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शेखपुरा: पराली जलाने पर 163 किसानों पर की कार्रवाई, सरकारी लाभ से वंचित - Farmer denied government benefits

शेखपुरा जिले में किसानो के खेतों में पराली जलाने पर कृषि विभाग ने 163 किसानों पर कार्रवाई किया है. वहीं, जांच में मामला सही पाए जाने पर सभी किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है.

Sheikhpura
पराली
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Published : Dec 15, 2020, 10:06 PM IST

शेखपुरा: जिले में किसानों के द्वारा खेतों में पराली जलाने पर कृषि विभाग ने सख्‍त रुख अपनाया है. खेत में पराली जलाने वाले 163 किसानों पर कार्रवाई करते हुए कृषि विभाग की लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया है. विभाग की इस कार्रवाई से किसानों के बीच हड़कंप मच गया है. वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त सिन्हा ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में पराली जलाई जा रही थी. इसलिए जांच में मामला सही पाए जाने पर सभी किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि जिले में पराली जलाने वाले किसानों की पहचान सरकार के द्वारा भेजे गये सैटेलाइट तस्वीर के आधार पर की गई है. पराली जलाने वाले किसानों की सैटेलाइट तस्वीर को किसान सलाहकारों को देकर इसकी पहचान करने को कहा गया था. जिसके बाद फोटो लेकर पराली जलने वाले संबंधित खेत पर जाकर इन किसानों की पहचान की गई है.

चौपाल का आयोजन किसानों को किया जा रहा जागरूक

जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले के तमाम किसानों से अपील की है कि अपने-अपने खेतों में पराली नहीं जलाए. पराली जलाना नुकसानदेह है. इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है. साथ ही स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है.

पढ़ें: बांका : 2010 में आठ करोड़ की लागत से बना था पुल, धंस गया पाया

दुष्‍प्रभावों को देखते हुए ही सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है. पराली जलाने से मुख्य तौर पर हवा प्रदूषित होती है. इसके धुएं से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है. प्रदूषित कणों की वजह से अस्थमा और खांसी जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है. इसके अलावा निमोनिया और दिल की बीमारी जैसे रोग भी बढ़ रहे हैं. पराली नहीं जलाने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन किया जा रहा है.

पराली जलाने वाले किसानों की प्रखंडवार सूची

प्रखंडकिसान
अरियरी90
शेखपुरा25
चेवाड़ा22
बरबीघा16
शेखोपुरसराय10

शेखपुरा: जिले में किसानों के द्वारा खेतों में पराली जलाने पर कृषि विभाग ने सख्‍त रुख अपनाया है. खेत में पराली जलाने वाले 163 किसानों पर कार्रवाई करते हुए कृषि विभाग की लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया है. विभाग की इस कार्रवाई से किसानों के बीच हड़कंप मच गया है. वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त सिन्हा ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में पराली जलाई जा रही थी. इसलिए जांच में मामला सही पाए जाने पर सभी किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि जिले में पराली जलाने वाले किसानों की पहचान सरकार के द्वारा भेजे गये सैटेलाइट तस्वीर के आधार पर की गई है. पराली जलाने वाले किसानों की सैटेलाइट तस्वीर को किसान सलाहकारों को देकर इसकी पहचान करने को कहा गया था. जिसके बाद फोटो लेकर पराली जलने वाले संबंधित खेत पर जाकर इन किसानों की पहचान की गई है.

चौपाल का आयोजन किसानों को किया जा रहा जागरूक

जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले के तमाम किसानों से अपील की है कि अपने-अपने खेतों में पराली नहीं जलाए. पराली जलाना नुकसानदेह है. इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है. साथ ही स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है.

पढ़ें: बांका : 2010 में आठ करोड़ की लागत से बना था पुल, धंस गया पाया

दुष्‍प्रभावों को देखते हुए ही सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है. पराली जलाने से मुख्य तौर पर हवा प्रदूषित होती है. इसके धुएं से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है. प्रदूषित कणों की वजह से अस्थमा और खांसी जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है. इसके अलावा निमोनिया और दिल की बीमारी जैसे रोग भी बढ़ रहे हैं. पराली नहीं जलाने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन किया जा रहा है.

पराली जलाने वाले किसानों की प्रखंडवार सूची

प्रखंडकिसान
अरियरी90
शेखपुरा25
चेवाड़ा22
बरबीघा16
शेखोपुरसराय10
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