शेखपुरा: जिले की मेहूंस थाना पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला है. मारपीट और गोलीबारी में घायल लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने थाने से ही भगा दिया. इस घटना से पहले भी मारपीट की हुई थी, जिसमें पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
बताया जा रहा है कि शनिवार की देर शाम मेहूंस थाना क्षेत्र के फरीदपुर गांव निवासी जयराम यादव अपने बेटे मनोज यादव और भाई श्रीकांत यादव के साथ खेत से धान की रोपनी कर घर लौट रहे थे. इसी दौरान उन तीनों को एक जगह पर घेर कर बदमाशों ने मारपीट की और गोली मार दी. जिसमें जयराम यादव के बाएं पैर में गोली लग गई. इससे वो घायल हो गया. वहीं, उसके बेटे और भाई पर बदमाशों ने लोहे की रॉड से हमला कर एक का सिर फोड़ दिया और एक का हाथ तोड़ दिया. इस घटना के बाद जब सभी घायल शिकायत करने के लिए मेहूंस थाना पहुंचे तो थानाध्यक्ष लीलाधर झा ने कहा कि कुछ नहीं हुआ है, सदर अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाओ.
सुरक्षा की गुहार
इसके बाद दर्द से परेशान सभी लोग पैदल ही 10 किलोमीटर दूर शेखपुरा मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल इलाज करवाने चले गए. वहीं, घटना के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि जयराम यादव और प्रकाश यादव के बीच कई सालों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इसी कारण से दोनों के बीच अक्सर मारपीट और रोड़ेबाजी की घटना होती रहती थी. इस घटना से 3 महीने पहले जयराम यादव और ओम प्रकाश यादव के बीच मारपीट और गोलीबारी की घटना हुई थी. जिसमें अशोक यादव के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, पीड़ित मनोज यादव ने जिला प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा कि प्रकाश यादव और अशोक यादव अपराधी प्रवृत्ति के आदमी हैं. इसीलिए उसकी और उसके परिवारों की सुरक्षा की जाए.