शेखपुरा: वेतन वृद्धि में कटौती के खिलाफ कार्यपालक सहायक सेवा संघ के सदस्यों ने शेखपुरा कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया और आदेश के प्रतियां जलाकर विरोध जताया. सहायक संघ के सदस्यों ने कहा कि सभी विभागों में प्रत्येक वर्ष वेतन वृद्धि में 10% के हिसाब से उनके वेतन को बढ़ाया जाता है. लेकिन सहायक संघ के वेतन वृद्धि में 5% की कटौती कर दी गई है. यह सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सरकार के आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन: इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कार्यपालक सहायक सेवा संघ के जिला अध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया कि मुख्य सचिव बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की शशि परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है जो काफी निंदनीय है.
"सभी कर्मियों की प्रत्येक वर्ष महंगाई वेतन वृद्धि 10% होती है लेकिन हम सभी की घटकर 5% कर दी गई है. ऐसे में प्रत्येक वर्ष 400 से 600 तक वेतन वृद्धि होगी. इस महंगाई के दर में घर चलना मुश्किल हो जाएगा."- धीरज कुमार,जिला अध्यक्ष, कार्यपालक सहायक सेवा संघ
'हमारा भविष्य अंधकारमय': उन्होंने बताया कि BPSM के द्वारा लिया गया निर्णय से उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है. सदस्यों ने सरकार से इस आदेश को निरस्त करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा इस नियम के अनुसार कुछ साल तक तो सहायक फायदे में रहेंगे. लेकिन उसके बाद उन सभी को काफी नुकसान होने लगेगा. वे लोग पहले से ही अल्प वेतन भोगी कर्मी के तौर पर कार्यरत है और इस फैसले के बाद उन्हें आर्थिक संकट की स्थिति से गुजरना पड़ेगा.
आदेश निरस्त नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी: कर्मियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस आदेश को अगर जल्द वापस नहीं लिया गया तो कार्यपालक सहायक सेवा संघ बड़े आंदोलन की तैयारी करेगा. काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करेगा. उसके बाद जरूरत पड़ने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाया जाएगा. उन्होंने आशा जताई है कि सरकार जल्द इस फैसले पर पुनः विचार करेगी और पुराने वेतनमान में 10% की बढ़ोतरी किये जाने का फैसला लागू करेगी. इस आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष कर्मचारी मौजूद रहे साथी सरकार की जमकर विरोध में नारेबाजी किया.
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