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शिवहर: जल जीवन हरियाली की बैठक में पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा, जल पुरुष भी थे मौजूद - Sheohar

जल जीवन हरियाली को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित मीटिंग हॉल में डीडीसी विशाल राज की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई.

Discussion on conservation of environment in Sheoha
Discussion on conservation of environment in Sheoha
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Published : Feb 4, 2021, 11:04 PM IST

शिवहर: जल जीवन हरियाली को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित मीटिंग हॉल में डीडीसी विशाल राज की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में पर्यावरण कार्यकर्त्ता राजेन्द्र सिंह ने जल जीवन हरियाली के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सरकार पेयजल संरक्षण को लेकर गंभीर है.

'जल संरक्षण के दिशा में किए जा रहे सम्पूर्ण प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. कड़ी मेहनत के बाद सबसे पहले राजस्थान में पेयजल समस्या पर कार्य की शुरुआत की गई. जिसमें आशातीत सफलता प्राप्त हुई और इसको लेकर मुझे नोबेल पुरस्कार भी मिला.' -राजेन्द्र सिंह, जल पुरुष

राजेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि पानी की एक-एक बूंद संरक्षित करने का प्रयास करना होगा. नदी और तालाब आदि के पेयजल स्तर को बनाए रखने से वो उपयोगी रहते हैं. उन्होंने कहा कि हमें हर हाल में जल संरक्षित करना चाहिए. प्रदूषण का मुख्य कारण ग्लोबलाइजेशन है. जिसके कारण डिफॉरेस्टेशन हो रहा है. मिट्टी बह जाती है और नमी समाप्त हो जाती है. जिससे हरियाली भी समाप्त हो जाती है.

ये भी पढ़ें:- रूपेश हत्याकांड: राजभवन पहुंचे बीजेपी नेता, कहा- CBI से कराई जाए जांच

भूमि कटाव को रोकना जरूरी
उन्होंने कहा कि धरती की हरियाली और नदियों की पवित्रता दोनों जरूरी है. ये धड़कते मौसम को ठीक करती है. भूमि का कटाव और नदियों के पेट का जमाव इन चारों पर काम करने की आवश्यकता है. मौके पर मौलाना एजाज शाहीन चतुर्वेदी, मनोहर मानव, स्मृति राज, रिंकू देवी, सिद्धार्थ मसकरी और दीपक कुमार सहित कई लोग उपस्थित रहे.

शिवहर: जल जीवन हरियाली को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित मीटिंग हॉल में डीडीसी विशाल राज की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में पर्यावरण कार्यकर्त्ता राजेन्द्र सिंह ने जल जीवन हरियाली के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सरकार पेयजल संरक्षण को लेकर गंभीर है.

'जल संरक्षण के दिशा में किए जा रहे सम्पूर्ण प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. कड़ी मेहनत के बाद सबसे पहले राजस्थान में पेयजल समस्या पर कार्य की शुरुआत की गई. जिसमें आशातीत सफलता प्राप्त हुई और इसको लेकर मुझे नोबेल पुरस्कार भी मिला.' -राजेन्द्र सिंह, जल पुरुष

राजेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि पानी की एक-एक बूंद संरक्षित करने का प्रयास करना होगा. नदी और तालाब आदि के पेयजल स्तर को बनाए रखने से वो उपयोगी रहते हैं. उन्होंने कहा कि हमें हर हाल में जल संरक्षित करना चाहिए. प्रदूषण का मुख्य कारण ग्लोबलाइजेशन है. जिसके कारण डिफॉरेस्टेशन हो रहा है. मिट्टी बह जाती है और नमी समाप्त हो जाती है. जिससे हरियाली भी समाप्त हो जाती है.

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भूमि कटाव को रोकना जरूरी
उन्होंने कहा कि धरती की हरियाली और नदियों की पवित्रता दोनों जरूरी है. ये धड़कते मौसम को ठीक करती है. भूमि का कटाव और नदियों के पेट का जमाव इन चारों पर काम करने की आवश्यकता है. मौके पर मौलाना एजाज शाहीन चतुर्वेदी, मनोहर मानव, स्मृति राज, रिंकू देवी, सिद्धार्थ मसकरी और दीपक कुमार सहित कई लोग उपस्थित रहे.

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