शेखपुरा: समाहरणालय गेट पर छात्रा की मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इस घटना में आधा दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए हैं. जबकि कई छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद कुछ देर के लिए समाहरणालय गेट के समीप अफरा तफरी का माहौल बना रहा.
छात्रा की मौत पर हंगामा
दरसअल, 3 मार्च को सड़क दुर्घटना में छात्रा की हुई मौत पर आक्रोशित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों की तरफ से आक्रोश मार्च निकाला गया जो शहर के कच्ची रोड होते हुए सदर थाना, दल्लु चौक, कटरा बाजार से जिला समाहरणालय गेट पर धरना प्रदर्शन में तब्दील हो गया. मुआवजा नहीं मिलने पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ छात्र नारेबाजी कर रहे थे.
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बेगुनाह छात्रों पर लाठीचार्ज
आक्रोश मार्च और फिर धरना प्रदर्शन के बाद भी जिला प्रशासन की नींद नहीं खुली तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और समाहरणालय गेट के पास तोड़फोड़ करने लगे. जिससे गुस्साए पुलिस वाले 'गुंडों' ने पढ़ने-लिखने वाले छात्रों को पीटना शुरू कर दिया. जवानों ने छात्रों को बीच सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. जिसमें कई छात्र घायल हो गए और कई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
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समझाने की कोशिश तक नहीं की
छात्रों का आरोप है कि आक्रोश मार्च के बाद धरना-प्रदर्शन करने के बाद भी किसी पुलिस अधिकारी ने समझाने या फिर बात करने तक की कोशिश नहीं की और सीधे जवानों ने लाठीचार्ज शुरु कर दिया. बेगुनाह साथियों को सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया.
सड़क हादसे में गई थी जान
3 मार्च को सदर थाना के समीप कोचिंग पढ़ने आई रौंदी गांव निवासी सुधीर महतो की 14 वर्षीय पुत्री गायत्री कुमारी को एक अनियंत्रित बाइक चालक ने टक्कर मार दी थी. जिससे छात्रा घायल हो गई थी. बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद आक्रोशित छात्र-छात्रों ने आक्रोश मार्च निकाल कर मृतक के परिजनों को ₹1000000 एवं उनके परिवारों को न्याय दिलाने का मांग की.
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विधायक ने कहा...
जानकारी के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए शेखपुरा विधायक विजय सम्राट ने तमाम अधिकारियों से बात की और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए विधानसभा में मामले को उठाने की बात कही. विधायक ने छात्रों से कहा था कि पुलिस अधिकारी को मॉब कण्ट्रोल करने की ट्रेनिंग दी जाती है. लाठी चार्ज तो अंतिम विकल्प है. लेकिन प्रशासन ने उसे पहले विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया है. जिसकी जितनी भी निंदा की जाय वो कम है.