सीतामढ़ी: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भगवान राम को लेकर दिए गए विवादित बयान के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है. जिले के वकील ठाकुर चंदन कुमार सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दायर कराया है.
चीन के इशारे पर काम
दायर पत्र में आरोप है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के इशारे पर ये काम किया है. एक सोची-समझी आपराधिक और राजनीतिक साजिश के तहत भारत और नेपाल के मधुर संबंध को खराब करने के लिए ही उन्होंने भगवान राम पर आधारहीन बयान दिया है. इससे हिंदू सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है. ओली ने देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की मंशा से यह बयान दिया है.
16 जुलाई को विशेष सुनवाई
वकील ठाकुर चंदन कुमार सिंह ने बताया कि दायर अभियोग के आलोक में 16 जुलाई को विशेष सुनवाई होगी. मुकदमा दर्ज होने के बाद सीआरपी की धारा 200 के तहत कोर्ट में परिवादी अधिवक्ता का बयान दर्ज किया जाएगा. उसके बाद परिवादी को कोर्ट में नेपाली पीएम के विवादित बयान का सबूत पेश करना होगा.
'अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का भी लेंगे सहारा'
वकील सिंह ने कहा कि इसके बाद न्यायालय स्वतः संज्ञान लेते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री को सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी करेगा. मामला सही पाए जाने पर भारतीय दंड विधान की धारा 295ए के तहत कम से कम 3 साल का कठोरतम दंड के नेपाली प्रधानमंत्री भागी होंगे. उन्होंने बताया कि अगर इस अदालत से मामला खारिज होता है तो नेपाली पीएम के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी वो मामला दर्ज कराएंगे.
लोगों की धार्मिक भावना हुई आहत
नेपाली पीएम के बयान पर आमलोगों में काफी नाराजगी है. बुद्धिजीवियों का कहना है कि चीन के बहकावे में आकर ओली बेतुका बयान दे रहे हैं. इस बयान के कारण देश के हिंदू सनातन धर्म को मानने वाले लोगों की भावना आहत हुई है. इसलिए पीएम मोदी को ठोस कदम उठाते हुए नेपाल से सभी संबंध को खत्म कर लेने चाहिए.
देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश
भगवान राम की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश के अयोध्या में और मां जानकी की सीतामढ़ी है. इस बारे में सभी तथ्य और प्रमाण मौजूद है. पड़ोसी देश होने के नाते नेपाली पीएम का ऐसा बयान उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है. ऐसा बयान देकर वो देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जोकि एक तरह का जुर्म है.