सीतामढ़ी: भारत में घुसे विदेशी घुसपैठिए (Foreign Intruders) को चिह्नित कर उन्हें वापस उनके देश में भेजने के लिए बिहार के सीतामढ़ी (Sitamarhi) में बड़ी पहल शुरू हुई है. विदेशी घुसपैठिया विरोधी संघर्ष समिति ने इसको लेकर अभियान चलाने का फैसला किया है. मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर समिति के अध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि सरकार की दोहरी नीति के कारण विदेशी घुसपैठिये दूसरे देश से आकर भारत में बस गए हैं.
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विदेशी घुसपैठिया विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि आज ही के दिन राजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय किया था और आज संघर्ष समिति के सदस्य दूसरे देश से भारत में आ रहे लोगों को चिह्नित कर उन्हें देश से निकालने की मुहिम छेड़ रही है.
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार न्यायालय का हवाला देकर दुर्गा पूजा नहीं करने देती है. दिवाली में पटाखा फोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार कोर्ट के निर्देश के बाद भी घुसपैठियों को चिह्नित नहीं कर रही है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि समिति द्वारा लक्ष्मणा नदी सहित अन्य नदियों की सफाई को लेकर भी अभियान चलाया जाएगा.
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जिला संयोजक सनी वर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिले में एक नोडल कार्यालय की स्थापना की जाए और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित जमीन की जांच की जाए, ताकि चैन डीड के तहत घुसपैठियों की जांच हो सके.