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सीतामढ़ी: B.tech के छात्र ने बनाया ऑटोमेटिक सेनेटाइजर मशीन, कहा- कोरोना वारियर्स से मिली प्रेरणा

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Published : Jun 10, 2020, 10:17 PM IST

सीतामढ़ी में एक बी.टेक के छात्र ने ऑटोमेटिक सेनेटाइजर मशीन बनाया है. उन्होंने कहा है कि अगर मौका मिलेगा तो देश की सेवा करने के लिए तैयार हूं.

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सीतामढ़ी: जिले में एक बी.टेक के छात्र ने ऑटोमेटिक सेनेटाइजर मशीन का निर्माण किया है. इंजीनियर तौसीफ आलम ने डरबी टेक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी की मदद से सेनेटाइजर मशीन का निर्माण किया है. यह मशीन ऑटोमेटिक है. जैसे ही कोई इसमें प्रवेश करता है, मशीन उसे शत प्रतिशत सेनेटाइज कर देता है. तौसीफ के पिता प्रो. मुनतसीर आलम काजी अहमद डिग्री कालेज में प्रोफेसर हैं.

स्वयं बंद हो जाता है मशीन
तौसीफ ने जोगीयारा उच्च विद्यालय से 10वीं और मिल्लत कालेज दरभंगा से 12वीं की है. इसके बाद महाराजा इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर, उड़ीसा से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है. घर पर ही तौसीफ ने इस ऑटोमेटिक मशीन का निर्माण किया है. तौसीफ ने कहा कि इसको स्टेंडर्ड रूप से तैयार किया गया है. जिसमें 15 हजार की लागत आई है. प्रवेश करने और निकलने के बाद आठ सेकेंड में मशीन स्वयं बंद हो जाता है. अगर आपूर्ति के लिए मुझे मौका दिया गया, तो सहयोग कर देश की सेवा करने के लिए तैयार हूं.

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सेनेटाइजर मशीन का उद्घाटन करतीं रागिनी साहू

कोरोना वारियर्स से मिली प्रेरणा
तौसीफ ने कहा कि कोरोना वारियर्स से उन्हें प्रेरणा मिली है. कोरोना वारियर्स देश के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. मुझे लगा कि देश और मानवता को बचाने के लिए मुझे भी कुछ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए, जिससे समाजिक दूरी का पालन हो जाय और कोरोना से संघर्ष में विजय पाया जा सके.

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आठ सेकेंड में खुद बंद हो जाता है मशीन

कोरोना वायरस के फैलने का खतरा
पुपरी प्रखंड विकास पदाधिकारी रागिनी साहू ने उद्घाटन करते हुए कहा कि यह बेहतरीन मशीन है. यह मशीन किसी के प्रवेश करते ही स्वयं शुरू हो जाता है और निकलते ही बंद हो जाता है. वहीं डॉ. एम शफीउल्लाह ने बताया कि लॉकडाउन समाप्त होते ही कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसको देखते हुए यह मशीन मैंने अपने क्लिनिक में लगाई है.

सीतामढ़ी: जिले में एक बी.टेक के छात्र ने ऑटोमेटिक सेनेटाइजर मशीन का निर्माण किया है. इंजीनियर तौसीफ आलम ने डरबी टेक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी की मदद से सेनेटाइजर मशीन का निर्माण किया है. यह मशीन ऑटोमेटिक है. जैसे ही कोई इसमें प्रवेश करता है, मशीन उसे शत प्रतिशत सेनेटाइज कर देता है. तौसीफ के पिता प्रो. मुनतसीर आलम काजी अहमद डिग्री कालेज में प्रोफेसर हैं.

स्वयं बंद हो जाता है मशीन
तौसीफ ने जोगीयारा उच्च विद्यालय से 10वीं और मिल्लत कालेज दरभंगा से 12वीं की है. इसके बाद महाराजा इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर, उड़ीसा से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है. घर पर ही तौसीफ ने इस ऑटोमेटिक मशीन का निर्माण किया है. तौसीफ ने कहा कि इसको स्टेंडर्ड रूप से तैयार किया गया है. जिसमें 15 हजार की लागत आई है. प्रवेश करने और निकलने के बाद आठ सेकेंड में मशीन स्वयं बंद हो जाता है. अगर आपूर्ति के लिए मुझे मौका दिया गया, तो सहयोग कर देश की सेवा करने के लिए तैयार हूं.

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सेनेटाइजर मशीन का उद्घाटन करतीं रागिनी साहू

कोरोना वारियर्स से मिली प्रेरणा
तौसीफ ने कहा कि कोरोना वारियर्स से उन्हें प्रेरणा मिली है. कोरोना वारियर्स देश के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. मुझे लगा कि देश और मानवता को बचाने के लिए मुझे भी कुछ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए, जिससे समाजिक दूरी का पालन हो जाय और कोरोना से संघर्ष में विजय पाया जा सके.

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आठ सेकेंड में खुद बंद हो जाता है मशीन

कोरोना वायरस के फैलने का खतरा
पुपरी प्रखंड विकास पदाधिकारी रागिनी साहू ने उद्घाटन करते हुए कहा कि यह बेहतरीन मशीन है. यह मशीन किसी के प्रवेश करते ही स्वयं शुरू हो जाता है और निकलते ही बंद हो जाता है. वहीं डॉ. एम शफीउल्लाह ने बताया कि लॉकडाउन समाप्त होते ही कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसको देखते हुए यह मशीन मैंने अपने क्लिनिक में लगाई है.

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