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छपरा: आयुष मंत्रालय की ओर से वेबिनार का आयोजन, कोरोनाकाल में बढ़ी आयुर्वेद की डिमांड - कोरोनाकाल में बढ़ी आयुर्वेद की डिमांड

आयुष मंत्रालय की ओर से छपरा स्थित आयुर्वेद कॉलेज में सेमिनार का आयोजन किया गया. मौके पर जानकारों ने लोगों को ज्यादा से ज्यादा आयुर्वेद अपनाने की सलाह दी.

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Published : Nov 13, 2020, 5:10 PM IST

सारण: जिले के आयुर्वेद कॉलेज छपरा में आरोग्य दिवस के मौके पर वेब सेमिनार का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम आयुष मंत्रलाय भारत सरकार की ओर से आयोजित किया गया. जहां भारी संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान जानकारों ने बताया कि कोरोनाकाल में आयुर्वेद की डिमांड में इजाफा हुआ है.

मौके पर जानकारों ने कहा कि तमाम रोग के इलाज में अंग्रेजी दवाओं पर ही लोग ज्यादा निर्भर रहते हैं, जबकि कोरोना काल में स्थिति बदल गई. लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रति भरोसा बढ़ा है. यही वजह है कि आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में 50 फीसद तक का इजाफा हुआ है.

आयुर्वेद पर बढ़ रहा भरोसा
बता दें कि एक ओर जहां अंग्रेजी दवाइयों की कीमतें आसमान छूती नजर आ रही है. वहीं आयुर्वेदिक दवाइयां सस्ती है और आसानी से मिल भी जाती है. इसलिए मरीजों में इसको लेकर भरोसा बढ़ा है. अधिकतर मरीज अभी भी आयुर्वेद से ही इलाज करा रहे हैं.

अस्पतालों में की जा रही नियुक्ति
सकारात्मक बात यह है कि आयुर्वेदिक अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति का नियतन पूरा किया जा रहा है. अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता बढ़ने से भी स्थिति में सुधार हुआ है. इसको लेकर लगातर आयुर्वेद इस पर विचार-विमर्श कर रहा है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाओं के तरफ आगे आएं.

सारण: जिले के आयुर्वेद कॉलेज छपरा में आरोग्य दिवस के मौके पर वेब सेमिनार का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम आयुष मंत्रलाय भारत सरकार की ओर से आयोजित किया गया. जहां भारी संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान जानकारों ने बताया कि कोरोनाकाल में आयुर्वेद की डिमांड में इजाफा हुआ है.

मौके पर जानकारों ने कहा कि तमाम रोग के इलाज में अंग्रेजी दवाओं पर ही लोग ज्यादा निर्भर रहते हैं, जबकि कोरोना काल में स्थिति बदल गई. लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रति भरोसा बढ़ा है. यही वजह है कि आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में 50 फीसद तक का इजाफा हुआ है.

आयुर्वेद पर बढ़ रहा भरोसा
बता दें कि एक ओर जहां अंग्रेजी दवाइयों की कीमतें आसमान छूती नजर आ रही है. वहीं आयुर्वेदिक दवाइयां सस्ती है और आसानी से मिल भी जाती है. इसलिए मरीजों में इसको लेकर भरोसा बढ़ा है. अधिकतर मरीज अभी भी आयुर्वेद से ही इलाज करा रहे हैं.

अस्पतालों में की जा रही नियुक्ति
सकारात्मक बात यह है कि आयुर्वेदिक अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति का नियतन पूरा किया जा रहा है. अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता बढ़ने से भी स्थिति में सुधार हुआ है. इसको लेकर लगातर आयुर्वेद इस पर विचार-विमर्श कर रहा है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाओं के तरफ आगे आएं.

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