सारणः जिले में मशाले की खेती की तैयारी की जा रही है. इससे किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी. धीरे-धीरे काम को प्रदेश भर में फैलाया जाएगा. इसकी पहल की है बिहार किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तारकेश्वर तिवारी ने. उन्होंने कहा कि यहां की मिट्टी मसाले की खेती के लिए उपयुक्त है. इसकी जांच भी करा ली गई है.
बाहर से मंगाया जाएगा बीज
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि मेथी और मंगरेले की खेती से इसकी शुरुआत करेंगे. इसके लिए बीज बैंगलोरऔर राजस्थान से मंगाया जाएगा और यह हाइब्रिड बीज होगा. इस हाइब्रिड बीज की खासियत यह है कि एक हेक्टेर में 30 क्विंटल मेथी और मंगरेला तैयार होगा. इसके बाद जीरा, गोल मरिच, लहशन और सौंप के साथ-साथ अन्य मसाले की भी खेती शुरू की जाएगी.
किसान होंगे खुशहाल
तारकेश्वर तिवारी ने कहा कि खेती के क्षेत्र में कई किसान प्रयोग करना चाहते हैं, लेकिन पूंजी और प्रशिक्षण के अभाव में कुछ नहीं कर पा रहे हैं. सरकार के स्तर से कुछ मदद जरूर की जाती है, लकिन यह नाकाफी साबित होती है. आज किसानों की दशा बहुत बुरी है. प्रशिक्षण लेकर मसाले की खेती करने वाले किसानों के जीवन में खुशहाली आएंगी.
मसाले का निकाला जाएगा तेल
तारकेश्वर तिवारी ने कहा कि किसानों को अधिक फायदा हो इसके लिए मसाले को बेचने की वजाय इससे तेल निकाला जाएगा. मशाले का तेल काफी मंहगी बिकती है. उन्होंने कहा कि 2.5 क्विंटल मेथी की फसल से एक किलो तेल निकलता है. जिसकी कीमत 30 हजार रुपये प्रतिकिलो है. इन तेलों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है.
करेंगे फूल की भी खेती
किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि फिलहाल चार किसानों को प्रशिक्षण के लिए बैंगलोरऔर राजस्थान भेजा गया है. सारण से मसाले की खेती की शुरूआत की जा रही हैं. फिर राज्य के दूसरे जिले के लोगों को भी इससे जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा की बाद में हम फूल की भी खेती करेंगे. 15 प्रजाति के फूलों की खेती करने की योजना है.