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वेब सीरीज 'खाकी' का रीयल विलेन 18 साल बाद रिहा, नवादा जेल ब्रेक कांड में था आरोपी - ईटीवी भारत न्यूज

Ashok Mahato : नवादा जेल ब्रेक कांड और जदयू विधायक पर हमला करने सहित अन्य मामलों के आरोपी अशोक महतो को 18 साल बाद कोर्ट से रिहाई मिली है. वह फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं. शुक्रवार को जेल से निकलने की उम्मीद है. पढ़ें पूरी खबर..

अशोक महतो
अशोक महतो
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 9, 2023, 9:09 PM IST

देखें रिपोर्ट

शेखपुरा : बिहार के शेखपुरा में विधायक पर हमला करने और नवादा जेलब्रेक कांड सहित दर्जनों मामलों के आरोपी रहे अशोक महतो को 18 साल बाद जिला न्यायालय ने रिहा कर दिया. उनकी रिहाई की खबर बाहर आते ही समर्थकों में खुशी का माहौल देखा गया. फिलहाल अशोक महतो भागलपुर के जेल में बंद हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. वहां उन्हें रिहा कर दिया गया.

अशोक महतो के जीवन पर बनी है वेबसीरीज 'खाकी' : इस मामले में उनके सहयोगी रहे पिंटू महतो को साक्ष्य के आभाव में 2018 में जेल से रिहा कर दिया गया था. पिंटू महतो दो बार शेखपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. अशोक महतो पर चर्चित आईपीएस अमित लोढ़ा के द्वारा लिखी गई किताब पर एक वेब सीरीज भी बनाई गई है. जिसने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी है. इस वेब सीरीज में चंदन महतो का जो किरदार है, वह अशोक महतो पर ही आधारित है. आज अशोक महतो को 18 साल बाद रिहा कर दिया गया.

अशोक महतो की रिहाई बैकवर्ड समाज की जीत: अशोक महतो की रिहाई पर उनके सहयोगी रहे पिंटू महतो ने बताया कि "उनकी रिहाई बैकवर्ड समाज की एक बड़ी जीत है. वह बैकवर्ड समाज की लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश करते रहे. परंतु न्यायालय ने उन्हें रिहा कर दिया. उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा था". जानकारी के अनुसार 2005 में सांसद राजो सिंह की हत्या के लिए अशोक महतो गिरोह की जिम्मेदारी मानी जाती है.

राज राजो सिंह हत्याकांड में भी नाम आया था सामने : पुलिस ने अशोक महतो को गिरफ्तार कर लिया था. परंतु 2002 में वे नवादा जेल ब्रेक कर भागने में कामयाब रहे. यह भी कहा जाता है कि अशोक महतो के जेल से भगाने के पीछे पिंटू महतो ने विशेष भूमिका निभाई थी. इस जेल ब्रेक कांड के दौरान तीन पुलिस अधिकारियों की हत्या भी कर दी गई थी. इन्हें शेखपुरा और नवादा में पिछड़ी जातियों का समर्थन प्राप्त था.

जदयू विधायक पर हमला करने का है आरोप : अशोक महतो पर जदयू विधायक रहे रणधीर कुमार सोनी पर जानलेवा हमला किए जाने का भी आरोप लगा है. 25 अगस्त 2012 में विधायक पर हमला हुआ था. जिसमें वे बाल बाल बच गए थे. इसके बाद इस हमले का आरोप अशोक महतो और उनके गिरोह पर लगा था. परंतु आज कोई सबूत नहीं होने के कारण उन्हें इस मामले में रिहा कर दिया गया. अशोक महतो पर अन्य मामलों में पहले ही रिहाई मिल चुकी थी.

समर्थकों ने एक दूसरे को खिलाई मिठाई : विधायक पर हमला करने के मामले में गुरुवार को रिहाई मिल गयी. कल उनके भागलपुर जेल से निकलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस मौके पर उनके समर्थकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी है. भागलपुर जेल से उन्हें लाने के लिए बड़ी संख्या में वाहनों का काफिला भागलपुर के लिए रवाना किया जाएगा. जहां उनकी रिहाई एक ऐतिहासिक जश्न की तरह मनाई जाएगी.

ये भी पढ़ें : Bihar Politics: 'आनंद मोहन की तरह अशोक महतो को रिहा करे सरकार' मांग पर उपेंद्र कुशवाहा का समर्थन

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शेखपुरा : बिहार के शेखपुरा में विधायक पर हमला करने और नवादा जेलब्रेक कांड सहित दर्जनों मामलों के आरोपी रहे अशोक महतो को 18 साल बाद जिला न्यायालय ने रिहा कर दिया. उनकी रिहाई की खबर बाहर आते ही समर्थकों में खुशी का माहौल देखा गया. फिलहाल अशोक महतो भागलपुर के जेल में बंद हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. वहां उन्हें रिहा कर दिया गया.

अशोक महतो के जीवन पर बनी है वेबसीरीज 'खाकी' : इस मामले में उनके सहयोगी रहे पिंटू महतो को साक्ष्य के आभाव में 2018 में जेल से रिहा कर दिया गया था. पिंटू महतो दो बार शेखपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. अशोक महतो पर चर्चित आईपीएस अमित लोढ़ा के द्वारा लिखी गई किताब पर एक वेब सीरीज भी बनाई गई है. जिसने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी है. इस वेब सीरीज में चंदन महतो का जो किरदार है, वह अशोक महतो पर ही आधारित है. आज अशोक महतो को 18 साल बाद रिहा कर दिया गया.

अशोक महतो की रिहाई बैकवर्ड समाज की जीत: अशोक महतो की रिहाई पर उनके सहयोगी रहे पिंटू महतो ने बताया कि "उनकी रिहाई बैकवर्ड समाज की एक बड़ी जीत है. वह बैकवर्ड समाज की लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश करते रहे. परंतु न्यायालय ने उन्हें रिहा कर दिया. उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा था". जानकारी के अनुसार 2005 में सांसद राजो सिंह की हत्या के लिए अशोक महतो गिरोह की जिम्मेदारी मानी जाती है.

राज राजो सिंह हत्याकांड में भी नाम आया था सामने : पुलिस ने अशोक महतो को गिरफ्तार कर लिया था. परंतु 2002 में वे नवादा जेल ब्रेक कर भागने में कामयाब रहे. यह भी कहा जाता है कि अशोक महतो के जेल से भगाने के पीछे पिंटू महतो ने विशेष भूमिका निभाई थी. इस जेल ब्रेक कांड के दौरान तीन पुलिस अधिकारियों की हत्या भी कर दी गई थी. इन्हें शेखपुरा और नवादा में पिछड़ी जातियों का समर्थन प्राप्त था.

जदयू विधायक पर हमला करने का है आरोप : अशोक महतो पर जदयू विधायक रहे रणधीर कुमार सोनी पर जानलेवा हमला किए जाने का भी आरोप लगा है. 25 अगस्त 2012 में विधायक पर हमला हुआ था. जिसमें वे बाल बाल बच गए थे. इसके बाद इस हमले का आरोप अशोक महतो और उनके गिरोह पर लगा था. परंतु आज कोई सबूत नहीं होने के कारण उन्हें इस मामले में रिहा कर दिया गया. अशोक महतो पर अन्य मामलों में पहले ही रिहाई मिल चुकी थी.

समर्थकों ने एक दूसरे को खिलाई मिठाई : विधायक पर हमला करने के मामले में गुरुवार को रिहाई मिल गयी. कल उनके भागलपुर जेल से निकलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस मौके पर उनके समर्थकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी है. भागलपुर जेल से उन्हें लाने के लिए बड़ी संख्या में वाहनों का काफिला भागलपुर के लिए रवाना किया जाएगा. जहां उनकी रिहाई एक ऐतिहासिक जश्न की तरह मनाई जाएगी.

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