सीतामढ़ी: जिले में प्रधानमंत्री द्वारा लागू आयुष्मान भारत योजना निजी क्लीनिक संचालकों की मनमानी के कारण दम तोड़ रहा है. इस योजना की आड़ में गरीब मरीजों से जमकर लूट खसोट किया जा रहा है. जहां जरूरतमंद मरीज को इलाज करवाने का अधिकार प्राप्त है. ताकि पैसे के अभाव में गरीब लोग इलाज कराने से वंचित ना रहे. इस योजना के तहत राशन कार्डधारी परिवार को इलाज के लिए सालाना ₹500000 तक की छूट दी गई है.
योजना में 3 निजी अस्पताल को जोड़ा गया
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिला मुख्यालय के 3 निजी अस्पताल को जोड़ा गया है. जिसमें नंदी पत मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, सुख सागर हॉस्पिटल और नवजीवन हॉस्पिटल को शामिल किया गया है. योजना के तहत नंदी पत हॉस्पिटल में हर्निया का इलाज कराने आए सिरसिया गांव निवासी मरीज बुधन साह ने बताया कि मैं हर्निया से पीड़ित था. और मेरे पास आयुष्मान कार्ड भी था, ऑपरेशन कराने के उद्देश्य से डॉक्टर वरुण के क्लीनिक में गए. 7 जून को हमें भर्ती किया गया और 11 जून को अस्पताल से छुट्टी दी गई. इन 5 दिनों के दौरान अस्पताल संचालक ने आयुष्मान भारत कार्ड रहने के बावजूद हमसे 200 फीस के रूप में, टांका कटाई के नाम पर 100, एक्सरे के लिए 300 और बाहर से करीब चार हजार रुपए की दवा खरीद कराया. इसके अलावा हमसे अल्ट्रासाउंड और खून जांच के नाम पर भी राशि भी जमा कराई गई.
योजना की होती है प्रतिदिन मॉनिटरिंग
मरीजों के आरोप का खंडन करते हुए डॉ वरुण कुमार ने कहा कि मेरे अस्पताल में इस योजना के तहत आने वाले हर मरीजों को सभी प्रकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा दी जाती है. और इस योजना की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाती है. साथ ही इस पर नजर रखने के लिए कई कर्मियों की तैनाती भी की गई है. लेकिन जिले में जिन भी अस्पतालों को इसका जिम्मा दिया गया है. वहां ऐसी व्यवस्था नहीं देखी जा रही. लिहाजा यह योजना सिर्फ कमाई जरिया बन गया है.
दोषियों पर होगी त्वरित कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि जिले में आयुष्मान भारत योजना काफी बेहतर तरीके से संचालित हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी निजी क्लीनिक संचालक द्वारा मरीजों से पैसा लिया गया है. तो यह सरासर गलत अपराध है. मरीज की शिकायत पर संबंधित क्लीनिक पर जल्द से जल्द विभागीय और विधि सम्मत कार्रवाई जरूर की जाएगी.