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छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई एक से एक बढ़कर कलाकृति, देखने उमड़ी लोगों की भीड़

बिहार के सारण निवासी सुदर्शन पटनायक के रूप में मशहूर सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार ने छठ घाट पर बालू से कई कलाकृति उकेरी. जिसमें गंगा मईया और भगवान शंकर को दर्शाया. पढें पूरी खबर...

छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति
छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति
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Published : Oct 30, 2022, 8:29 PM IST

सारणः पूरे बिहार में धूमधाम से लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2022) मनाया गया. इसी कड़ी में सारण निवासी सुदर्शन पटनायक के रूप में मशहूर सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार ने छठ घाट पर बालू से कई कलाकृति उकेरी. जिसमें गंगा मईया और भगवान शंकर को दर्शाया. छठ घाट जाने वाले रास्तों पर बिहार के सुदर्शन पटनायक 'अशोक' ने अपने हाथों का जलवा दिखाते हुए कई जगहों पर आकर्षक कलाकृति बनाई. छपरा के नेवाज़ी टोला धर्मशाला नई बस्ती घाट पर आदियोगी, साहेबगंज घाट पर शंकर जी की जटा से निकलती हुई गंगा, शिवशक्ति घाट पर गंगा मईया की कलाकृति बनाई. इस दौरान सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार की कलाकृति को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

यह भी पढेंः दो देश.. एक नदी.. दोनों किनारे पर दिखी सांस्कृतिक झलक, छठ व्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य

सुदर्शन पटनायक के रूप में विख्यात हैं अशोकः गौरतलब है कि बिहार के सुदर्शन पटनायक के रूप में विख्यात सारण के अशोक कुमार सैंड आर्टिस्ट हैं. वे एक उम्दा कलाकार भी हैं. इसके साथ ही वह बच्चों को पेंटिंग और मूर्तिकला भी सिखाते हैं. इसके साथ ही वे कला पंक्ति नाम का एक स्कूल भी चलाते हैं जिसमें बच्चों को बालू से प्रतिमा बनाना सिखाया जाता है. स्कूल कई छात्र-छात्राएं सुदर्शन पटनायक से कलाकृति सीखते हैं.

अच्छे तैराक और गोताखोर भी हैंः अशोक की एक खासियत और भी है कि वह एक अच्छे तैराक और गोताखोर माने जाते हैं. कई वार ऐसा हुआ है जब जिला प्रशासन उनकी मदद ली है. इसके साथ ही 15 अगस्त व 26 जनवरी को 50 मीटर लंबा तिरंगा नदी के तेज धार में फहराने का भी यह कार्य करते हैं. इन तमाम कार्य के कारण अशोक कुमार विख्यात हैं.

छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति
छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति

सैंड आर्टिस्ट ने बनाई विशेष कलाकृति: छपरा के अशोक कुमार बालू पर अपने हाथ के हुनर से आकृति बनाते हैं और यह आकृति अपने आप में कलाकारी का बेहतरीन नमूना होती है. अशोक करीब-करीब सभी ज्वलंत मुद्दों और कई प्रमुख व्यक्तियों के चित्रों को अपने हाथ के हुनर से बालू पर आकृति बना चुके हैं. इसके साथ ही अशोक कुमार एक पेंटिंग स्कूल भी चलाते हैं. इनसब के अलावा अशोक एक अच्छे तैराक और गोताखोर भी है.

यह भी पढेंः मंदार पर्वत पर मां सीता ने की थी छठ, वनवास के दौरान यहां ठहरे थे राम-लक्ष्मण

बिहार के बढ़ते कदम की कलाकृति बनाई: अशोक कुमार के नाम सरयू नदी में सबसे बड़ा तिरंगा लहराने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. बिहार दिवस के अवसर पर इन्होंने अपने सैंड आर्ट के जरिए बिहार के बढ़ते कदम की कलाकृति बनाई है और इस कलाकृति को सारण एसपी और सारण डीएम समेत कई अन्य लोगों ने देखा और इनकी काफी तारीफ की . इनकी बालू से उकेरी गई कलाकृतियों को राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है. बिहार के सुदर्शन पटनायक के रूप में विख्यात अशोक कुमार एक बार फिर अपने सैंड आर्ट के कारण चर्चा में हैं.

छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति
छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति

सारणः पूरे बिहार में धूमधाम से लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2022) मनाया गया. इसी कड़ी में सारण निवासी सुदर्शन पटनायक के रूप में मशहूर सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार ने छठ घाट पर बालू से कई कलाकृति उकेरी. जिसमें गंगा मईया और भगवान शंकर को दर्शाया. छठ घाट जाने वाले रास्तों पर बिहार के सुदर्शन पटनायक 'अशोक' ने अपने हाथों का जलवा दिखाते हुए कई जगहों पर आकर्षक कलाकृति बनाई. छपरा के नेवाज़ी टोला धर्मशाला नई बस्ती घाट पर आदियोगी, साहेबगंज घाट पर शंकर जी की जटा से निकलती हुई गंगा, शिवशक्ति घाट पर गंगा मईया की कलाकृति बनाई. इस दौरान सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार की कलाकृति को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

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सुदर्शन पटनायक के रूप में विख्यात हैं अशोकः गौरतलब है कि बिहार के सुदर्शन पटनायक के रूप में विख्यात सारण के अशोक कुमार सैंड आर्टिस्ट हैं. वे एक उम्दा कलाकार भी हैं. इसके साथ ही वह बच्चों को पेंटिंग और मूर्तिकला भी सिखाते हैं. इसके साथ ही वे कला पंक्ति नाम का एक स्कूल भी चलाते हैं जिसमें बच्चों को बालू से प्रतिमा बनाना सिखाया जाता है. स्कूल कई छात्र-छात्राएं सुदर्शन पटनायक से कलाकृति सीखते हैं.

अच्छे तैराक और गोताखोर भी हैंः अशोक की एक खासियत और भी है कि वह एक अच्छे तैराक और गोताखोर माने जाते हैं. कई वार ऐसा हुआ है जब जिला प्रशासन उनकी मदद ली है. इसके साथ ही 15 अगस्त व 26 जनवरी को 50 मीटर लंबा तिरंगा नदी के तेज धार में फहराने का भी यह कार्य करते हैं. इन तमाम कार्य के कारण अशोक कुमार विख्यात हैं.

छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति
छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति

सैंड आर्टिस्ट ने बनाई विशेष कलाकृति: छपरा के अशोक कुमार बालू पर अपने हाथ के हुनर से आकृति बनाते हैं और यह आकृति अपने आप में कलाकारी का बेहतरीन नमूना होती है. अशोक करीब-करीब सभी ज्वलंत मुद्दों और कई प्रमुख व्यक्तियों के चित्रों को अपने हाथ के हुनर से बालू पर आकृति बना चुके हैं. इसके साथ ही अशोक कुमार एक पेंटिंग स्कूल भी चलाते हैं. इनसब के अलावा अशोक एक अच्छे तैराक और गोताखोर भी है.

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बिहार के बढ़ते कदम की कलाकृति बनाई: अशोक कुमार के नाम सरयू नदी में सबसे बड़ा तिरंगा लहराने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. बिहार दिवस के अवसर पर इन्होंने अपने सैंड आर्ट के जरिए बिहार के बढ़ते कदम की कलाकृति बनाई है और इस कलाकृति को सारण एसपी और सारण डीएम समेत कई अन्य लोगों ने देखा और इनकी काफी तारीफ की . इनकी बालू से उकेरी गई कलाकृतियों को राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है. बिहार के सुदर्शन पटनायक के रूप में विख्यात अशोक कुमार एक बार फिर अपने सैंड आर्ट के कारण चर्चा में हैं.

छठ घाट पर सैंड आर्टिस्ट अशोक ने बनाई कलाकृति
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