ETV Bharat / state

पति के मरने के 9 साल बाद भी नहीं मिला मेडिक्लेम का भुगतान, बेटों के साथ धरने पर बैठी महिला

सारण के एलआईसी कार्यालय में अपने पति के मेडिक्लेम के बकाये भुगतान को लेकर सोमवार को एक महिला अपने दोनों पुत्रों के साथ एक दिवसीय धरने पर बैठ गई.

author img

By

Published : Sep 7, 2020, 10:18 PM IST

saran
saran

सारण: जिले के एलआईसी कार्यालय में अपने पति के मेडिक्लेम के बकाये भुगतान को लेकर सोमवार को एक महिला अपने दोनों पुत्रों के साथ एक दिवसीय धरने पर बैठ गई. महिला का आरोप है कि उनके पति का मेडिकल क्लेम का 9 सालों से भुगतान नहीं किया गया है.

महिला ने बताया कि उनके पति स्व राजेन्द्र प्रसाद एक एलआईसी एजेंट थे. नौ साल पहले उनकी मृत्यु हो गयी. उन्होंने अपने जीवनकाल में ही एक मेडीक्लेम पॉलिसी ली थी. पति की मृत्यु के बाद उन्होनें सभी आवश्यक कागजात एलआईसी कार्यालय में जमा करा दिया. लेकिन विगत 9 सालों से इनका भुगतान नहीं किया गया.

मिला आधा अधूरा मेडिक्लेम
इस दौरान उन्होनें कई बार इस बात की जानकारी एलआईसी के उच्च अधिकारियों को दी. लेकिन अभी तक इसका भुगतान नहीं हुआ. मजबूर होकर उन्होंने पेमेंट के लिए कोर्ट का रुख किया. पिछले 19 अगस्त को 9 साल की भाग दौड़, कागज़ी कारवाई और अदालतों के चक्कर लगाने के बाद मेडीक्लेम का भुगतान कराया गया. वहीं पति के मेडीक्लेम के भुगतान के लिए पिछले 9 वर्षों से प्रयासरत महिला को आधा अधूरा ही मेडीक्लेम का भुगतान किया गया.

धरने पर बैठी महिला
धरने पर बैठी महिला

एलआईसी एजेंट की पत्नी होने के बाद भी मेडिक्लेम में लगा 9 साल
इसी को लेकर महिला ने आज एलआईसी कार्यालय परिसर में अपने दोनों पुत्रों के साथ धरना दिया. वहीं महिला ने कहा की एक एलआईसी एजेंट की पत्नी होने के बाद भी मेडिक्लेम पाने में इतना समय लग गया तो आम उपभोक्ताओं की क्या स्थिति होगी. महिला ने बताया कि 9 साल तक पेमेंट नही होने और अधूरा भुगतान होने के खिलाफ उन्होंने धरना पर बैठने का फैसला लिया. महिला ने कहा कि 9 साल तक वकील का फीस और हर्जाना कौन देगा.

जानकारी देते शाखा प्रबंधक
जानकारी देते शाखा प्रबंधक

शाखा प्रबंधक ने मेडिक्लेम पॉलिसी के भुगतान में विलंब की बता स्वीकारी
वहीं जब इस सम्बंध में शाखा प्रबंधक मिन्हाज अहमद से सवाल किया गया तो उन्होंने मेडीक्लेम पॉलिसी के भुगतान में विलंब होने की बात स्वीकारी है. शाखा प्रबंधक ने कहा कि उन्होने स्वयं जाकर इस सम्बंध में उनकी महिला से बात की है और उन्हे लिखित आवेदन देने को कहा. वो इसे आगे के अधिकारियों को भेजेंगे. फिर उसके बाद क्या कारवाई होती है वो ऊपर के अधिकारी ही बता पाएंगे.

सारण: जिले के एलआईसी कार्यालय में अपने पति के मेडिक्लेम के बकाये भुगतान को लेकर सोमवार को एक महिला अपने दोनों पुत्रों के साथ एक दिवसीय धरने पर बैठ गई. महिला का आरोप है कि उनके पति का मेडिकल क्लेम का 9 सालों से भुगतान नहीं किया गया है.

महिला ने बताया कि उनके पति स्व राजेन्द्र प्रसाद एक एलआईसी एजेंट थे. नौ साल पहले उनकी मृत्यु हो गयी. उन्होंने अपने जीवनकाल में ही एक मेडीक्लेम पॉलिसी ली थी. पति की मृत्यु के बाद उन्होनें सभी आवश्यक कागजात एलआईसी कार्यालय में जमा करा दिया. लेकिन विगत 9 सालों से इनका भुगतान नहीं किया गया.

मिला आधा अधूरा मेडिक्लेम
इस दौरान उन्होनें कई बार इस बात की जानकारी एलआईसी के उच्च अधिकारियों को दी. लेकिन अभी तक इसका भुगतान नहीं हुआ. मजबूर होकर उन्होंने पेमेंट के लिए कोर्ट का रुख किया. पिछले 19 अगस्त को 9 साल की भाग दौड़, कागज़ी कारवाई और अदालतों के चक्कर लगाने के बाद मेडीक्लेम का भुगतान कराया गया. वहीं पति के मेडीक्लेम के भुगतान के लिए पिछले 9 वर्षों से प्रयासरत महिला को आधा अधूरा ही मेडीक्लेम का भुगतान किया गया.

धरने पर बैठी महिला
धरने पर बैठी महिला

एलआईसी एजेंट की पत्नी होने के बाद भी मेडिक्लेम में लगा 9 साल
इसी को लेकर महिला ने आज एलआईसी कार्यालय परिसर में अपने दोनों पुत्रों के साथ धरना दिया. वहीं महिला ने कहा की एक एलआईसी एजेंट की पत्नी होने के बाद भी मेडिक्लेम पाने में इतना समय लग गया तो आम उपभोक्ताओं की क्या स्थिति होगी. महिला ने बताया कि 9 साल तक पेमेंट नही होने और अधूरा भुगतान होने के खिलाफ उन्होंने धरना पर बैठने का फैसला लिया. महिला ने कहा कि 9 साल तक वकील का फीस और हर्जाना कौन देगा.

जानकारी देते शाखा प्रबंधक
जानकारी देते शाखा प्रबंधक

शाखा प्रबंधक ने मेडिक्लेम पॉलिसी के भुगतान में विलंब की बता स्वीकारी
वहीं जब इस सम्बंध में शाखा प्रबंधक मिन्हाज अहमद से सवाल किया गया तो उन्होंने मेडीक्लेम पॉलिसी के भुगतान में विलंब होने की बात स्वीकारी है. शाखा प्रबंधक ने कहा कि उन्होने स्वयं जाकर इस सम्बंध में उनकी महिला से बात की है और उन्हे लिखित आवेदन देने को कहा. वो इसे आगे के अधिकारियों को भेजेंगे. फिर उसके बाद क्या कारवाई होती है वो ऊपर के अधिकारी ही बता पाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.