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सीतामढ़ी नगर पंचायत का ये है हाल, शहर में चारो ओर फैली गंदगी

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Published : Feb 2, 2020, 12:46 PM IST

स्थानीय लोगों के मुताबिक विभाग और सरकार की उदासीनता के कारण यह नगर पंचायत नरक पंचायत बनकर रह गया है. अधिकारी के नहीं रहने की वजह से पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिसकी सफाई तक नहीं हो पा रही है.

गंदगी का अंबार
गंदगी का अंबार

सीतामढ़ी: जिले के बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी का पद महीनों से खाली पड़ा है. जिसकी वजह से सभी तरह के विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं. इसको लेकर जनता में आक्रोश का माहौल बना हुआ है. बता दें कि इस नगर पंचायत क्षेत्र में कुल 13 वार्ड हैं. जहां कबीर अंत्येष्टि योजना, मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री आवास योजना, नाला निर्माण और सात निश्चय योजना का सभी काम पूरी तरह से ठप है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक विभाग और सरकार की उदासीनता के कारण यह नगर पंचायत नरक पंचायत बनकर रह गया है. अधिकारी के नहीं रहने की वजह से पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिसकी सफाई तक नहीं हो पा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कार्यपालक अधिकारी का पद पड़ा है खाली
नगर पंचायत के चेयरमैन रणधीर कुमार, वार्ड 8 का वार्ड कमिश्नर वीरेंद्र प्रसाद सहित अन्य वार्ड कमिश्नरों ने बताया कि 18 फरवरी 2019 को रवि कुमार कार्यपालक पदाधिकारी ज्वाइन किए थे. लेकिन वो 18 सितंबर 2019 को अपना त्यागपत्र देकर चले गए. तब से नगर पंचायत कार्यालय में कार्यपालक अधिकारी का पद खाली पड़ा है. जिलाधिकारी को इस संबंध में बताया गया. तो उन्होंने पुपरी नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी अजीत कुमार शर्मा को प्रभारी कार्यपालक अधिकारी बना दिया. लेकिन अजीत कुमार शर्मा पहले से ही सुरसंड नगर पंचायत के प्रभार में थे. इसलिए उन्होंने बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार लेने से इनकार करते हुए विभागीय सचिव और डीएम को लिखित रुप से अवगत करा दिया.

sitamarhi
स्थानीय

'सड़क पर उतरने की चेतावनी'
अजीत कुमार शर्मा आज तक बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय नहीं पहुंचे. ऐसे में 20 करोड़ की राशि ऐसे ही पड़ी हुई है. न ही किसी तरह का विकास कार्य नहीं हो पा रहा है. इसलिए सभी वार्ड की जनता में व्यवस्था को लेकर आक्रोश बना हुआ है. जनता सड़क पर उतरने की चेतावनी दे रही है. लेकिन इसका निदान वरीय अधिकारी और विभागीय मंत्री के स्तर से नहीं किया जा रहा है. सभी विकास की राशि मार्च के अंतिम सप्ताह तक वापस हो जाएगी. इसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाएगा. उस दौरान कोई भी विकास कार्य करना मुश्किल होगा.

'प्रभार लेने में हूं असमर्थ'
पुपरी के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सुरसंड नगर पंचायत का प्रभार उनके पास पहले से ही था. इसके बाद बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार भी दे दिया गया. एक साथ तीन नगर पंचायत कार्यालय को संभालना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था. इसलिए मैंने विभागीय सचिव और डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा को लिखित रुप में यह जानकारी दे दी है कि मैं बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार लेने में असमर्थ हूं.

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नगर पंचायत बना नरक पंचायत

कम दिनों में ही दे दिया त्यागपत्र
कार्यपालक पदाधिकारी की अनिच्छा के संबंध में नगर पंचायत कार्यालय से जुड़े सूत्रों का बताना है कि 4 साल पहले जनप्रतिनिधियों ने दबाव बनाकर करीब एक करोड़ रुपए का घोटाला किया था. जिसमें प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी और तत्कालीन चेयरमैन सहित कई वार्ड सदस्य गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे. इसके बाद से ही कोई भी कार्यपालक पदाधिकारी बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय में अपना योगदान देना मुनासिब नहीं समझते थे. वहीं, सूत्रों के मुताबिक रवि कुमार कार्यपालक पदाधिकारी काफी कम दिनों में ही त्यागपत्र देकर लौट गए. इसका कारण है कि नगर पंचायत से जुड़े जनप्रतिनिधि ने उन पर बार-बार दबाव बनाकर उन्हें तरह-तरह की धमकियां दिया करते थे.

सीतामढ़ी: जिले के बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी का पद महीनों से खाली पड़ा है. जिसकी वजह से सभी तरह के विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं. इसको लेकर जनता में आक्रोश का माहौल बना हुआ है. बता दें कि इस नगर पंचायत क्षेत्र में कुल 13 वार्ड हैं. जहां कबीर अंत्येष्टि योजना, मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री आवास योजना, नाला निर्माण और सात निश्चय योजना का सभी काम पूरी तरह से ठप है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक विभाग और सरकार की उदासीनता के कारण यह नगर पंचायत नरक पंचायत बनकर रह गया है. अधिकारी के नहीं रहने की वजह से पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिसकी सफाई तक नहीं हो पा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कार्यपालक अधिकारी का पद पड़ा है खाली
नगर पंचायत के चेयरमैन रणधीर कुमार, वार्ड 8 का वार्ड कमिश्नर वीरेंद्र प्रसाद सहित अन्य वार्ड कमिश्नरों ने बताया कि 18 फरवरी 2019 को रवि कुमार कार्यपालक पदाधिकारी ज्वाइन किए थे. लेकिन वो 18 सितंबर 2019 को अपना त्यागपत्र देकर चले गए. तब से नगर पंचायत कार्यालय में कार्यपालक अधिकारी का पद खाली पड़ा है. जिलाधिकारी को इस संबंध में बताया गया. तो उन्होंने पुपरी नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी अजीत कुमार शर्मा को प्रभारी कार्यपालक अधिकारी बना दिया. लेकिन अजीत कुमार शर्मा पहले से ही सुरसंड नगर पंचायत के प्रभार में थे. इसलिए उन्होंने बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार लेने से इनकार करते हुए विभागीय सचिव और डीएम को लिखित रुप से अवगत करा दिया.

sitamarhi
स्थानीय

'सड़क पर उतरने की चेतावनी'
अजीत कुमार शर्मा आज तक बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय नहीं पहुंचे. ऐसे में 20 करोड़ की राशि ऐसे ही पड़ी हुई है. न ही किसी तरह का विकास कार्य नहीं हो पा रहा है. इसलिए सभी वार्ड की जनता में व्यवस्था को लेकर आक्रोश बना हुआ है. जनता सड़क पर उतरने की चेतावनी दे रही है. लेकिन इसका निदान वरीय अधिकारी और विभागीय मंत्री के स्तर से नहीं किया जा रहा है. सभी विकास की राशि मार्च के अंतिम सप्ताह तक वापस हो जाएगी. इसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाएगा. उस दौरान कोई भी विकास कार्य करना मुश्किल होगा.

'प्रभार लेने में हूं असमर्थ'
पुपरी के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सुरसंड नगर पंचायत का प्रभार उनके पास पहले से ही था. इसके बाद बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार भी दे दिया गया. एक साथ तीन नगर पंचायत कार्यालय को संभालना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था. इसलिए मैंने विभागीय सचिव और डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा को लिखित रुप में यह जानकारी दे दी है कि मैं बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार लेने में असमर्थ हूं.

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नगर पंचायत बना नरक पंचायत

कम दिनों में ही दे दिया त्यागपत्र
कार्यपालक पदाधिकारी की अनिच्छा के संबंध में नगर पंचायत कार्यालय से जुड़े सूत्रों का बताना है कि 4 साल पहले जनप्रतिनिधियों ने दबाव बनाकर करीब एक करोड़ रुपए का घोटाला किया था. जिसमें प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी और तत्कालीन चेयरमैन सहित कई वार्ड सदस्य गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे. इसके बाद से ही कोई भी कार्यपालक पदाधिकारी बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय में अपना योगदान देना मुनासिब नहीं समझते थे. वहीं, सूत्रों के मुताबिक रवि कुमार कार्यपालक पदाधिकारी काफी कम दिनों में ही त्यागपत्र देकर लौट गए. इसका कारण है कि नगर पंचायत से जुड़े जनप्रतिनिधि ने उन पर बार-बार दबाव बनाकर उन्हें तरह-तरह की धमकियां दिया करते थे.

Intro:नगर पंचायत कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी का पद महीनों से रिक्त। नहीं हो रहा विकास कार्य जनता में आक्रोश व्याप्त।


Body:जिले के बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी का पद महीनों से रिक्त पड़ा है इसलिए सभी तरह का विकास कार्य पूरी तरह ठप है। जिसको लेकर जनता में आक्रोश व्याप्त है। इस नगर पंचायत क्षेत्र में कुल 13 वार्ड हैं जहां कबीर अंत्येष्टि योजना, मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री आवास योजना, नाला निर्माण और सात निश्चय योजना का सभी काम पूरी तरह से ठप है। पदाधिकारी के नहीं रहने के कारण पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। जिसकी सफाई तक नहीं हो पा रही है। स्थानीय लोगों का बताना है कि विभाग और सरकार की उदासीनता के कारण यह नगर पंचायत नरक पंचायत बनकर रह गया है।
बाइट टू बाइट 1, मोहम्मद नेहाल। वार्ड नंबर 5 निवासी। नगर पंचायत क्षेत्र बेलसंड। चश्मा में।
2, दिनेश साहनी। वार्ड नंबर 5 निवासी। नगर पंचायत क्षेत्र बेलसंड।
इस संबंध में पूछे जाने पर नगर पंचायत के चेयरमैन रणधीर कुमार ओर वार्ड 8 का वार्ड कमिश्नर वीरेंद्र प्रसाद सहित अन्य वार्ड कमिश्नर ने बताया कि 18 फरवरी 2019 को रवि कुमार कार्यपालक पदाधिकारी ज्वाइन किए थे।लेकिन उन्होंने 18 सितंबर 2019 को अपना त्यागपत्र देकर चले गए तब से नगर पंचायत कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी का पद रिक्त पड़ा है। जिलाअधिकारी को इस संबंध में अवगत कराया गया तो उन्होंने पुपरी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार शर्मा को प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी बनाया। लेकिन अजीत कुमार शर्मा पहले से ही सुरसंड नगर पंचायत के प्रभार में थे। इसलिए उन्होंने बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार लेने से इनकार करते हुए विभागीय सचिव और डीएम को लिखित रूप से अवगत करा दिया और आज तक बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय नहीं आए। लिहाजा 20 करोड़ की राशि पड़ी हुई है लेकिन किसी भी तरह का विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। इसलिए सभी वार्ड की जनता में व्यवस्था को लेकर आक्रोश व्याप्त है। जनता सड़क पर उतरने की चेतावनी दे रही है। लेकिन इसका निदान वरीय पदाधिकारी और विभागीय मंत्री के स्तर से नहीं किया जा रहा है। सभी विकास की राशि मार्च माह के अंतिम तक वापस हो जाएगी। इसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाएगा उस दौरान कोई भी विकास कार्य करना मुश्किल होगा।
बाइट टू बाइट 3, रणधीर कुमार। चेयरमैन नगर पंचायत बेलसंड। उजला शर्ट और काला बंडी मफलर में।
4, वीरेंद्र प्रसाद। वार्ड कमिश्नर वार्ड नंबर 5 नगर पंचायत बेलसंड। पीला शर्ट और भूरा मफलर में।
इस संबंध में पूछे जाने पर पुपरी के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सुरसंड नगर पंचायत का प्रभार पूर्व से था ऊपर से बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार दे दिया गया। एक साथ तीन नगर पंचायत कार्यालय को संभालना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था। इसलिए मैंने विभागीय सचिव और डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा को लिखित रूप से यह जानकारी दे दिया हूं कि मैं बेलसंड नगर पंचायत का प्रभार लेने में असमर्थ हूं।


Conclusion:हालांकि कार्यपालक पदाधिकारी की अनिच्छा के संबंध में नगर पंचायत कार्यालय से जुड़े सूत्रों का बताना है कि 4 वर्ष पूर्व जनप्रतिनिधियों ने दबाव बनाकर करीब एक करोड़ रुपए का घोटाला कर लिया था। जिसमें प्राथमिकी दर्ज हुई थी और तत्कालीन चेयरमैन सहित कई वार्ड सदस्य गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। इसके बाद से ही कोई भी कार्यपालक पदाधिकारी बेलसंड नगर पंचायत कार्यालय में अपना योगदान देना मुनासिब नहीं समझते। वहीं सूत्रों ने बताया कि रवि कुमार कार्यपालक पदाधिकारी काफी कम दिनों में ही त्यागपत्र देकर लौट गए। इसका कारण है कि नगर पंचायत से जुड़े जनप्रतिनिधि ने उन पर बार-बार दबाव बनाकर उन्हें तरह तरह की धमकियां दिया करते थे।
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