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सीतामढ़ी: आयुष्मान भारत योजना की उड़ रही धज्जियां, इलाज के नाम पर मरीजों से वसूले जा रहे पैसे - योजना की होती है प्रतिदिन मॉनिटरिंग

जिले में आयुष्मान भारत योजना में गरीब मरीजों के साथ निजी क्लिनिक संचालक लूट खसोट कर रहे हैं. निजी क्लिनिक में इलाज कराने वाले कार्ड धारी मरीजों से क्लिनिक संचालक के जरिए इलाज के नाम पर अवैध पैसे की वसूली की जा रही है.

गरीब मरीजों के साथ निजी क्लिनिक संचालक लूट खसोट कर रहे
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Published : Aug 24, 2019, 10:31 AM IST

सीतामढ़ी: जिले में प्रधानमंत्री द्वारा लागू आयुष्मान भारत योजना निजी क्लीनिक संचालकों की मनमानी के कारण दम तोड़ रहा है. इस योजना की आड़ में गरीब मरीजों से जमकर लूट खसोट किया जा रहा है. जहां जरूरतमंद मरीज को इलाज करवाने का अधिकार प्राप्त है. ताकि पैसे के अभाव में गरीब लोग इलाज कराने से वंचित ना रहे. इस योजना के तहत राशन कार्डधारी परिवार को इलाज के लिए सालाना ₹500000 तक की छूट दी गई है.

सीतामढ़ी: कमाई का जरिया बनता आयुष्मान योजना

योजना में 3 निजी अस्पताल को जोड़ा गया
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिला मुख्यालय के 3 निजी अस्पताल को जोड़ा गया है. जिसमें नंदी पत मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, सुख सागर हॉस्पिटल और नवजीवन हॉस्पिटल को शामिल किया गया है. योजना के तहत नंदी पत हॉस्पिटल में हर्निया का इलाज कराने आए सिरसिया गांव निवासी मरीज बुधन साह ने बताया कि मैं हर्निया से पीड़ित था. और मेरे पास आयुष्मान कार्ड भी था, ऑपरेशन कराने के उद्देश्य से डॉक्टर वरुण के क्लीनिक में गए. 7 जून को हमें भर्ती किया गया और 11 जून को अस्पताल से छुट्टी दी गई. इन 5 दिनों के दौरान अस्पताल संचालक ने आयुष्मान भारत कार्ड रहने के बावजूद हमसे 200 फीस के रूप में, टांका कटाई के नाम पर 100, एक्सरे के लिए 300 और बाहर से करीब चार हजार रुपए की दवा खरीद कराया. इसके अलावा हमसे अल्ट्रासाउंड और खून जांच के नाम पर भी राशि भी जमा कराई गई.

sitamarhi
नंदी पत मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

योजना की होती है प्रतिदिन मॉनिटरिंग
मरीजों के आरोप का खंडन करते हुए डॉ वरुण कुमार ने कहा कि मेरे अस्पताल में इस योजना के तहत आने वाले हर मरीजों को सभी प्रकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा दी जाती है. और इस योजना की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाती है. साथ ही इस पर नजर रखने के लिए कई कर्मियों की तैनाती भी की गई है. लेकिन जिले में जिन भी अस्पतालों को इसका जिम्मा दिया गया है. वहां ऐसी व्यवस्था नहीं देखी जा रही. लिहाजा यह योजना सिर्फ कमाई जरिया बन गया है.

sitamarhi
निजी क्लिनिक संचालक

दोषियों पर होगी त्वरित कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि जिले में आयुष्मान भारत योजना काफी बेहतर तरीके से संचालित हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी निजी क्लीनिक संचालक द्वारा मरीजों से पैसा लिया गया है. तो यह सरासर गलत अपराध है. मरीज की शिकायत पर संबंधित क्लीनिक पर जल्द से जल्द विभागीय और विधि सम्मत कार्रवाई जरूर की जाएगी.

सीतामढ़ी: जिले में प्रधानमंत्री द्वारा लागू आयुष्मान भारत योजना निजी क्लीनिक संचालकों की मनमानी के कारण दम तोड़ रहा है. इस योजना की आड़ में गरीब मरीजों से जमकर लूट खसोट किया जा रहा है. जहां जरूरतमंद मरीज को इलाज करवाने का अधिकार प्राप्त है. ताकि पैसे के अभाव में गरीब लोग इलाज कराने से वंचित ना रहे. इस योजना के तहत राशन कार्डधारी परिवार को इलाज के लिए सालाना ₹500000 तक की छूट दी गई है.

सीतामढ़ी: कमाई का जरिया बनता आयुष्मान योजना

योजना में 3 निजी अस्पताल को जोड़ा गया
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिला मुख्यालय के 3 निजी अस्पताल को जोड़ा गया है. जिसमें नंदी पत मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, सुख सागर हॉस्पिटल और नवजीवन हॉस्पिटल को शामिल किया गया है. योजना के तहत नंदी पत हॉस्पिटल में हर्निया का इलाज कराने आए सिरसिया गांव निवासी मरीज बुधन साह ने बताया कि मैं हर्निया से पीड़ित था. और मेरे पास आयुष्मान कार्ड भी था, ऑपरेशन कराने के उद्देश्य से डॉक्टर वरुण के क्लीनिक में गए. 7 जून को हमें भर्ती किया गया और 11 जून को अस्पताल से छुट्टी दी गई. इन 5 दिनों के दौरान अस्पताल संचालक ने आयुष्मान भारत कार्ड रहने के बावजूद हमसे 200 फीस के रूप में, टांका कटाई के नाम पर 100, एक्सरे के लिए 300 और बाहर से करीब चार हजार रुपए की दवा खरीद कराया. इसके अलावा हमसे अल्ट्रासाउंड और खून जांच के नाम पर भी राशि भी जमा कराई गई.

sitamarhi
नंदी पत मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

योजना की होती है प्रतिदिन मॉनिटरिंग
मरीजों के आरोप का खंडन करते हुए डॉ वरुण कुमार ने कहा कि मेरे अस्पताल में इस योजना के तहत आने वाले हर मरीजों को सभी प्रकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा दी जाती है. और इस योजना की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाती है. साथ ही इस पर नजर रखने के लिए कई कर्मियों की तैनाती भी की गई है. लेकिन जिले में जिन भी अस्पतालों को इसका जिम्मा दिया गया है. वहां ऐसी व्यवस्था नहीं देखी जा रही. लिहाजा यह योजना सिर्फ कमाई जरिया बन गया है.

sitamarhi
निजी क्लिनिक संचालक

दोषियों पर होगी त्वरित कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि जिले में आयुष्मान भारत योजना काफी बेहतर तरीके से संचालित हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी निजी क्लीनिक संचालक द्वारा मरीजों से पैसा लिया गया है. तो यह सरासर गलत अपराध है. मरीज की शिकायत पर संबंधित क्लीनिक पर जल्द से जल्द विभागीय और विधि सम्मत कार्रवाई जरूर की जाएगी.

Intro:जिले में आयुष्मान भारत योजना में गरीब मरीजों के साथ निजी क्लिनिक संचालक कर रहे हैं लूट खसोट। सरकारी योजना की उड़ रही है धज्जियां। Body: जिले में प्रधानमंत्री द्वारा लागू आयुष्मान भारत योजना निजी क्लीनिक संचालकों की मनमानी के कारण दम तोड़ रहा है। इस योजना की आड़ में गरीब मरीजों से जमकर लूट खसोट किया जा रहा है। जबकि रोगमुक्त समाज बनाने के उद्देश्य पीएम ने इस योजना को लागू किया था। ताकि पैसे के अभाव में गरीब लोग इलाज कराने से वंचित ना रहे। इस योजना के तहत राशन कार्ड धारी परिवार को इलाज के लिए सालाना ₹500000 तक की छूट दी गई है। और इसके तहत सभी सरकारी अस्पतालों और जिले के तीन निजी क्लिनिक का चयन किया गया है। जंहा जरूरतमंद मरीज को इलाज करवाने की अधिकार प्राप्त है। लेकिन निजी क्लिनिक में इलाज कराने वाले कार्ड धारी मरीजों से निजी क्लिनिक संचालक द्वारा इलाज के नाम पर अवैध पैसे की वसूली की जा रही है।
मयारी का बयान : _____
जिला मुख्यालय के तीन निजी अस्पताल को इस योजना से जोड़ा गया है। जिसमें नंदी पत मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, सुख सागर हॉस्पिटल और नवजीवन अस्पताल शामिल है। जून माह में इस योजना के तहत नंदी पत हॉस्पिटल में हर्निया का इलाज कराने गए सिरसिया गांव निवासी मरीज बुधन साह ने बताया कि मैं हर्निया से पीड़ित था। और मेरे पास आयुष्मान कार्ड है। इसलिए ऑपरेशन कराने के उद्देश्य से डॉक्टर वरुण के क्लीनिक में गए। 7 जून को हमें भर्ती किया गया, 8 जून को मेरा ऑपरेशन हुआ और 11 जून को अस्पताल से छुट्टी दी गई। इन 5 दिनों के दौरान अस्पताल संचालक ने आयुष्मान भारत कार्ड रहने के बावजूद हमसे ₹200 फीस के रूप में, टांका कटाई के नाम पर ₹100, एक्सरे के लिए ₹300 और बाहर से करीब चार हजार रुपए की दवा खरीद कराया गया। इसके अलावा हमसे अल्ट्रासाउंड और खून जांच के नाम पर भी राशि जमा कराई गई। साथ ही अस्पताल में रहने के दौरान हम अपने पैसे से खाना पीना भी खाया। और घर से आने-जाने के लिए अपना किराया भाड़ा देना परा है।
डॉक्टर का बयान :________
आयुष्मान भारत योजना के कार्ड धारी मरीजों के इस आरोप का खंडन करते हुए इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ वरुण कुमार ने बताया कि मेरे अस्पताल में इस योजना के तहत आने वाले हर मरीजों को सभी प्रकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा दी जाती है। ऑपरेशन करा कर घर लौटे मरीजों का आरोप सरासर गलत और निराधार है।
सिविल सर्जन का बयान : ________
जिले के सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि जिले में आयुष्मान भारत योजना काफी बेहतर तरीके से संचालित हो रही है। इसके लिए जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और तीन निजी क्लीनिक को का चयन किया गया है। जहां जरूरतमंद मरीज मुफ्त में अपना इलाज करा रहे हैं। हालांकि उन्होंने बताया कि अगर किसी निजी क्लीनिक संचालक द्वारा मरीजों से पैसा लिया गया है। तो यह सरासर गलत और अपराध है। अगर मरीज इसकी शिकायत हमसे करता है तो संबंधित क्लीनिक पर विभागीय और विधि सम्मत कार्रवाई जरूर की जाएगी। सीएस ने यह भी बताया कि पूरे प्रदेश में यह जिला आयुष्मान भारत योजना के संचालन में अब्बल है। और इस योजना की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाती है। और इस पर नजर रखने के लिए कई कर्मियों की तैनाती भी की गई है।
बाइट 1. बुधन साह। ऑपरेशन कराने वाला पीड़ित मरीज।
बाइट 2. डॉ वरुण कुमार। नंदी पत हॉस्पिटल सीतामढ़ी। टी-शर्ट में।
बाइट 3. डॉक्टर रविंद्र कुमार। सिविल सर्जन सीतामढ़ी। short में।
विजुअल 4,5,6,7
Conclusion:जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का बताना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड धारी मरीजों को अस्पताल की ओर से सभी प्रकार की सुविधा मुफ्त दी जानी है। जैसे घर से आने जाने का यात्रा भत्ता, खाना, दवा, जांच व इलाज सभी मुफ्त में देना है। इसके एवज में एक भी पैसे मरीजों से नहीं लेना है। लेकिन जिले में जिन अस्पतालों को यह जिम्मा दिया गया है। वहां ऐसी व्यवस्था नहीं देखी जा रही। लिहाजा यह योजना लूट का खसोट का जरिया बन गया है।
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