ETV Bharat / state

छपरा: रेलवे के आवासीय परिसर में जलजमाव से लोग त्रस्त, गंदा पानी है कई बीमारियों का घर

जलमग्न होने से कई तरह की बीमारियों का भी डर सताता है. जैसे पिछले वर्ष डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया था. लेकिन विभाग पूछने तक नहीं आया कि स्थानीय लोग कैसे रहते हैं.

छपरा में जलजमाव
author img

By

Published : Sep 17, 2019, 12:02 AM IST

Updated : Sep 17, 2019, 7:32 PM IST

सारण: छपरा कचहरी स्टेशन के नजदीक कर्मचारियों के आवासीय परिसर के पास सड़क पर बरसात का पानी लगने से स्थानीय लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया है. चूंकि सड़क पर बारसात के पानी के साथ गंदे नाले का पानी भी इकठ्ठा हो जाता है. जिससे रेल कर्मचारियों के साथ रास्ते से आने-जाने वालों लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कर्मचारियों के साथ स्कूली बच्चों को होती है परेशानी
कचहरी स्टेशन के नजदीक रेल विभाग के लोको पायलट और तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया है. जिसमें बहुत से ऐसे मकान हैं जो काफी पहले ध्वस्त हो चुके हैं. इसके बावजूद उसमें लोग रहने को मजबूर हैं. ऐसे में जून की तपिश भरी गर्मी के बाद से ही खनुआ नाले का गंदा पानी आकर इलाके में रुक जाता है. जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती हैं जो स्कूल ड्रेस में घर से निकलते हैं. लेकिन बाहर आते ही जूते को हाथ में लेकर कर रास्ता पार करते है.

रेलवे के आवासीय परिसर में जलजमाव से लोग है परेशान

स्थानियों ने सुनाई व्यथा
रेलवे कॉलोनी में रहने वाले स्थानियों ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि कॉलोनी में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होते आते रही है. इसकी लिखित शिकायत रेल विभाग के कई वरीय अधिकारियों को दी गई है. लेकिन जलजमाव की समस्या से आज तक निजात नहीं मिल सका है. घरों में घुसे पानी को निकालने के लिए घरेलू मोटर को 24 घंटे चलाया जाता है. ऐसे में कम से कम तीन बार पानी को निकालना पड़ता है. इसके बावजूद रेलवे का आवासीय परिसर पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ रहता है. जलमग्न होने से कई तरह की बीमारियों का भी डर सताता है. जैसे पिछले वर्ष डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया था. लेकिन विभाग पूछने तक नहीं आया कि हमलोग कैसे रहते हैं.

छपरा में जलजमाव
लिखित शिकायत दिखाता स्थानीय

सारण: छपरा कचहरी स्टेशन के नजदीक कर्मचारियों के आवासीय परिसर के पास सड़क पर बरसात का पानी लगने से स्थानीय लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया है. चूंकि सड़क पर बारसात के पानी के साथ गंदे नाले का पानी भी इकठ्ठा हो जाता है. जिससे रेल कर्मचारियों के साथ रास्ते से आने-जाने वालों लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कर्मचारियों के साथ स्कूली बच्चों को होती है परेशानी
कचहरी स्टेशन के नजदीक रेल विभाग के लोको पायलट और तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया है. जिसमें बहुत से ऐसे मकान हैं जो काफी पहले ध्वस्त हो चुके हैं. इसके बावजूद उसमें लोग रहने को मजबूर हैं. ऐसे में जून की तपिश भरी गर्मी के बाद से ही खनुआ नाले का गंदा पानी आकर इलाके में रुक जाता है. जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती हैं जो स्कूल ड्रेस में घर से निकलते हैं. लेकिन बाहर आते ही जूते को हाथ में लेकर कर रास्ता पार करते है.

रेलवे के आवासीय परिसर में जलजमाव से लोग है परेशान

स्थानियों ने सुनाई व्यथा
रेलवे कॉलोनी में रहने वाले स्थानियों ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि कॉलोनी में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होते आते रही है. इसकी लिखित शिकायत रेल विभाग के कई वरीय अधिकारियों को दी गई है. लेकिन जलजमाव की समस्या से आज तक निजात नहीं मिल सका है. घरों में घुसे पानी को निकालने के लिए घरेलू मोटर को 24 घंटे चलाया जाता है. ऐसे में कम से कम तीन बार पानी को निकालना पड़ता है. इसके बावजूद रेलवे का आवासीय परिसर पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ रहता है. जलमग्न होने से कई तरह की बीमारियों का भी डर सताता है. जैसे पिछले वर्ष डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया था. लेकिन विभाग पूछने तक नहीं आया कि हमलोग कैसे रहते हैं.

छपरा में जलजमाव
लिखित शिकायत दिखाता स्थानीय
Intro:SLAUG:-GANDE NALE KA PANI GHARO ME KIYA PRAWESH
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-छपरा रेलवे कचहरी स्टेशन के नजदीक कर्मचारियों के आवासीय परिसर व सड़क पर बरसात के पानी लगने से यहां के रहने वाले लोगों को घर से निकलना दुश्वार हो रहा है क्योंकि सड़क पर बारात के साथ ही गंदे नाले का पानी भी इकठ्ठा हो गया हैं जिस कारण रेल कर्मचारियों के साथ ही रास्ते से आने जाने वालों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं.


कचहरी स्टेशन के नजदीक रेल विभाग के लोको पायलट व तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया गया हैं जिसमें बहुत से ऐसे मकान हैं जो काफी पहले ध्वस्त हो चुका इसके बावजूद उसमें रहने को मजबूर है शेष बचे हुए मकान में लोको पायलट व कर्मचारी अपने परिवार के साथ रहते है जून की तपिस भरी गर्मी के बाद से ही खनुआ नाले का गंदा पानी आकर रुक जाता है क्योंकि शहर के उतरी छोड़ वाले भू-भाग शहर की अपेक्षा थोड़ी सी नीचे होने के कारण जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं.Body:स्थानीय रेलवे कॉलोनी में रहने वाले शिव कुमार शर्मा व रोहित कुमार ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि हमलोगे जब से इस कॉलोनी में रह रहे है उसके पहले से ही रेलवे कॉलोनी में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होते आ रही हैं हालांकि इसकी लिखित शिकायत रेल विभाग के कई वरीय अधिकारियों को दिया गया हैं लेकिन जलजमाव की समस्या से आज तक निजात नही मिली हैं.

यहां के घरों में पानी प्रवेश कर गया हैं उसको निकालने के लिए घरेलू मोटर चलाकर चौबीस घंटे में कम से कम तीन बार पानी को निकालना पड़ता है इसके बावजूद रेलवे के आवासीय परिसर पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ है, जलमग्न होने से कई तरह की बीमारियों का सामना भीबकरना पड़ता हैं बराबर हमलोग डॉक्टर के पास जाते रहते है पिछले वर्ष डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया था जिसका इलाज हमलोगे अपने स्तर से कराए भी थे लेकिन विभाग पूछने तक नही आया था कि आपलोग कैसे रहते हैं और क्या बीमारी हुआ है.

Byte:-शिव कुमार शर्मा
रोहित कुमार

Conclusion:सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती हैं जो स्कूल ड्रेस में घर से निकलते हैं लेकिन बाहर आते ही जूते को हाथ में पहनना पड़ता है कभी कभी तो ऐसा होता हैं कि पैर के फिसलने से बच्चें पानी में गिर जाते हैं जिससे उस दिन स्कूल नही जा पाते है.

रेल प्रशासन व बिहार सरकार के बीच मामला फंस जाने से आज तक न तो सड़क का निर्माण हुआ हैं और न ही नाले का निर्माण कराया गया हैं हालांकि जब चुनावी मुद्दे सामने आते हैं तो सभी लोग कहते है कि आपलोगों की समस्या हमारी समस्या हैं इसको प्राथमिकता के आधार पर जल्द ही सड़क व नाले का निर्माण कराया जाएगा लेकिन आज तक वायदे के अलावे कुछ भी नही मिला है.
Last Updated : Sep 17, 2019, 7:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.