सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी (Sitamarhi) जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) की स्थिति बेहाल है. सोनबरसा प्रखंड (Sonbarsa Block) के मधेसरा पंचायत (Madhesara Panchayat) में प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र (Primary Sub Health Center) के निर्माण से ग्रामीणों में आस जगी थी कि अब उन्हें इलाज के लिए बाहर नहीं जाना होगा. गांव में ही स्वास्थ्य सेवा मिल जाएगी.
यह भी पढ़ें - देखिए नीतीश जी! बिहार के बड़े अस्पतालों का हाल, कंधे पर लटक रहा हेल्थ सिस्टम
निर्माण होते देख ग्रामीण अत्यधिक प्रसन्न थे, लेकिन ग्रामीणों की यह प्रसन्नता अधिक दिनों तक नहीं रही. अब लोग निराश हो चले हैं. दिनों दिन स्वास्थ्य उप केंद्र की स्थति बदहाल होती जा रही है. केंद्र का निर्माण आम जनता को ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा मिले इसलिए कराया गया था, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
वर्षों पहले तैयार स्वास्थ्य उप केंद्र आज भी चिकित्सा सुविधा शुरू होने के इंतजार में है. भवन की स्थति बदहाल होती जा रही है. स्वास्थ्य उप केंद्र में अब तक न तो किसी डॉक्टर और न किसी एएनएम की तैनाती की गई. कमाल तो यह है कि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग इस केंद्र से आज भी अंजान है.
सामाजिक कार्यकर्ता मो. कमर अख्तर ने कहा, 'इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया जाता रहा है, लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं हुआ है. इस स्वास्थ्य केंद्र के शुरू होने से इलाके के हजारों लोगों को लाभ मिलेगा.'
बता दें कि एमएसडीपी योजना के तहत स्वास्थ्य उप केंद्र का निर्माण 2015 में कराया गया था. भवन प्रमंडल विभाग, सीतामढ़ी द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना से यह निर्माण कराया गया. भवन के निर्माण में 17 लाख 3 हजार 285 रुपये की लागत आई थी. लेकिन इतना पैसा खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से केंद्र शुरू नहीं किया जा सका. ऐसे में ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि यहां जब स्वास्थ्य सेवा शुरू करना ही नहीं था, तो सरकार की लाखों की राशि से निर्मित यह भवन व्यर्थ है. लोगों का कहा कि स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही से अब तक उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित नहीं हो सका है.
ग्रामीण सेवानिवृत्त शिक्षक गगनदेव राउत ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र निर्माण होता देख एक उम्मीद जगी थी कि गरीब, पीड़ित और आमजनों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. क्योंकि अब गांव में ही प्राथमिक उपचार हो जाएगा. लेकिन अब तक एक भी एएनएम और चिकित्सा कर्मी की नियुक्ति नहीं होना, विभागीय पदाधिकारी और सरकार की उदासीनता को दर्शाता है.
शिक्षक ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में सभी खिड़कियां, दरवाजा समेत अन्य सामग्रियां टूट रही हैं. आज तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि अस्पताल संचालित कराने को लेकर सामाजिक कार्यकत्ता मो. कमर अख्तर लगातार प्रयासरत है. लोगों की सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधा को शुरू किया जाए.
यह भी पढ़ें - कोरोना काल में अस्पतालों पर राजनीति, खंडहरनुमा तस्वीरों से सरकार को घेर रहे लालू