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सारण: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले की तैयारी अंतिम चरण में, 10 नवंबर को होगा उद्घाटन - कौन हारा घाट

मंदिर की मुख्य परम्परा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन 12 नंवबर को नहान के बाद श्रद्धालु बाबा हरिहर नाथ के दर्शन करते हैं. जिसके चलते मंदिर परिसर में काफी भीड़ उमड़ती है. यह मेला 10 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा.

सोनपुर मेला की चल रही तैयारी
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Published : Nov 5, 2019, 5:40 PM IST

सारण: जिले में विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले के उद्घाटन को लेकर तैयारियां जोरों पर है. मेले की तैयारी को लेकर जिला पुलिस, रेल पुलिस और आरपीएफ अधिकारी लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं. बता दें कि यह मेला 10 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा.

नहाने के बाद करते हैं बाब के दर्शन
इस मेले में सबसे ज्यादा भीड़ नारायणी नदी और बाबा हरिहर नाथ मंदिर में होती है. मंदिर की परम्परा के अनुसार 12 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहान के बाद श्रद्धालु बाबा हरिहर नाथ के दर्शन करते हैं. जिसके चलते मंदिर परिसर में काफी भीड़ उमड़ती है.

सोनपुर मेला को लेकर मंदिर में चल रही तैयारियां

400 साल पहले हुआ था निर्माण
बता दें कि बाबा हरिहर नाथ एक प्राचीन शिव मंदिर है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लगभग 400 साल पहले इस मंदिर का निर्माण हुआ था. जहां शिव और विष्णु की एक साथ पूजा होती है. वहीं, नारायणी नदी तट पर स्थित इस मंदिर की कई कहानियां प्रचलित हैं. गज और ग्राह की लड़ाई इसी नदी तट पर हुई थी. इसलिए इस घाट का नाम कौन हारा घाट है.

सारण: जिले में विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले के उद्घाटन को लेकर तैयारियां जोरों पर है. मेले की तैयारी को लेकर जिला पुलिस, रेल पुलिस और आरपीएफ अधिकारी लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं. बता दें कि यह मेला 10 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा.

नहाने के बाद करते हैं बाब के दर्शन
इस मेले में सबसे ज्यादा भीड़ नारायणी नदी और बाबा हरिहर नाथ मंदिर में होती है. मंदिर की परम्परा के अनुसार 12 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहान के बाद श्रद्धालु बाबा हरिहर नाथ के दर्शन करते हैं. जिसके चलते मंदिर परिसर में काफी भीड़ उमड़ती है.

सोनपुर मेला को लेकर मंदिर में चल रही तैयारियां

400 साल पहले हुआ था निर्माण
बता दें कि बाबा हरिहर नाथ एक प्राचीन शिव मंदिर है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लगभग 400 साल पहले इस मंदिर का निर्माण हुआ था. जहां शिव और विष्णु की एक साथ पूजा होती है. वहीं, नारायणी नदी तट पर स्थित इस मंदिर की कई कहानियां प्रचलित हैं. गज और ग्राह की लड़ाई इसी नदी तट पर हुई थी. इसलिए इस घाट का नाम कौन हारा घाट है.

Intro:हरिहर क्षेत्र मेला।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट । विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला के उद्घाटन मे अब मात्र चार दिन शेष बचे हुये है।इसको लेकर मेला क्षेत्र मे काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है।वही यहा पहुचने वाली भारी भीड़ के मद्देनजर जिलापुलिस रेल पुलिस और आरपीएफ के अधिकारी लगातार समीक्षा बैठक कर मेले के भीड़ नियंत्रण करने पर ही अपना ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे है।इसके लिये पुरे मेला क्षेत्र को 20जोन मे बाटा गया है।और कई अस्थाई थाने का भी निर्माण किया जा रहा है।


Body:इस मेले की सबसे भीड़ वाली जगहो मे सोनपुर स्टेशन नदी किनारे के स्नान घाट और बाबा हरिहर नाथ मंदिर है। इस बार मेले की अवधि 32दिनो की होगी।10नवंबर से शृरु होकर यह मेला 11दिसम्बर तक चलेगा। वही मुख्य परम्परा केअनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन 12नवम्बर को स्नान के बाद बाबाहरिहर नाथ के दर्शन की है।जिस कारण इस मंदिर मे काफी भीड़ उमरती है।


Conclusion:वही बाबा हरिहर नाथ की बात करे तो यह एक प्राचीन शिव मंदिर है।पौराणिक मान्यताओ के अनुसार लगभग चार सौ वर्ष पुर्व का यह मंदिर विश्व का इकलौता मंदिर है जहा हरी और हर की एक साथ पुजा होती है।हरी मतलब शिव जी और हर का मतलब विष्णु जी है।नाराय्णी नदी के तट पर अवस्थित इस मंदिर के बारे मे कई कहानियाँ प्रचलित है।वह गज और ग्राह की लड़ाई इसी स्थान पर हुयी थी।इस लिये इस जगह के एक घाट का नाम ही कौन हारा घाट है। बाईट भरत पण्डा बाबा हरिहर नाथ मंदिर
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