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सावधान! यहां बंदरों से बचकर रहें, वर्ना आप भी हो सकते हैं शिकार

इस तरह की घटना की सूचना स्थानीय ग्रामीणों द्वारा एकमा प्रखंड के अंचलाधिकारी को लिखित रूप में लगभग तीन महीने पहले ही दे दी गयी थी लेकिन उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई.

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Published : Nov 8, 2019, 9:07 AM IST

सारण: जिले के एकमा प्रखंड के रसूलपुर बाजार में बंदरों का आतंक है. बंदरों ने अबतक यहां दर्जनों लोगों को काटा है. लोग बंदरों के आतंक के डर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि बंदरों का झुंड कब किस पर हमला कर दें कोई भरोसा नहीं.

इन जगहों पर है आतंक
सारण और सिवान जिले की सीमा पर स्थित रसूलपुर बाजार और गांव के अलावा लाकठ छपरा, धानाडीह और बलिया कोठी गांव के सैकड़ों ग्रामीण बंदरों के झुंड से परेशान हैं जो राह चलते राहगीरों और गांव के लोगों पर अचानक जानलेवा हमला कर देते हैं.

दर्जनों लोगों को बंदर ने काटा

दर्जनों लोगों को लगे टांके
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विगत चार-पांच महीने पूर्व से ही रसूलपुर बाजार पर बंदरों की एक टोली आई हुई थी, जिसमें से एक बंदर का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था. वह बंदर किसी को भी काट कर गंभीर रूप से घायल कर दे रहा है. पिछले तीन-चार महीनों में लगभग 50 से ज्यादा लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है, जिनमें से कुछ वैसे भी लोग हैं जिन्हें दर्जनों टांके भी लगवाने पड़े हैं, घायलों में बच्चे, बूढ़े और औरतें भी शामिल हैं.

चार महीनों से है आतंक
हालांकि इस तरह की घटना की सूचना स्थानीय ग्रामीणों द्वारा एकमा प्रखंड के अंचलाधिकारी को लिखित रूप में लगभग तीन महीने पहले ही दे दी गयी थी लेकिन उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. उसके बाद वन प्रमंडल विभाग सारण के कार्यालय में भी लिखित आवेदन दिया गया है लेकिन वहां से भी अभी तक किसी तरह की कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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अपना जख्म दिखाते ग्रामीण

वन विभागी के अधिकारी ने क्या कहा
सारण के वन प्रमंडल अधिकारी लक्ष्येन्द्र पंडित ने ईटीवी भारत से कहा कि पंद्रह दिन पहले इसकी लिखित शिकायत मिली थी. जिसके आलोक में वन प्रमंडल अधिकारी मुजफ्फरपुर को लिखा गया है. क्योंकि वहीं पर एक टीम कार्य कर रही है. जिसका कार्य क्षेत्र उत्तर बिहार बनाया गया है. उन्होंने कहा कि बंदरों को जल्द पकड़ा जाएगा और बेतिया के घने जंगलों में जाकर छोड़ दिया जाएगा.

सारण: जिले के एकमा प्रखंड के रसूलपुर बाजार में बंदरों का आतंक है. बंदरों ने अबतक यहां दर्जनों लोगों को काटा है. लोग बंदरों के आतंक के डर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि बंदरों का झुंड कब किस पर हमला कर दें कोई भरोसा नहीं.

इन जगहों पर है आतंक
सारण और सिवान जिले की सीमा पर स्थित रसूलपुर बाजार और गांव के अलावा लाकठ छपरा, धानाडीह और बलिया कोठी गांव के सैकड़ों ग्रामीण बंदरों के झुंड से परेशान हैं जो राह चलते राहगीरों और गांव के लोगों पर अचानक जानलेवा हमला कर देते हैं.

दर्जनों लोगों को बंदर ने काटा

दर्जनों लोगों को लगे टांके
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विगत चार-पांच महीने पूर्व से ही रसूलपुर बाजार पर बंदरों की एक टोली आई हुई थी, जिसमें से एक बंदर का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था. वह बंदर किसी को भी काट कर गंभीर रूप से घायल कर दे रहा है. पिछले तीन-चार महीनों में लगभग 50 से ज्यादा लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है, जिनमें से कुछ वैसे भी लोग हैं जिन्हें दर्जनों टांके भी लगवाने पड़े हैं, घायलों में बच्चे, बूढ़े और औरतें भी शामिल हैं.

चार महीनों से है आतंक
हालांकि इस तरह की घटना की सूचना स्थानीय ग्रामीणों द्वारा एकमा प्रखंड के अंचलाधिकारी को लिखित रूप में लगभग तीन महीने पहले ही दे दी गयी थी लेकिन उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. उसके बाद वन प्रमंडल विभाग सारण के कार्यालय में भी लिखित आवेदन दिया गया है लेकिन वहां से भी अभी तक किसी तरह की कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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अपना जख्म दिखाते ग्रामीण

वन विभागी के अधिकारी ने क्या कहा
सारण के वन प्रमंडल अधिकारी लक्ष्येन्द्र पंडित ने ईटीवी भारत से कहा कि पंद्रह दिन पहले इसकी लिखित शिकायत मिली थी. जिसके आलोक में वन प्रमंडल अधिकारी मुजफ्फरपुर को लिखा गया है. क्योंकि वहीं पर एक टीम कार्य कर रही है. जिसका कार्य क्षेत्र उत्तर बिहार बनाया गया है. उन्होंने कहा कि बंदरों को जल्द पकड़ा जाएगा और बेतिया के घने जंगलों में जाकर छोड़ दिया जाएगा.

Intro:SLUG:-TERROR OF MONKEYS
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-बंदर को इंसान का दूसरा रूप कहा जाता हैं लेकिन जब वही बंदर इंसान के ऊपर हमला कर घायल करें तो इंसान भागे फिरता हैं हालांकि कोई भी वन्यजीव किसी भी इंसान पर हमला तभी करता हैं जब उसको किसी तरह का क्षति हुआ हो, शायद इसी तरह का मामला सारण जिले के एकमा प्रखंड व रसूलपुर थाना क्षेत्र के रसूलपुर बाजार सहित दर्जनों गांव का हैं जहां के लोग बंदरों के आतंक के डर से बाहर नहीं निकल रहे है क्योंकि बंदरों के झुंड कब किस पर हमला कर दें जिस कारण डर के साए में भी जीना मुहाल हो गया हैं.







Body:सारण व सिवान ज़िले की सीमा पर स्थित रसूलपुर थाना क्षेत्र के रसूलपुर बाजार व गांव के अलावे लाकठ छपरा, धानाडीह और बलिया कोठी गांव के सैकड़ों ग्रामीण बंदरो के झुंड से परेशान है जो राह चलते राहगीरों और गांव के लोगों पर अचानक जानलेवा हमला कर देता हैं जिस कारण नाख़ून के खरोंच से खून निकलने लग रहा हैं जिससे ग्रामीण और राहगीर गंभीर रूप से घायल हो जा रहे हैं.

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विगत चार-पांच महीने पूर्व से ही रसूलपुर बाजार पर बंदरों की एक टोली आई हुई थी, जिसमें से एक बंदर का मानसिक संतुलन ठीक नही था वह बंदर किसी को भी काट कर गंभीर रूप से घायल कर दे रहा है, पिछले तीन-चार महीनों में लगभग 50 से ज्यादें लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है, जिनमें से कुछ वैसे भी लोग है जिन्हें दर्जनों टांके भी लगवाने पड़े हैं, घायलों में बच्चे, बूढ़े और औरतें भी शामिल हैं.

Byte:-संतोष प्रसाद, स्थानीय ग्रामीण





Conclusion:हालांकि इस तरह की घटना की सूचना स्थानीय ग्रामीणों द्वारा एकमा प्रखंड के अंचलाधिकारी को लिखित रुप में लगभग तीन महीने पहले ही दे दी गयी थी लेकिन उस पर कोई भी कार्यवाई नही हुआ उसके बाद वन प्रमंडल विभाग सारण के कार्यालय में भी लिखित आवेदन दिया गया है लेकिन वहां से भी अभी तक किसी तरह की कोई कार्यवाई नहीं हुई है जिस कारण दर्जनों गांवों में भय का माहौल बना हुआ है सबसे बड़ी बात यह हैं कि इस तरह की घटना की सूचना स्थानीय एकमा विधायक मनोरंजन सिंह उर्फ़ धूमल सिंह सहित कई अन्य जनप्रतिनिधियों को हैं लेकिन किसी तरह कोई सहायता नहीं मिल रही हैं क्योंकि रसूलपुर बाजार के नजदीक क्षेत्रीय विधायक का स्थायी निवास स्थान हैं और भोजपुरी के स्टार खेसारी लाल यादव भी इसी गांव के है.

सारण के वन प्रमंडल पदाधिकारी लक्ष्येन्द्र पंडित ने ईटीवी भारत से कहा कि पंद्रह दिन पूर्व इसकी लिखित शिकायत मिली हुई थी जिसके आलोक में वन प्रमंडल पदाधिकारी मुजफ्फरपुर को लिखा गया हैं क्योंकि वहीं पर एक टीम कार्य कर रही हैं जिसका कार्य क्षेत्र उत्तर बिहार बनाया गया हैं वही लोग वन्यजीवों को पकड़ने का कार्य करते हैं और उसे घने जंगलों में जाकर छोड़ते हैं.


Byte:-लक्ष्येन्द्र पंडित, जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी, सारण

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