सारणः जिले में शुक्रवार को अनुदान नहीं वेतनमान फोरम की समीक्षा बैठक एसडीएस कॉलेज में की गई. इस बैठक में प्रो. रौशन कुमार, प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह सहित कई शिक्षाविद शामिल थे. वहीं, बैठक की अध्यक्षता डॉ. रंजन कुमार सिंह ने किया, जबकि मंच संचालन प्रो. प्रियेश रंजन सिंह ने की.
समीक्षा बैठक के दौरान दिघवारा स्थित रामजंगल सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कन्हैया सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से वर्ष 2008 में वित्तरहित शिक्षकों के पक्ष में घोषित किया गया था, कि जल्द ही अवैतनिक से सवैतनिक किया जाएगा. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया हैं, जबकि राज्य सरकार के कई विभागों के कर्मियों को नियोजित से स्थायी किया जा रहा है.
अनुदान नहीं वेतनमान फोरम की स्थानीय समीक्षा बैठक
वहीं, कन्हैया सिंह ने कहा कि इस तरह के सौतेलेपन से हम जैसे वित्तरहित शिक्षाकर्मियों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ना इंसाफी किया जा रहा है, जबकि राज्य के सौ छात्रों में से लगभग 60 छात्रों की उत्तम शिक्षा व्यवस्था हम जैसे शिक्षकों की ओर से ही दिया जाता है.
50 हजार शिक्षक देते हैं शैक्षणिक संस्थानों में अपनी सेवाएं
प्राचार्य ने कहा कि बिहार के लगभग 50 हजार शिक्षक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सुबह से लेकर शाम तक शैक्षणिक संस्थानों में अपनी सेवाएं देने का काम करते हैं, जबकि राज्य की सरकार इन वित्तरहित शिक्षकों को अभी तक स्थायी नहीं की है. ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो की बात की जाए, तो सबसे ज्यादा छात्र इंटर स्तरीय महाविद्यालयों से ही पास करते हैं.