सारण: जिले के एकमा प्रखंड के रसूलपुर बाजार में बंदरों का आतंक है. बंदरों ने अबतक यहां दर्जनों लोगों को काटा है. लोग बंदरों के आतंक के डर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि बंदरों का झुंड कब किस पर हमला कर दें कोई भरोसा नहीं.
इन जगहों पर है आतंक
सारण और सिवान जिले की सीमा पर स्थित रसूलपुर बाजार और गांव के अलावा लाकठ छपरा, धानाडीह और बलिया कोठी गांव के सैकड़ों ग्रामीण बंदरों के झुंड से परेशान हैं जो राह चलते राहगीरों और गांव के लोगों पर अचानक जानलेवा हमला कर देते हैं.
दर्जनों लोगों को लगे टांके
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विगत चार-पांच महीने पूर्व से ही रसूलपुर बाजार पर बंदरों की एक टोली आई हुई थी, जिसमें से एक बंदर का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था. वह बंदर किसी को भी काट कर गंभीर रूप से घायल कर दे रहा है. पिछले तीन-चार महीनों में लगभग 50 से ज्यादा लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है, जिनमें से कुछ वैसे भी लोग हैं जिन्हें दर्जनों टांके भी लगवाने पड़े हैं, घायलों में बच्चे, बूढ़े और औरतें भी शामिल हैं.
चार महीनों से है आतंक
हालांकि इस तरह की घटना की सूचना स्थानीय ग्रामीणों द्वारा एकमा प्रखंड के अंचलाधिकारी को लिखित रूप में लगभग तीन महीने पहले ही दे दी गयी थी लेकिन उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. उसके बाद वन प्रमंडल विभाग सारण के कार्यालय में भी लिखित आवेदन दिया गया है लेकिन वहां से भी अभी तक किसी तरह की कोई कदम नहीं उठाया गया है.
वन विभागी के अधिकारी ने क्या कहा
सारण के वन प्रमंडल अधिकारी लक्ष्येन्द्र पंडित ने ईटीवी भारत से कहा कि पंद्रह दिन पहले इसकी लिखित शिकायत मिली थी. जिसके आलोक में वन प्रमंडल अधिकारी मुजफ्फरपुर को लिखा गया है. क्योंकि वहीं पर एक टीम कार्य कर रही है. जिसका कार्य क्षेत्र उत्तर बिहार बनाया गया है. उन्होंने कहा कि बंदरों को जल्द पकड़ा जाएगा और बेतिया के घने जंगलों में जाकर छोड़ दिया जाएगा.