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सीतामढ़ी: मुआवजे की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे कई किसान

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मारर और तरियानी छपरा गांव के किसानों की जमीन संपर्क पथ के लिए ली गयी थी, लेकिन जिला भू अर्जन कार्यालय द्वारा किसानों की जमीन का एलपीसी और वैल्यूएशन पत्र समय से उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिस कारण किसानों की जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाई है, इसलिए किसानों के मुआवजे का भुगतान समय पर नहीं किया जा सका है.

Sitamarhi
मुआवजे की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे 5 किसान
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Published : Sep 12, 2020, 9:32 PM IST

Updated : Sep 12, 2020, 10:05 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के मारर गांव के पांच किसान पिछले 4 दिनों से मारर दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के भवन में आमरण अनशन पर बैठे हुए है, जिस कारण अनशन पर बैठे सभी किसानों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है, लेकिन वहीं, किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उनके मुआवजे का भुगतान करें, उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम ऐसे ही बिना खाये पीये अनशन पर बैठे रहेंगे.

मुआवजे की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे कई किसान

8 सालों से नही हुआ किसानों के मुआवजे का भुगतान

आपको बता दें कि मारर गांव के समीप वर्ष 2012 में बागमती नदी पर 600 मीटर लंबे पुल का निर्माण प्रारंभ किया गया था, जो वर्ष 2017 में बनकर तैयार हो गया था. वहीं, पुल का संपर्क पथ बनाने के लिए जिला प्रशासन और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने मारर गांव के 45 किसानों और शिवहर जिले के तरियानी छपरा गांव के कई किसानों की करीब 14 एकड़ जमीन अधिग्रहण कि थी और उस जमीन के मुआवजे का भुगतान जल्द से जल्द करने का आश्वासन भी किसानों को दिया था, लेकिन 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन किसानों के मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका है. जबकि, किसान मुआवजे की राशि लेने के लिए बरसों से जिला भू अर्जन कार्यालय और अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.

पुल निर्माण निगम के अधिकारी ने दी जानकारी

इस संबंध में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मारन और तरियानी छपरा गांव के किसानों की जमीन संपर्क पद के लिए ली गयी थी, लेकिन जिला भू अर्जन कार्यालय द्वारा किसानों की जमनी का एलपीसी और वैल्यूएशन पत्र समय से उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिस कारण किसानों की जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाई है, इसलिए किसानों के मुआवजे का भुगतान समय पर नहीं किया जा सका है

अधिकारियों ने दिये निर्देश

उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर के पदाधिकारियों के साथ 10 सितंबर को बैठक की गई थी, जिसमें 21 सितंबर तक भूमि दाता किसानों की जमीन की एलपीसी और उसका वैल्यूएशन लगाकर कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद किसानों से जमीन की रजिस्ट्री कराई जाएगी और जल्द से जल्द उनका भुगतान कर दिया जाएगा.

किसानों को मानाने में जुटा प्रशासन

वहीं, इस संबंध अंचलाधिकारी रणधीर कुमार ने बताया कि मुआवजे की मांग को लेकर मारर गांव के 5 किसान 4 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए है. किसानों की समस्या समाधान के लिए 4 किसानों को वार्ता के लिए बुलाया गया है, जिसके बाद मामले की जानकारी प्राप्त कर वरीय अधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी और जल्द से जल्द इसका समाधान किया जाएगा.

अनशन तोड़ने के मुड़ में नही किसान

उन्होंने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी कुणाल कुमार ने आमरण अनशन स्थल पर जाकर अनशन तुड़वाने के लिए अनशनकारी किसानों से वार्ता भी कि है, लेकिन किसान मुआवजे की मांग को लेकर अनशन जारी रखने की बात कह रहे है, ऐसे में जल्द ही किसानों की समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

सीतामढ़ी: जिले के मारर गांव के पांच किसान पिछले 4 दिनों से मारर दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के भवन में आमरण अनशन पर बैठे हुए है, जिस कारण अनशन पर बैठे सभी किसानों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है, लेकिन वहीं, किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उनके मुआवजे का भुगतान करें, उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम ऐसे ही बिना खाये पीये अनशन पर बैठे रहेंगे.

मुआवजे की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे कई किसान

8 सालों से नही हुआ किसानों के मुआवजे का भुगतान

आपको बता दें कि मारर गांव के समीप वर्ष 2012 में बागमती नदी पर 600 मीटर लंबे पुल का निर्माण प्रारंभ किया गया था, जो वर्ष 2017 में बनकर तैयार हो गया था. वहीं, पुल का संपर्क पथ बनाने के लिए जिला प्रशासन और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने मारर गांव के 45 किसानों और शिवहर जिले के तरियानी छपरा गांव के कई किसानों की करीब 14 एकड़ जमीन अधिग्रहण कि थी और उस जमीन के मुआवजे का भुगतान जल्द से जल्द करने का आश्वासन भी किसानों को दिया था, लेकिन 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन किसानों के मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका है. जबकि, किसान मुआवजे की राशि लेने के लिए बरसों से जिला भू अर्जन कार्यालय और अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.

पुल निर्माण निगम के अधिकारी ने दी जानकारी

इस संबंध में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मारन और तरियानी छपरा गांव के किसानों की जमीन संपर्क पद के लिए ली गयी थी, लेकिन जिला भू अर्जन कार्यालय द्वारा किसानों की जमनी का एलपीसी और वैल्यूएशन पत्र समय से उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिस कारण किसानों की जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाई है, इसलिए किसानों के मुआवजे का भुगतान समय पर नहीं किया जा सका है

अधिकारियों ने दिये निर्देश

उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर के पदाधिकारियों के साथ 10 सितंबर को बैठक की गई थी, जिसमें 21 सितंबर तक भूमि दाता किसानों की जमीन की एलपीसी और उसका वैल्यूएशन लगाकर कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद किसानों से जमीन की रजिस्ट्री कराई जाएगी और जल्द से जल्द उनका भुगतान कर दिया जाएगा.

किसानों को मानाने में जुटा प्रशासन

वहीं, इस संबंध अंचलाधिकारी रणधीर कुमार ने बताया कि मुआवजे की मांग को लेकर मारर गांव के 5 किसान 4 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए है. किसानों की समस्या समाधान के लिए 4 किसानों को वार्ता के लिए बुलाया गया है, जिसके बाद मामले की जानकारी प्राप्त कर वरीय अधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी और जल्द से जल्द इसका समाधान किया जाएगा.

अनशन तोड़ने के मुड़ में नही किसान

उन्होंने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी कुणाल कुमार ने आमरण अनशन स्थल पर जाकर अनशन तुड़वाने के लिए अनशनकारी किसानों से वार्ता भी कि है, लेकिन किसान मुआवजे की मांग को लेकर अनशन जारी रखने की बात कह रहे है, ऐसे में जल्द ही किसानों की समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

Last Updated : Sep 12, 2020, 10:05 PM IST
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