सारण: जिले में स्थित जयप्रकाश विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन के गेट पर विभिन्न छात्र संगठन अपने मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठे हुए है. छात्रों के अनशन का यह 5वां दिन है. इस दौरान 3 छात्रों की तबियत बिगड़ गई. जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. वहीं , विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक किसी पहल की शुरूआत नहीं की है.
स्थानीय छात्र संगठन कर रहा है अनशन
अपनी मांगो के लेकर स्थानीय छात्र संगठन एनएसयूआई और आरएसए के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आमरण अनशन पर है. जिसका नेतृत्व एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार उर्फ चुन्नू सिंह और शोध विद्यार्थी संगठन के मनीष पांडेय मिंटू कर रहे है. अनशनकारियों का समर्थन करने वालों की सूची में अब विपक्षी दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हो चुके है. हालांकि, सत्ता पक्ष की ओर से कोई भी जनप्रतिनिधि अनशनकारियों का समर्थन करने सामने नहीं आए.
स्वास्थ्य विभाग ने किया कर्मियों की तैनाती
अनशन करने वाले छात्र नेता शशि कुमार उर्फ चुन्नू सिंह और मनीष पांडेय मिंटू के अमरण अनशन का आज 5 वां दिन है. ऐसे में दोनो छात्र नेता समेत कई छात्रों का स्वास्थ्य धीरे-धीरे गिरने लगा है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है और विभाग ने कर्मियों की तैनाती कर दी है. वहीं, अनशनकारियों छात्र नेताओं का कहना हैं कि जब तक हमलोगों की मांगे पूरी नहीं होती हैं, तब तक हमलोग अनशन पर ऐसे ही बैठे रहेंगें. अनशन पर बैठे छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कि दो दिनों के अंदर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हमलोग आत्मदाह भी कर सकतें है. जिसकी जिम्मेवारी जेपीयू के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह की होगी.
राज्य सरकार और विश्वविद्यालय को मिलकर करनी होगी पहल- कुलपति
इस मामले में जेपी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह का कहना हैं कि मेधा सूची के आलोक में जो सीटें बची हुई हैं. उन पर फोर्थ लिस्ट जारी कर नामांकन लिया जा रहा है. जिस 9 हजार सीट की बात छात्र संगठनों की ओर से किया जा रहा हैं, उसमें लगभग 7000 ऐसे विषयों की सीट रिक्त हैं. जिनके आलोक में आवेदन आया ही नही है. इन विषयों में छात्रों की अभिरुचि कम हुई है. उन्होंने कहा कि विगत तीन-चार वर्षों में हुए नामांकन पर गम्भीरता पूर्वक विचार करते हुए सीटों का पुनर्निर्धारण किया जाना चाहिए. इसके लिए विश्वविद्यालय, राज्य सरकार और राजभवन को मिलकर पहल करनी पड़ेगी. उन्होंने बताया कि जिन विषयों में आवेदन ज्यादा आते हैं. उनमें सीटों की संख्या बढ़नी चाहिए. वहीं विगत तीन-चार वर्षों से जिस विषयों में सीटें रिक्त रह जा रही हैं. उन्हें छात्रों की अभिरुचि कम ध्यान में रखकर पुनर्निर्धारण का विचार आवश्यक है.
अनशनकारी छात्रों के मांगों की सूची
- चतुर्थ मेघा सूची के प्रकाशन में राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत सीटों में 20% सीटों की बढ़ोतरी किया जाए.
- नामांकन के साथ छात्रों को विषय बदलने का भी मौका मिले
- स्नातक प्रथम खंड सत्र 2018- 21 मैं जितने नामांकन हुए हैं उसी के आधार पर सत्र 2019- 22 मैं भी नामांकन लिया जाए.
- जेपीयू के अंतर्गत सभी महाविद्यालयों में विषयवार कितने आवेदन हुआ उसकी सूची जारी किया जाए.
- आवेदित छात्र-छात्राओं का कट-ऑफ -मार्क सहित सूची उपलब्ध कराया जाए.