शेखपुरा: पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार बारिश से लोग घर में ही दुबककर रहने को विवश हैं. वहीं इस बारिश की वजह से प्रखंड में बहने वाली टाटी, सोमे और हरुहर नदी उफान पर है. जिसकी वजह से खेतों में लहलहाती धान और मक्का की फसल डूबने लगे हैं.
ग्रामीणों में दशहत
प्रखंड के डीहकुसुम्भा, घाटकुसुम्भा, भदौसी, पानापुर में नदी के पानी ने धीरे-धीरे अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. जिससे ग्रामीणों में दशहत व्याप्त है. बीते साल पूरे प्रखंड में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई थी. जिससे सैकड़ों हेक्टेयर तैयार धान और मक्का और अरहर के फसल बर्बाद हो गये थे. घर में बाढ़ का पानी घुसने के कारण लोग घर छोड़कर रोड और पुल पर शरण लेने पर मजबूर हो गए थे.
खेतों में बाढ़ का पानी
प्रखंड के सबसे पिछड़े पानापुर पंचायत के बनारसी महतो, राजीव महतो, चंदन चौरासिया आदि ने बताया कि हरुहर नदी की सहायक नदियां सोमे और टाटी पूरे उफान पर है. जिससे पिछले वर्ष की भांति खेतों में बाढ़ का पानी भरने लगा है.
प्रखंड मुख्यालय से टूटा संपर्क
पानापुर पंचायत के सभी गांव का संपर्क जिला और प्रखंड मुख्यालय से कटा हुआ है और अभी नाव ही हमलोगों का एकमात्र सहारा है. जिसकी वजह से यहां के ग्रामीण नारकीय जीवन जीने के लिए विवश है.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित
लोगों ने बताया कि अगर गांव में कभी कोई अनहोनी होती है, तो लोग आवागमन के अभाव में दम तोड़ देते हैं. देश की आजादी के इतने समय बीत चुके हैं. लेकिन अभी भी हम लोग सड़क-अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाओं से महरूम है. बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव के वक्त नेता लोग खुशहाली का स्वप्न दिखाकर वोट तो ले लेते हैं. लेकिन यहां से जीतकर जाने के बाद दुबारा मुड़कर भी नहीं देखते.
प्लास्टिक शीट का प्रबंध
संभावित बाढ़ को देखते हुए घाटकुसुम्भा की सीओ निखत परवीन ने बताया कि अभी प्रखंड में बाढ़ का प्रकोप कम है और हलात पर नजर रखी जा रही है. बाढ़ पीड़ितों के लिए प्लास्टिक शीट का प्रबंध कर दिया गया है. पानापुर में ग्रामीणों की सुविधा के लिए नाव का निबंधन कर दिया गया है. जो वर्तमान में चल रहा है. इसके अलावा बाढ़ की पूरी तैयारी कर ली गयी है. ताकि ग्रामीणों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े.