सारण: जिले के तरैया थाना क्षेत्र के गलिमापुर गांव स्थित कब्रिस्तान से पुलिस ने 24 घंटे की मशक्कत के बाद 11 दिन पहले दफनाई गई महिला के शव को निकालने की कार्रवाई की है. इस दौरान गलिमापुर बस्ती के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के विरोध के कारण पुलिस को कब्र से शव को निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान गलिमापुर गांव पुलिस छवनी में तब्दील नजर आया.
कब्र से निकाला गया महिला का शव
बता दें कि गलिमापुर गांव निवासी शहनवाज की पत्नी शहीना खातून को उसके परिजनों ने चार जून की रात में दहेज के लिए हत्या कर शव को आनन फानन में दफना दिया था. इस संबंध में सिवान जिले के लकड़ी नवीगंज ओपी थाना क्षेत्र के लखनौरा गांव निवासी मृतका के परिजन ने दहेज के लिए ससुराल पक्ष पर हत्या करने का आरोप लगाया था. परिजनों ने इस मामले में 8 जून को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी और कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस शनिवार को गलिमापुर गांव स्थित कब्रिस्तान के कब्र से शव निकालने पहुंची. जिसका समुदाय के सैकड़ों लोगों ने जमकर विरोध किया. जिस कारण शनिवार को शव नहीं निकाला जा सका.
पुलिस छावनी में तब्दील रहा कब्रिस्तान
तरैया थानाध्यक्ष राजेश कुमार और तरैया सीओ वीरेन्द्र मोहन दर्जनों पुलिस जवानों के साथ रविवार को कब्र से शव निकालने पहुंचे. इसके बाद दोबारा से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया. तरैया थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारी को इसकी सूचना दी. सूचना पाकर मढ़ौरा डीएसपी इंद्रजीत बैठा, भेल्दी थाना, मढ़ौरा थाना, मसरख थाना, पानापुर थाना के पुलिस अधिकारियों सहित भारी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा. गलिमापुर कब्रिस्तान के आस-पास लगभग 500 मीटर की दूरी में तरैया-पोखरेड़ा एसएच-104 तक पुलिस छावनी में तब्दील हो गया.
ग्रामीणों ने किया हंगामा
घंटों खुदाई के बाद शव निकाला गया. इसके बाद भी दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. ग्रामीणों ने कहा कि पोस्मॉर्टम के बाद शव को इस कब्रिस्तान में दोबारा नहीं दफनाने दिया जायेगा. बहरहाल गांव में स्थिति अभी तनावपूर्ण है. हालांकि पुलिस ग्रामीणों पर नजर बनाए हुए है.