शेखपुराः बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र (Barbigha Municipal Council Area) के सामाचक मोहल्ले में दो युवकों की रहस्यमयी ढंग से मौत (Youths Suspicious Death In Sheikhpura) हो गई, जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया. मौत जहरीली देसी शराब पीने से बताई जा रही है. हालांकि मृतक के परिजनों ने किसी लफड़े में नहीं पड़ने की वजह से गुपचुप तरीके से बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही शव को जला दिया. इस मामले में मृतक के परिजन कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
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पुलिस प्रशासन को नहीं मिली मौत की खबर: पहली घटना सोमवार को सामाचक मोहल्ले के विजय स्वर्णकार के कोचिंग संचालक पुत्र 25 वर्षीय शुभम राज के साथ हुई. जबकि दूसरी घटना इसके अपने ही चचेरे भाई तथा अजय स्वर्णकार के 24 वर्षीय पुत्र रितेश कुमार के साथ हुई. जिसमें दोनों युवकों की पहले आंख की रोशनी गई और उसके बाद उनकी मौत हो गई. उसके बाद मृतकों के साथ रहने वाले उसके दोस्त नसीबचक मुहल्ले के टेंट शामियाना का काम करने वाले गौरव कुमार की तबीयत भी बिगड़ने लगी और उसके आंख की भी रोशनी चली गई. हालांकि इस मामले में अब तक न तो पुलिस प्रशासन और न ही स्वास्थ्य विभाग ने दिलचस्पी दिखाई है.
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कै-दस्त और पेट में जलन के बाद चली गयी आंखों की रौशनीः सूत्रों के अनुसार तीनों युवक होली के दिन शराब के नशे में देखे गए थे, जिसमें पहले विजय स्वर्णकार के पुत्र शुभम राज को कै- दस्त और पेट में दर्द की शिकायत होने लगी और फिर आंख में जलन के साथ-साथ रोशनी गायब हो गई. लेकिन परिजनों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और घर पर ही इलाज शुरू किया. फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर एक निजी क्लीनिक ले जाया गया. वहां चिकित्सकों ने स्थिति की गंभीरता देखते हुए उसे रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन जब उसे रेफरल अस्पताल लेकर पहुंचे तो चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया.
एक शव घाट पर पहुंचा तो दूसरे के मौत की मिली सूचनाः इसी बीच इसके रिश्तेदार का भाई जो होली के दिन उसी के साथ था, इसकी भी तबीयत खराब होने लगी और आंख की रोशनी जाने के बाद इसे तुरंत बिहारशरीफ ले जाया गया. जहां देर शाम रितेश की भी मौत हो गई. इस तरह के अप्रिय घटना से परिजनों एवं स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. परिजन ने केस-मुकदमें और पोस्टमॉर्टम के लफड़े से बचने के लिए घटना के कुछ ही घंटे बाद शव को बाढ़ ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया. बताया गया कि शुभम का शव जैसे ही बाढ़ पहुंचा, तभी रितेश की मौत की खबर भी परिजनों को मिल गई. जिसके बाद रितेश का शव भी वहां आनन-फानन में ले जाया गया. दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ कर दिया गया.
शोक में बरबीघा में स्वर्ण दुकानें रखीं गई बन्द: एक ही साथ रहने वाले तीन युवकों में दो की मौत और एक की उसी तरह से आंखों की रोशनी जाने की शिकायत को अब क्षेत्र के लोग इस घटना के पीछे जहरीली शराब का सेवन करना मान रहे है. हालांकि परिजनों द्वारा किसी प्रकार की प्राथमिकी बरबीघा थाना या फिर मिशन ओपी में दर्ज नहीं किए जाने की वजह से पुलिस भी इससे बच रही है. इधर घटना के शोक में बरबीघा बाजार के सभी जेवर और आभूषण की दुकान बंद रही. जिस तरह से दोनों युवकों की मौत हुई है, उससे जहरीली शराब पीने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता.
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बता दें कि इससे पहले होली के दिन बिहार के भागलपुर में भी जहरीली शराब से 22 लोगों की जान चली गई. जबकि बांका, मधेपुरा और सिवान जिले के 40 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है. वहीं बांका में 13, मधेपुरा में 3 और सिवान में तीन लोगों की जहरीली शराब से मौत की खबर है. पुलिस अब जांच की बात को कर रही है लेकिन प्रशासन खुलकर जहरीली शराब से मौत की बात स्वीकार नहीं कर रहा है. हालांकि परिजन शराब पीने की बातें कर रहे हैं.
प्रशासन में हड़कंप, जांच के आदेश: शराब से हुई मौत इन मौतों की फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इन मौतों की वजह की जांच जरूर शरू कर दी गई है. भागलपुर, मधेपुरा और बांका में संदिग्ध परिस्थियों में हुई मौत के मामले की समुचित जांच टीम गठित कर दी गई है. जिसकी मॉनिटरिंग पटना पुलिस मुख्यालय कर रहा है. इस मामले में एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि दोनों क्षेत्रों से मौत से जुड़ी जितनी भी खबरें आ रही हैं, उन सभी की बारीकी से जांच करने का आदेश संबंधित एसपी को दे दिया गया है.
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