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शेखपुरा में हेरिटेज सोसायटी की तरफ किया गया व्याख्यान का आयोजन - Statue of vishnu

हेरिटेज सोसायटी के पुरातत्त्व अन्वेषण एवं उत्खनन विभाग की तरफ से शेखपुरा में व्याख्यान आयोजन किया गया. इसमें कई विद्वानों ने लोगों को संबोधित किया.

प्राचीन विष्णु की प्रतिमा
प्राचीन विष्णु की प्रतिमा
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Published : Jun 5, 2020, 2:08 PM IST

शेखपुरा: हेरिटेज सोसायटी की तरफ से सदर प्रखंड के पचना गांव में बौद्ध देवी तारा की खोज के बाद बिहार के विभिन्न जिलों से प्राचीन प्रतिमाएं सामने आने लगी हैं. इसकी जानकारी पुरातत्त्व अन्वेषण एवं उत्खनन विभाग के निदेशक डॉ.अनंताशुतोष द्विवेदी ने दिया. उन्होंने बताया कि हेरिटेज सोसायटी की तरफ से की जा रही जागरुकता की वजह से ही नवादा, नालंदा, औरंगाबाद और शेखपुरा के कई गांवों से कई पुरावशेष सामने आया है.

डॉ.अनंताशुतोष द्विवेदी ने कहा कि धेवसा-लोदीपुर और मेहूंस गांव से विष्णु की प्राचीन प्रतिमा पर आधारित खोजों के ऊपर हेरिटेज सोसायटी की तरफ से "रिसेंट डिस्कवरी इन शेखपुरा" विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. सोसायटी के प्रयास से ही लोगों में अपने धरोहर को विस्तार से जानने और सुरक्षित करने की भावना प्रबल हो रही है. वहीं, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संग्रहालाध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मेहूंस गांव से प्राप्त विष्णु प्रतिमा काफी प्राचीन है, इसे प्रारंभिक पाल कालीन निर्विवाद रूप से कहा है, लेकिन इसके बनावट की कुछ विशेषतायें इसे उत्तर गुप्त काल और पाल काल के मध्य की और भी इशारा करता है. इस प्रतिमा में गदा देवी और चक्र पुरुष का अंकन है.

प्राचीन विष्णु की प्रतिमा
प्राचीन विष्णु की प्रतिमा

व्याख्यान का किया गया आयोजन
बता दें कि धेवसा-लोदीपुर गांव से प्राप्त विष्णु की प्रतिमा को 11वीं सदी का बताया जा रहा है. यहां से प्राप्त दोनों प्रतिमाएं चतुर्भुज है. लेकिन धेवसा की प्रतिमा में गदा देवी और चक्र पुरुष के स्थान पर लक्ष्मी और सरस्वती का अंकन है. वहीं, हेरिटेज सोसायटी के पुरातत्त्व अन्वेषण एवं उत्खनन विभाग के तरफ से आयोजित इस व्याख्यान में देश के विभिन्न राज्यों से विद्वानों ने भाग लिया. विभाग के निदेशक डॉ.अनंताशुतोष द्विवेदी ने बताया कि प्रत्येक बुधवार को नवीन खोज के ऊपर व्याख्यान का आयोजन किया जाता है. ये आगे भी जारी रहेगी.

शेखपुरा: हेरिटेज सोसायटी की तरफ से सदर प्रखंड के पचना गांव में बौद्ध देवी तारा की खोज के बाद बिहार के विभिन्न जिलों से प्राचीन प्रतिमाएं सामने आने लगी हैं. इसकी जानकारी पुरातत्त्व अन्वेषण एवं उत्खनन विभाग के निदेशक डॉ.अनंताशुतोष द्विवेदी ने दिया. उन्होंने बताया कि हेरिटेज सोसायटी की तरफ से की जा रही जागरुकता की वजह से ही नवादा, नालंदा, औरंगाबाद और शेखपुरा के कई गांवों से कई पुरावशेष सामने आया है.

डॉ.अनंताशुतोष द्विवेदी ने कहा कि धेवसा-लोदीपुर और मेहूंस गांव से विष्णु की प्राचीन प्रतिमा पर आधारित खोजों के ऊपर हेरिटेज सोसायटी की तरफ से "रिसेंट डिस्कवरी इन शेखपुरा" विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. सोसायटी के प्रयास से ही लोगों में अपने धरोहर को विस्तार से जानने और सुरक्षित करने की भावना प्रबल हो रही है. वहीं, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संग्रहालाध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मेहूंस गांव से प्राप्त विष्णु प्रतिमा काफी प्राचीन है, इसे प्रारंभिक पाल कालीन निर्विवाद रूप से कहा है, लेकिन इसके बनावट की कुछ विशेषतायें इसे उत्तर गुप्त काल और पाल काल के मध्य की और भी इशारा करता है. इस प्रतिमा में गदा देवी और चक्र पुरुष का अंकन है.

प्राचीन विष्णु की प्रतिमा
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व्याख्यान का किया गया आयोजन
बता दें कि धेवसा-लोदीपुर गांव से प्राप्त विष्णु की प्रतिमा को 11वीं सदी का बताया जा रहा है. यहां से प्राप्त दोनों प्रतिमाएं चतुर्भुज है. लेकिन धेवसा की प्रतिमा में गदा देवी और चक्र पुरुष के स्थान पर लक्ष्मी और सरस्वती का अंकन है. वहीं, हेरिटेज सोसायटी के पुरातत्त्व अन्वेषण एवं उत्खनन विभाग के तरफ से आयोजित इस व्याख्यान में देश के विभिन्न राज्यों से विद्वानों ने भाग लिया. विभाग के निदेशक डॉ.अनंताशुतोष द्विवेदी ने बताया कि प्रत्येक बुधवार को नवीन खोज के ऊपर व्याख्यान का आयोजन किया जाता है. ये आगे भी जारी रहेगी.

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