छपरा: जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान जोर-शोर से चल रहा है. अब जिले में 18 वर्ष से 44 वर्ष तक सभी नागरिकों का टीकाकरण किया जायेगा. रविवार को जिले में टीकाकरण अभियान की शुरूआत की गयी. भारत सरकार के निर्देशानुसार और स्वास्थ्य विभाग संकल्प के माध्यम से निर्णित राज्य के 18 वर्ष से 44 वर्ष आयुवर्ग के सभी नागरिकों को कोविड-19 के टीकाकरण से आच्छादित किया जाना है.
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टीकाकरण की तिथि का चयन
लक्षित लाभार्थियों को कोविड का टीकाकरण स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्धारित सरकारी टीकाकरण केन्द्रों में निशुल्क किया गया. लाभार्थी की आयु 1 मई 2021 को 18 वर्ष या उससे अधिक और 44 वर्ष की आयु को पूर्ण कर लिया हो, उनको ही यह वैक्सीन दी जाएगी. लाभार्थी को अपने निकटतम स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिन्हित कोविड वैक्सिनेशन सेंटर के चयन की सुविधा उपलब्ध है. उपलब्ध समय स्लॉट में अपनी सुविधानुसार टीकाकरण की तिथि का चयन करने की सुविधा उपलब्ध है.
ऑनलाइन पंजीकरण करना जरूरी
लाभार्थी द्वारा भारत सरकार से अधिकृत एप/वेबसाइट कोविन पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना जरूरी है. पंजीकरण की सुविधा पोर्टल https://selfrsgistration.cowin.gov.in/ या आरोग्य सेतु ऐप पर उपलब्ध है. सत्र स्थल पर इस आयुवर्ग के लाभार्थियों के लिए ऑनस्पॉट पंजीकरण की सुविधा नहीं होगी. पंजीकरण की सुविधा चिन्हित स्वास्थ्य संस्थानों के लिये उपलब्ध है. जिसकी सूची पोर्टल और आरोग्यसेतु पर उपलब्ध है. पंजीकरण के लिए लाभार्थी के पास आधार कार्ड और मोबाइल नम्बर का होना अनिवार्य है.
विवरणी अंकित करने का निर्देश
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने निर्देश दिया है कि टीकाकरण स्थल को कोविंड-19 की जांच और ओ.पी.डी. क्षेत्र से अलग बनाया जाये. वर्तमान में 18 से 44 वर्ष की आयुवर्ग के लाभार्थियों का टीकाकरण प्रखंड स्तर तक ही किया जायेगा. भविष्य में वैक्सिन की उपलब्धता के आधार पर इसे विस्तारित किया जा सकता है. इसके लिए स्वास्थ्य केन्द्र से अलग कॉलेज/ विद्यालय / सामुदायिक केन्द्र आदि चिन्हित करने और कोविन पोर्टल पर इसकी विवरणी अंकित करने के निर्देश दिए हैं.
सत्र स्थल पर प्रतीक्षा कक्ष, टीकाकरण कक्ष और अवलोकन कक्ष करने के साथ-साथ लाभार्थियों के बीच दो गज की दूरी निर्धारित करते हुए बैठाने आदि की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं. कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाये कि सत्र स्थल पर भीड़-भाड़ की स्थिति उत्पन्न न हो और लाभार्थियों के प्रतीक्षा करने के लिए पर्याप्त स्थान और बैठने की सुविधा उपलब्ध हो.