शिवहर: बिहार के कई जिलों में कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इसी को लेकर रविवार को शिवहर जिले के सभी पीएचसी में की गई कोरोना की जांच की सत्यता का सत्यापन जिला प्रशासन और सिविल सर्जन के द्वारा किया गया. जिसमें पुरनहिया पीएससी के अधीन कोरोना संक्रमण की जांच में फर्जीवाड़ा की जानकारी मिली.
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सिविलसर्जन ने दी जानकारी
इस संबंध में सिविलसर्जन डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि सत्यापन के दौरान कोरोना संक्रमण के जांच में 40 लोगों का नाम फर्जी पाये जाने पर पुरनहिया पीएचसी के तत्कालीन प्रभारी डॉक्टर त्रिलोकी शर्मा और स्वास्थ्य प्रबंधक को शो-कॉज किया गया है. वहीं 2 की संविदा समाप्त कर दी गई है. पूरी जांच की जा रही है. लापरवाही करने वाले किसी भी कर्मी को बक्सा नहीं जाएगा.
क्या है मामला?
दरअसल, बिहार में कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जनवरी, 18 जनवरी और 25 जनवरी को जमुई जिले के सिकन्दरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 183 लोगों की जांच हुई. इसके बाद 26 जिलों में 12 टीमें इस मामले की छानबीन कर रहीं है.
13 लोगों के नाम पर लिखा एक मोबाइल नंबर?
हालांकि, जांच में जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला था. रिपोर्ट की माने तो, सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिन लोगों का कोरोना जांच किया गया था, उनमें से 13 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिला मुख्यालय में डाटा एंट्री स्टॉफ ने जमीनी स्तर पर काम करने वाले पीएचसी के कर्मचारियों को दोषी ठहराया है.
इस पूरे मामले पर जांच जारी है. लेकिन बीजेपी इस बड़े घोटाले में बचाव की मुद्रा में है. वहीं विपक्ष मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रहा है.