद्धति के आधार पर खेती की जाय'
इस संबंध में डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि किसान के जरिए खेती में आ रही कठिनाइयों के संबंध में भी जानकारी ली और कई निर्देश भी दिए. ताकि आधुनिक पद्धति के आधार पर खेती की जाय. उन्होंने कहा कि सरकार द्वार कृषि के लिए चलाई जा रही योजनाओं का किसानों को भरपूर लाभ उठाना चाहिए. जिसके लिए हमें हर संभव उनकी मदद करनी होगी.