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छपरा: सरकारी लापरवाही से गई 7 मासूमों की जान, प्रशासन ने थमाया मुआवजे का झुनझुना

मृत सभी बच्चे एक ही समुदाय और आस-पड़ोस के बताए जा रहे हैं. जिसकी आधिकारिक पुष्टि सारण के पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने की.

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Published : Jul 28, 2019, 7:57 PM IST

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छपरा: विभागीय लापरवाही के कारण जिले में 7 बच्चों की मौत हो गई. जिला प्रशासन और पुलिस इसे महज एक हादसा बता रही है क्योंकि सड़क निर्माण के दौरान किनारों पर मिट्टी कटाई कर सड़क को भरने का काम चल रहा था. लेकिन, इस गड्ढे को भरने के बजाए बीच में ही छोड़ दिया गया. जिसमें बच्चे डूब गए और उनकी जान चली गई.

मामला इसुआपुर थाना क्षेत्र स्थित डोइला गांव का है. जहां तालाबनुमा गड्ढे में 10 बच्चे नहाने के लिए गए. लेकिन, सात बच्चे नहाने के दौरान डूब गए. वहीं, तीन बच्चों को जैसे-तैसे बचाया गया.

पुलिस और विधायक का बयान

क्या था मामला?
जानकारी के अनुसार गांव के दर्जनों बच्चे तालाबनुमा गड्ढे में नहा रहे थे. बरसात के कारण तालाब पूरी तरह से जलमग्न हो गया था. इसी बीच नहाने के क्रम में एक बच्चा डूबने लगा, जिसे बचाने के लिए एक-एक करके कुल 7 बच्चे देखते ही देखते तालाब में डूब गये.

गांव में सनसनी
सूचना आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने गोताखोरों को काम पर लगाया. जिसके बाद सातों बच्चों के शव निकाले गए. जिसकी आधिकारिक पुष्टि सारण के पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने की. मृत सभी बच्चे एक ही समुदाय और आस-पड़ोस के बताए जा रहे हैं.

मुआवजे का ऐलान
स्थानीय तरैया विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय सदर अस्पताल स्थित पोस्टमॉर्टम गृह पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग सभी मृत बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे देगा. हालांकि, पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है.

छपरा: विभागीय लापरवाही के कारण जिले में 7 बच्चों की मौत हो गई. जिला प्रशासन और पुलिस इसे महज एक हादसा बता रही है क्योंकि सड़क निर्माण के दौरान किनारों पर मिट्टी कटाई कर सड़क को भरने का काम चल रहा था. लेकिन, इस गड्ढे को भरने के बजाए बीच में ही छोड़ दिया गया. जिसमें बच्चे डूब गए और उनकी जान चली गई.

मामला इसुआपुर थाना क्षेत्र स्थित डोइला गांव का है. जहां तालाबनुमा गड्ढे में 10 बच्चे नहाने के लिए गए. लेकिन, सात बच्चे नहाने के दौरान डूब गए. वहीं, तीन बच्चों को जैसे-तैसे बचाया गया.

पुलिस और विधायक का बयान

क्या था मामला?
जानकारी के अनुसार गांव के दर्जनों बच्चे तालाबनुमा गड्ढे में नहा रहे थे. बरसात के कारण तालाब पूरी तरह से जलमग्न हो गया था. इसी बीच नहाने के क्रम में एक बच्चा डूबने लगा, जिसे बचाने के लिए एक-एक करके कुल 7 बच्चे देखते ही देखते तालाब में डूब गये.

गांव में सनसनी
सूचना आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने गोताखोरों को काम पर लगाया. जिसके बाद सातों बच्चों के शव निकाले गए. जिसकी आधिकारिक पुष्टि सारण के पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने की. मृत सभी बच्चे एक ही समुदाय और आस-पड़ोस के बताए जा रहे हैं.

मुआवजे का ऐलान
स्थानीय तरैया विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय सदर अस्पताल स्थित पोस्टमॉर्टम गृह पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग सभी मृत बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे देगा. हालांकि, पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है.

Intro:SLUG:-NAHANE KE DAURAN DUBNE SE 7 BACCHO KI MAUT
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI /CHHAPRA/ BIHAR

Anchor:-सड़क निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण सारण जिले के सात बच्चों की मौत हो गई हैं लेकिन ज़िला प्रशासन या पुलिस प्रशासन महज़ एक हादसा बता रही हैं क्योंकि सड़क निर्माण के दौरान सड़क के किनारे से ही मिट्टी कटाई कर सड़क को भरने का काम सड़क निर्माण कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा किया गया था लेकिन गड्ढे को भरने के बजाय उसी तऱह से छोड़ दिया गया था जिस कारण सारण के सात बच्चों की मौत डूबने से हो गई हैं.

इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोइला गांव स्थित तालाब नुमा गड्ढे में नहाने के दौरान एक-एक कार दस बच्चें नहाने के लिए अंदर गए लेकिन सात बच्चें नहाने के दौरान डूब गए जिस कारण सातों बच्चों की मौत हो गई जबकि तीन बच्चें किसी तरह से अपनी जान बचाने में कामयाब रहें.

Body:जानकारी के अनुसार स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि गांव के दर्जनों बच्चे तालाबनुमा गड्ढे में स्नान कर रहे थे बरसात के कारण तालाब पूरी तरह से जलमग्न हो गया था इसी बीच नहाने के क्रम में एक बच्चा डूबने लगा जिसे बचाने में एक-एक करके कुल 7 बच्चे देखते ही देखते तालाब में डूब गये.

Byte:-किशन नट, जुड़वा बच्चें के पिता

इसकी सूचना आग की तरह पूरे गांव में फैल गई और सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और गोताखोरों को बुलाये और सभी सातों बच्चों का शव निकाला गया समाचार प्रेषण तक बच्चों के शव को तालाब से निकाला गया. जिसकी अधिकारिक पुष्टि सारण के पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने की हैं.

Byte:-हरकिशोर राय, पुलिस अधीक्षक, सारण

Conclusion:सभी बच्चें एक ही समुदाय व आपस के बताये जा रहे है मृतकों में मुन्ना नट का 8 वर्षीय पुत्र टीमन नट व 10 वर्षीय पुत्र राजा नट, वीरेंद्र नट का 9 वर्षीय पुत्र अर्जुन नट, जितेंद्र नट का 10 वर्षीय पुत्र बिट्टू नट, किशन नट का जुड़वा दो पुत्र 8 वर्षीय सूरज नट व चंदन नट जबकि
शिव पूजन नट का 8 वर्षीय पुत्र सत्यम नट के रूप में शिनाख्त हुई है.

स्थानीय तरैया विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी मृत बच्चें के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे देने के लिए जिला प्रशासन को अवगत करा दिया गया हैं और केंद्र सरकार द्वारा भी इस तरह के प्राकृतिक आपदा को लेकर दो लाख रुपये मुवावजे के रूप में देने के लिए पत्राचार करेंगे क्योंकि नट समुदाय के लोग बहुत ज्यादा ग़रीब हैं और किसी तरह से मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे.

Byte:-मुंद्रिका प्रसाद राय, स्थानीय विधायक, तरैया, सारण

सभी शव को अपने कब्ज़े में लेकर इसुआपुर थानाध्यक्ष दल बल के साथ छपरा स्थित सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के लिए लाये थे और पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सभी शव सौंप दिया गया हैं.


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