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सारणः अनुदान नहीं वेतनमान की मांग के लिए की गई समीक्षा बैठक

कन्हैया सिंह ने कहा कि इस तरह के सौतेलेपन से हम जैसे वित्तरहित शिक्षाकर्मियों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ना इंसाफी किया जा रहा है, जबकि राज्य के सौ छात्रों में से लगभग 60 छात्रों की उत्तम शिक्षा व्यवस्था हम जैसे शिक्षकों की ओर से ही दिया जाता है.

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Published : Jan 31, 2020, 6:38 PM IST

सारणः जिले में शुक्रवार को अनुदान नहीं वेतनमान फोरम की समीक्षा बैठक एसडीएस कॉलेज में की गई. इस बैठक में प्रो. रौशन कुमार, प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह सहित कई शिक्षाविद शामिल थे. वहीं, बैठक की अध्यक्षता डॉ. रंजन कुमार सिंह ने किया, जबकि मंच संचालन प्रो. प्रियेश रंजन सिंह ने की.

समीक्षा बैठक के दौरान दिघवारा स्थित रामजंगल सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कन्हैया सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से वर्ष 2008 में वित्तरहित शिक्षकों के पक्ष में घोषित किया गया था, कि जल्द ही अवैतनिक से सवैतनिक किया जाएगा. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया हैं, जबकि राज्य सरकार के कई विभागों के कर्मियों को नियोजित से स्थायी किया जा रहा है.

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समीक्षा बैठक में शामिल शिक्षाविद

अनुदान नहीं वेतनमान फोरम की स्थानीय समीक्षा बैठक
वहीं, कन्हैया सिंह ने कहा कि इस तरह के सौतेलेपन से हम जैसे वित्तरहित शिक्षाकर्मियों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ना इंसाफी किया जा रहा है, जबकि राज्य के सौ छात्रों में से लगभग 60 छात्रों की उत्तम शिक्षा व्यवस्था हम जैसे शिक्षकों की ओर से ही दिया जाता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

50 हजार शिक्षक देते हैं शैक्षणिक संस्थानों में अपनी सेवाएं
प्राचार्य ने कहा कि बिहार के लगभग 50 हजार शिक्षक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सुबह से लेकर शाम तक शैक्षणिक संस्थानों में अपनी सेवाएं देने का काम करते हैं, जबकि राज्य की सरकार इन वित्तरहित शिक्षकों को अभी तक स्थायी नहीं की है. ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो की बात की जाए, तो सबसे ज्यादा छात्र इंटर स्तरीय महाविद्यालयों से ही पास करते हैं.

सारणः जिले में शुक्रवार को अनुदान नहीं वेतनमान फोरम की समीक्षा बैठक एसडीएस कॉलेज में की गई. इस बैठक में प्रो. रौशन कुमार, प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह सहित कई शिक्षाविद शामिल थे. वहीं, बैठक की अध्यक्षता डॉ. रंजन कुमार सिंह ने किया, जबकि मंच संचालन प्रो. प्रियेश रंजन सिंह ने की.

समीक्षा बैठक के दौरान दिघवारा स्थित रामजंगल सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कन्हैया सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से वर्ष 2008 में वित्तरहित शिक्षकों के पक्ष में घोषित किया गया था, कि जल्द ही अवैतनिक से सवैतनिक किया जाएगा. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया हैं, जबकि राज्य सरकार के कई विभागों के कर्मियों को नियोजित से स्थायी किया जा रहा है.

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समीक्षा बैठक में शामिल शिक्षाविद

अनुदान नहीं वेतनमान फोरम की स्थानीय समीक्षा बैठक
वहीं, कन्हैया सिंह ने कहा कि इस तरह के सौतेलेपन से हम जैसे वित्तरहित शिक्षाकर्मियों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ना इंसाफी किया जा रहा है, जबकि राज्य के सौ छात्रों में से लगभग 60 छात्रों की उत्तम शिक्षा व्यवस्था हम जैसे शिक्षकों की ओर से ही दिया जाता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

50 हजार शिक्षक देते हैं शैक्षणिक संस्थानों में अपनी सेवाएं
प्राचार्य ने कहा कि बिहार के लगभग 50 हजार शिक्षक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सुबह से लेकर शाम तक शैक्षणिक संस्थानों में अपनी सेवाएं देने का काम करते हैं, जबकि राज्य की सरकार इन वित्तरहित शिक्षकों को अभी तक स्थायी नहीं की है. ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो की बात की जाए, तो सबसे ज्यादा छात्र इंटर स्तरीय महाविद्यालयों से ही पास करते हैं.

Intro:Anchor:-बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ व सुव्यवस्थित करने के लिए शिक्षकों को ससमय वेतन का भुगतान नही किया जाएगा तब तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना करना बेमानी साबित होगी.

वित्तरहित शिक्षा नीति के तहत संबद्धता प्राप्त उच्च विद्यालय एवं महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों की ओर से राज्य सरकार से मांग या लड़ाई लड़ने के लिए बिहार में अनुदान नही वेतनमान फोरम का गठन किया गया हैं.


Body:अनुदान नही वेतनमान फोरम की स्थानीय सारण ज़िला इकाई की समीक्षा बैठक शहर के एसडीएस कॉलेज में की गई. जिसमें दिघवारा स्थित राम जंगल सिंह महाविधालय के प्राचार्य प्रो कन्हैया सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2008 में वित्तरहित शिक्षकों के पक्ष में घोषित किया गया था की जल्द ही अवैतनिक से संवैतनिक किया जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा नही किया गया हैं जबकि राज्य सरकार के कई विभागों के कर्मियों को नियोजित से स्थायी किया जा रहा है.

इससे तरह के सौतेलेपन से हम जैसे वित्तरहित शिक्षाकर्मियों व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नाइंसाफी किया जा रहा है, जबकि राज्य के सौ छात्रों में से लगभग 60 छात्रों की उत्तम शिक्षा व्यवस्था हम जैसे शिक्षकों के द्वारा ही दिया जाता है.

byte:-प्रो कन्हैया सिंह, प्राचार्य, रामजंगल सिंह महाविद्यालय, दिघवारा, सारण


Conclusion:बिहार के लगभग 50 हजार शिक्षक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सुबह से लेकर शाम तक शैक्षणिक संस्थानों में अपनी सेवाएं देने का काम करते हैं जबकि राज्य की सरकार इन वित्तरहित शिक्षकों को अभी तक स्थायी नही की है. ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो (GER) की बात की जाए तो सबसे ज्यादे बच्चें इंटर स्तरीय महाविद्यालयों से ही पास करते हैं.


अनुदान नही वेतनमान फोरम की बैठक में प्रो रौशन कुमार, प्रो ब्रजेश कुमार सिंह, डॉ शिवाजी सिंह, प्रो शमीम परवेज़, प्रो मनोज कुमार सिंह, प्रो सुनील कुमार सिंह, प्रो सुधा सिंह, प्रो पार्वती कुमारी सहित कई शिक्षाविद शामिल थे, वहीं बैठक की अध्यक्षता डॉ रंजन कुमार सिंह ने किया जबकि मंच संचालन प्रो प्रियेश रंजन सिंह ने की.
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