सीतामढ़ी: आमलोगों में अमन-चैन स्थापित करने के लिए हर थाना में पैंथर मोबाइल (panther mobile police in Sitamarhi) की तैनाती की गयी है. जो अपने-अपने क्षेत्र में संदेहास्पद गतिविधियों पर नजर रखते है, लेकिन कुछ पैंथर मोबाइल में शामिल पुलिसकर्मियों की कार्यशैली से कभी-कभी जनाक्रोश भी भड़क जाता है. ऐसा हीं कुछ नजारा जिला मुख्यालय स्थित शंकर चौक (District Headquarters at Shankar Chowk) पर देखने को मिला. जहां अभिभावक, छात्र एवं पैंथर मोबाइल के दो सिपाहियों के बीच तीखी बहस (argument between people and panther mobile police) हुई.
ये भी पढ़ें- छपरा में बदमाशों ने पैंथर मोबाइल के जवानों को गोली मारी, दो घायल
सीतामढ़ी में पुलिस और पब्लिक में भिड़ंत: अभिभावक और पैंथर मोबाइल के बीच चल रहे तीखी बहस के बीच एक अभिभावक खुद को अधिवक्ता बताने वाले पैंथर मोबाइल में शामिल सिपाही को कानून की परिभाषा भी बता रहे थे. उनका कहना था कि बच्चे घर से ट्यूशन व घरेलू सामान लाने के लिए कुछ देर के लिए चौक-चौराहे पर बाइक से आते है, ऐसे में हर वक्त कागजात व हेलमेट रखना संभव नही हो पाता है. उन्होंने कहा कि अगर गतिविधि संदेहास्पद हो तो रोक-टोक जरूर करें, लेकिन जानबूझ कर स्कूली व कॉलेज के बच्चे पर धौंस जताने के लिए सार्वजनिक जगह पर रोककर दुर्व्यवहार किया जाता है. ऐसे में शराफत से शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों का आत्मबल कमजोर होता है.
बिना वर्दी के सिपाही पर भड़के अभिभावक: सड़क पर छात्रों और अभिभावकों के साथ पैंथर मोबाइल के रवैये को लेकर लोग परेशान है और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का आरोप है कि पुलिस बिना वर्दी के वाहन की जांच कर रहे है और आमलोगों पर अपनी भड़ास निकाल रहे है. लोगों का कहना है कि पुलिस की कार्यशैली ऐसी नही होनी चाहिए. हेलमेट पहनना व ड्राइविंग लाइसेंस रखना पैंथर मोबाइल के लिए भी उतना ही आवश्यक है, जितना आमलोगों के लिए. दोनों के बीच चल रही नोकझोक एक दारोगा के आने के कुछ देर के बाद रूकी. इस दौरान घटनास्थल पर आने-जाने वाले लोगों की भीड़ लगी रही.
"आमलोगों की हिफाजत के लिए पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है. ऐसे में आमलोगों को भी सहयोग करना चाहिए. संदेहास्पद गतिविधि या ट्रिपल लोडिंग देखकर हीं किसी को रोका जाता है"- पुलिस, पैंथर मोबाइल
ये भी पढ़ें- पटना में छापेमारी कर लौट रही पुलिस टीम पर हमला, तीन पुलिसकर्मी घायल