ETV Bharat / state

सारण: LIC में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का विरोध, घंटों की गई नारेबाजी - proterst of lic workers in saran

भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के फैसले का कर्मचारियों ने कड़ा विरोध किया है. उनकी कहना है कि कंपनी के शेयर की बिक्री के बाद एलआईसी का मुनाफा विदेशी कम्पनियों के पास चला जाएगा.

LIC में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का विरोध
LIC में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का विरोध
author img

By

Published : Feb 8, 2020, 5:29 PM IST

सारण: जिले के छपरा शहर स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालय के सामने इंश्योरेंस इम्प्लाइज फेडरेशन ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को ईस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन का भी समर्थन था. मौके पर प्रदर्शनकारियों ने एलआईलसी के शेयर बिक्री का विरोध किया और घंटों केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

'LIC का मुनाफा घटेगा'
ईस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन के संयुक्त सचिव बीरचंद सिंह ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने एलआईसी की लिस्टिंग का प्रस्ताव रखा है. एलआईसी भरोसे के प्रतीक के रूप में जानी जाती है. शेयर की बिक्री के बाद कंपनी का मुनाफा घट जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'विदेशी कंपनियों के हाथ में चली जाएगी कंपनी'
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एलआईसी भारत की एक मात्र कंपनी है, जो 5 लाख करोड़ से 31 लाख करोड़ तक पहुंची. कंपनी के शेयर की बिक्री के बाद एलआईसी का मुनाफा विदेशी कम्पनियों के पास चला जाएगा. जबकि भारत सरकार को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा.

गौरतलब है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान ऐलान किया कि सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली है. इसके लिए सरकार आईपीओ लेकर आ रही है. बता दें कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. एलआईसी का देश के जीवन बीमा बाजार पर करीब तीन-चौथाई कब्जा है.

सारण: जिले के छपरा शहर स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालय के सामने इंश्योरेंस इम्प्लाइज फेडरेशन ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को ईस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन का भी समर्थन था. मौके पर प्रदर्शनकारियों ने एलआईलसी के शेयर बिक्री का विरोध किया और घंटों केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

'LIC का मुनाफा घटेगा'
ईस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन के संयुक्त सचिव बीरचंद सिंह ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने एलआईसी की लिस्टिंग का प्रस्ताव रखा है. एलआईसी भरोसे के प्रतीक के रूप में जानी जाती है. शेयर की बिक्री के बाद कंपनी का मुनाफा घट जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'विदेशी कंपनियों के हाथ में चली जाएगी कंपनी'
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एलआईसी भारत की एक मात्र कंपनी है, जो 5 लाख करोड़ से 31 लाख करोड़ तक पहुंची. कंपनी के शेयर की बिक्री के बाद एलआईसी का मुनाफा विदेशी कम्पनियों के पास चला जाएगा. जबकि भारत सरकार को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा.

गौरतलब है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान ऐलान किया कि सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली है. इसके लिए सरकार आईपीओ लेकर आ रही है. बता दें कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. एलआईसी का देश के जीवन बीमा बाजार पर करीब तीन-चौथाई कब्जा है.

Intro:Anchor:-सदियों से भरोसे के प्रतीक के रूप में अपने उपभोक्ताओं के बीच पैठ बनाने वाली एलआईसी कंपनी के शेयर को केंद्र सरकार द्वारा बिक्री किये जाने को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन होने लगा है. जिसको लेकर छपरा शहर स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालय के सामने ऑल इंडिया लाइफ़ इंश्योरेंस इम्प्लाइज फेडरेशन व ईस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन के द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया गया.Body:ईस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन पटना के संयुक्त सचिव बीर चंद सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा पहली बार वर्तमान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी के लिस्टिंग का प्रस्ताव रखी है.

भारत की एक मात्र यही एक कंपनी हैं जो 5 लाख करोड़ से 31 लाख करोड़ की कंपनी बन चुकी हैं, और सबसे बड़ी बात यह हैं कि 5 करोड़ के एवज़ में 2 हज़ार 6 सौ 11 करोड़ रुपये दिया गया हैं, अगर इसका शेयर बिक्री किया जाता हैं तो एलआईसी का मुनाफ़ा देशी या विदेशी कम्पनियों के पास जाएगा जबकिं भारत सरकार का मुनाफ़ा घट जाएगा.

Byte:-बीर चंद सिंह, संयुक्त सचिव, ईस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन, पटना Conclusion:मालूम हो कि केंद्रीय वित्त सचिव राजीव कुमार द्वारा कहा गया हैं कि सरकार को एलआईसी के आईपीओ से लगभग 70 करोड़ रुपये से ज्यादे की उम्मीद हैं. औऱ आगे भी लोगों की भागीदारी बढ़ेगी.

एलआईसी अधिनियम की धारा 37 कहती हैं कि एलआईसी बीमा की राशि और बोनस को लेकर अपने बीमा धारकों को से जो भी वादा करती हैं, उसके पीछे केंद्र सरकार की गारंटी होती है जबकि निजी सेक्टर की बीमा कंपनियों को यह सुविधा हासिल नही है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.