शेखपुरा: वेतन वृद्धि के नाम पर अवैध वसूली (Illegal Recovery From Teachers For Salary Iincrease) के खिलाफ शेखपुरा में नियोजित शिक्षकों ने जमकर बवाल काटा. शनिवार को डीईओ कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया. डीईओ पर अपशब्दों की बौछार कर दिए. एक शिक्षक ने तो पैर से जूता तक खोलने का प्रयास किया. शिक्षकों की नाराजगी इस कदर बढ़ी कि डीईओ को सार्वजनिक रूप से घूसखोर तक कह दिया. इसकी अगुवाई कर रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के वरीय उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने कहा कि पड़ोस के सभी जिलों में सरकार की घोषणा के अनुरूप सभी नियोजित शिक्षकों को 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ दे दिया गया है लेकिन शेखपुरा में नाजायज वसूली के लिए डीईओ ने करीब 200 शिक्षकों के वेतन वृद्धि का मामला जांच के नाम पर अटका दिया है.
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नियोजित शिक्षकों का डीईओ पर आरोप: शिक्षकों ने डीईओ पर आरोप लगाया कि महिला शिक्षकों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया जाता है, उनको रात में बुलाया जाता है. वहीं, वसूली के लिए कार्यालय में एजेंट भी रखा गया है. इस दो घंटे के हंगामे में डीईओ कार्यालय पूरी तरह से रणक्षेत्र में तब्दील रहा. जिसके पश्चात डीईओ के द्वारा मंगलवार तक सभी शिक्षकों का वेतन वृद्धि का मामला पूरा कर दिये जाने का आश्वासन दिया गया. उसके बाद शिक्षकों का गुस्सा शांत हुआ. इधर, शेखपुरा डीईओ रंजीत पासवान (Sheikhpura DEO Ranjit Paswan) की कार्यशैली से नाराज डीएम इनायत खान ने भी डीईओ कार्यालय में प्रतिनियुक्त सभी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर अपने मूल स्थान पर योगदान देने को कहा है.
डीईओ ने आरोपों को बताया गलत: शिक्षकों की वसूली के आरोपों को निराधार बताते हुए डीईओ रंजीत पासवान ने कहा कि वेतन वृद्धि का मामला डीपीओ स्थापना से होता है. कुछ शिक्षकों के नियोजन को लेकर शिकायत मिली थी और कई शिक्षकों की निगरानी जांच के लिए प्रमाणपत्र मांगा गया था. इसलिए कुछ शिक्षकों की फाइल को रोकी गई थी. डीईओ ने कहा कि सभी शिक्षकों के वेतन वृद्धि का मामला मंगलवार तक निपटा लिया जाएगा. डीईओ ने पलटवार करते हुए कहा कि हंगामा करने वाले अधिकांश शिक्षक का मामला निगरानी जांच में है.
अपशब्द कहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई: डीईओ ने कहा कि अपशब्द कहने वाले शिक्षकों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए वीडियो फुटेज खंगाला जा रहा है. सर्वप्रथम शिक्षकों को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. वहीं, वेतन वृद्धि का मामला डीपीओ स्थापना का बताए जाने पर भी दो अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं. खुलकर कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए डीपीओ स्थापना सतीश प्रसाद सिंह ने कहा कि डीईओ ही इस पर कह सकते हैं लेकिन कई शिक्षकों ने बताया कि डीपीओ स्थापना से मौखिक रूप से डीईओ ने यह काम अपने जिम्मे ले लिया था. अब जब गर्दन फंसी तो गेंद डीपीओ के पाले में डाल दी.
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