ETV Bharat / state

कृषि शोध सलाहकार की बैठक, डॉ कृष्ण मुरारी सिंह सम्मानित

शेखपुरा जिले के किसान डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह को कृषि शोध सलाहकार की बैठक में सम्मानित किया गया. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने अंग वस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर उन्हें सम्मानित किया. पढ़िये पूरी खबर.

Kisan Bhushan Dr. Krishna Murari Singh
किसान भूषण डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह
author img

By

Published : Nov 16, 2021, 10:57 PM IST

शेखपुरा: भागलपुर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर (Bihar Agricultural University Sabour) में शोध सलाहकार की बैठक में शेखपुरा जिले के किसान को सम्मानित किया गया. जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के वर्मा गांव निवासी किसान भूषण डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह (Farmer Dr. Krishna Murari Singh) को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में शोध सलाहकार की बैठक में कुलपति डॉ.अरुण कुमार के द्वारा अंग वस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें:गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देकर किसानों को समृद्ध करेगी सरकार: मंत्री प्रमोद कुमार

इस संबंध में किसान भूषण डॉ.कृष्ण मुरारी सिंह ने बताया कि 15 नवंबर को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में राष्ट्र स्तरीय कृषि शोध सलाहकार की बैठक की गई. जिसमें पूरे देश से 50 से अधिक कृषि वैज्ञानिक शामिल हुए थे. जिसमें किसान डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह के द्वारा वैदिक खेती पर आधारित शोध पत्र प्रस्तुत किया गया. जिसको लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति ने उन्हें अंग वस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया.

बैठक में किसान भूषण डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह ने वैदिक खेती के बारे में लोगों को जागरूक करते हुए कई आवश्यक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लोग ऋषि, कृषि, संस्कृति को भूल रहे है. जिसको लेकर पुनः लोगों को जागरूक कर वैदिक खेती के प्रति अग्रसर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में किसानों के द्वारा रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा है. जिससे हमारे खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ मानव जीवन पर भी काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जिससे मानव की आयु और स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है.

ये भी पढ़ें:अच्छी खबर: बिहार के किसानों और पैक्सों को शून्य ब्याज पर लोन की योजना, मिलेगी बड़ी राहत

इसके साथ ही लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियां से ग्रसित हो रहे हैं. किसान डॉ. सिंह ने कहा कि इससे बचाव को लेकर लोगों को पुनः वैदिक खेती अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आजकल लोग मांसाहारी भोजन कर रहे हैं, जिसके कारण भी लोगों की आयु कम हो रही है और लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं. अगर लोग शाकाहार अपना लें और वैदिक खेती का प्रयोग करें तो अधिक आयु के साथ-साथ उनका शरीर भी स्वस्थ रहेगा.

शेखपुरा: भागलपुर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर (Bihar Agricultural University Sabour) में शोध सलाहकार की बैठक में शेखपुरा जिले के किसान को सम्मानित किया गया. जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के वर्मा गांव निवासी किसान भूषण डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह (Farmer Dr. Krishna Murari Singh) को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में शोध सलाहकार की बैठक में कुलपति डॉ.अरुण कुमार के द्वारा अंग वस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें:गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देकर किसानों को समृद्ध करेगी सरकार: मंत्री प्रमोद कुमार

इस संबंध में किसान भूषण डॉ.कृष्ण मुरारी सिंह ने बताया कि 15 नवंबर को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में राष्ट्र स्तरीय कृषि शोध सलाहकार की बैठक की गई. जिसमें पूरे देश से 50 से अधिक कृषि वैज्ञानिक शामिल हुए थे. जिसमें किसान डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह के द्वारा वैदिक खेती पर आधारित शोध पत्र प्रस्तुत किया गया. जिसको लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति ने उन्हें अंग वस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया.

बैठक में किसान भूषण डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह ने वैदिक खेती के बारे में लोगों को जागरूक करते हुए कई आवश्यक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लोग ऋषि, कृषि, संस्कृति को भूल रहे है. जिसको लेकर पुनः लोगों को जागरूक कर वैदिक खेती के प्रति अग्रसर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में किसानों के द्वारा रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा है. जिससे हमारे खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ मानव जीवन पर भी काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जिससे मानव की आयु और स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है.

ये भी पढ़ें:अच्छी खबर: बिहार के किसानों और पैक्सों को शून्य ब्याज पर लोन की योजना, मिलेगी बड़ी राहत

इसके साथ ही लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियां से ग्रसित हो रहे हैं. किसान डॉ. सिंह ने कहा कि इससे बचाव को लेकर लोगों को पुनः वैदिक खेती अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आजकल लोग मांसाहारी भोजन कर रहे हैं, जिसके कारण भी लोगों की आयु कम हो रही है और लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं. अगर लोग शाकाहार अपना लें और वैदिक खेती का प्रयोग करें तो अधिक आयु के साथ-साथ उनका शरीर भी स्वस्थ रहेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.