छपरा: जिले में एक बार फिर खनुआ नाले पर बने दुकानों पर जिला प्रशासन का बुलडोजर चला है. लगभग दो साल के बाद जिला प्रशासन ने एक बार फिर से यह कार्रवाई शुरू की है. बाकी बची 186, दुकानों को तोड़ा जा रहा है.
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खनुआ नाले पर बने दुकानों पर चला पीला पंजा: भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी दुकानों को तोड़ा जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी दुकानदारों को पहले नोटिस जारी किया था और नोटिस जारी करने के बाद गुरुवार को इन दुकानों को तोड़ा गया है. इसकी शुरुआत साढा ओवर ब्रिज के नीचे से की गई. जानकारी के अनुसार मौना चौक होते हुए करीम चक तक बनी सभी अवैध दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है.
क्या है पूरा मामला?: प्राचीन काल में छपरा शहर में खनुआ नाला का निर्माण किया गया था. जिससे सरयू नदी के पानी को दियारा इलाके में भेजा जा सके और शहर के पानी का निष्कासन इसी नाले से होता था,जो सरयू नदी में जाकर मिलता था. आज से लगभग 20 से 25 साल पहले सारण जिला के तत्कालीन डीएम आरके श्रीवास्तव ने खनुआ के ऊपर दुकानों का निर्माण करवा दिया. इसका एलॉटमेंट दुकानदारों को कर दिया गया. तब से आज तक यह दुकानदार इस पर काबिज थे और बाकायदा नगर निगम इन दुकानों से किराया भी वसूलता रहा है.
186 दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर: इसके बाद कुछ लोगों के द्वारा यह मामला एनजीटी में उठाया गया और एनजीटी ने आदेश दिया कि खनुआ नाला को उसके मूल स्वरूप में लाया जाए और इसका जीर्णोद्धार किया जाए. उसके बाद लगभग 100 दुकानों को आज से 2 साल पूर्व तोड़ दिया गया था और आज एक बार फिर बाकी बची 186 दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चला है. यहां पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच यह कार्रवाई हो रही है. हालांकि विस्थापितों ने कहा कि उनके सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.
"दुकानें तोड़ी जा रही हैं. मैं पूछना चाहूंगा कि जो लोग बेरोजगार हुए हैं उनके लिए सरकार क्या कर रही है. मेरी दुकान यहां दस साल से थी जिसे तोड़ दिया है."- दुकानदार