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चीफ जस्टिस संजय करोल ने लिया संज्ञान: 3 दिव्यांग लड़कियों की पटना एम्स में हुई मेडिकल जांच, जानें मामला

सीतामढ़ी की तीन दिव्यांग लड़की की मेडिकल जांच पटना एम्स में कराई गई है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने इस मामले को संज्ञान में लिया. पुनौरा दर्शन के क्रम में चीफ जस्टिस ने इन लड़कियों की हालत को देखा था. तभी उन्होंने इसके लिए निर्देशित किया था.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Jan 9, 2023, 9:17 PM IST

पटना: सीतामढ़ी में आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग तीन लड़कियों (Three disabled girls of Sitamarhi) की जांच रिपोर्ट कल तक आ जाएगी. इस संबंध में पटना हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना (Patna AIIMS)को निर्दिष्ट किया था. इस मामले में चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने स्वत:संज्ञान लेते हुए जांच के लिए पटना ऐम्स भेजा है. साथ ही पटना एम्स अस्पताल, बिहार सरकार और समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर निर्भया गैंगरेप केस : जांच से हाईकोर्ट नाराज, सरैया DSP और जांच अधिकारी तलब

गौरतलब है कि सीतामढ़ी के जिला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था. इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है, जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका इलाज नहीं करवा पा रहे थे. इनके इलाज में अस्पताल का खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था.

कोर्ट ने इनके इलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया है. कल तक एम्स अस्पताल से रिपोर्ट मिल जाने की संभावना है.

दरअसल, सीतामढ़ी के पुनौरा में दर्शन के लिए पहुंचे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की नजर इन तीन दिव्यांगों पर पड़ी थी. तीनों की दशा देखकर खुद ही मुख्य न्यायाधीश ने स्वत: संज्ञान लेकर सीतामढ़ी जिला एवं सत्र न्यायाधीश को इनके इलाज के संबंध में निर्देशित किया था. इस मामले की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने एम्स अस्पताल, पटना व राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का आदेश दिया. इस मामले पर 10 जनवरी 2023 को फिर सुनवाई होगी.

पटना: सीतामढ़ी में आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग तीन लड़कियों (Three disabled girls of Sitamarhi) की जांच रिपोर्ट कल तक आ जाएगी. इस संबंध में पटना हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना (Patna AIIMS)को निर्दिष्ट किया था. इस मामले में चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने स्वत:संज्ञान लेते हुए जांच के लिए पटना ऐम्स भेजा है. साथ ही पटना एम्स अस्पताल, बिहार सरकार और समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का निर्देश दिया है.

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गौरतलब है कि सीतामढ़ी के जिला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था. इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है, जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका इलाज नहीं करवा पा रहे थे. इनके इलाज में अस्पताल का खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था.

कोर्ट ने इनके इलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया है. कल तक एम्स अस्पताल से रिपोर्ट मिल जाने की संभावना है.

दरअसल, सीतामढ़ी के पुनौरा में दर्शन के लिए पहुंचे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की नजर इन तीन दिव्यांगों पर पड़ी थी. तीनों की दशा देखकर खुद ही मुख्य न्यायाधीश ने स्वत: संज्ञान लेकर सीतामढ़ी जिला एवं सत्र न्यायाधीश को इनके इलाज के संबंध में निर्देशित किया था. इस मामले की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने एम्स अस्पताल, पटना व राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का आदेश दिया. इस मामले पर 10 जनवरी 2023 को फिर सुनवाई होगी.

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