सारण: बिहार में अवैध बालू से काली कमाई (Earning From Illegal sand Miniing In bihar) के मामले अक्सर सुर्खियों में रहते है. इस बाबत दोषियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. सारण के विभिन्न जगहों पर खनन विभाग के द्वारा जब्त जमा दावा रहित बालू की नीलामी के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, नीलामी की निविदा के बाद बालू की एक ढेर को उसके बेस प्राइस से सैकड़ों गुणा अधिक कीमत पर खुले डाक के द्वारा खरीद (One and a half lakh sand auctioned for crores ) लिया गया. सवाल ये कि आखिर इतनी अधिक कीमत पर बालू क्यों खरीदी गई, जबकि उसकी वास्तविक कीमत बोली से काफी कम है.
इसे भी पढ़ें- कैमूर में अवैध बालू लदे ट्रकों को पार कराने का मामला: मजिस्ट्रेट और दारोगा सहित पांच पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई
जिले 17 घाटों पर भंडारित दावा रहित जब्त बालू की खुले डाक के माध्यम से सारण समाहरणालय सभागार में नीलामी की गई. इनमें से चार भंडारण स्थलों की निलामी के लिए ही आवेदन मिले. इनमें टोल प्लाजा, बोधा छपरा, एचएच-19 के पास भंडारित जब्त बालू के लिए साहेब कंस्ट्रक्शन ने उच्चतम बोली 56 लाख रुपये की लगाई गई.
इसे भी पढ़ें- बालू माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट तैयार, स्पेशल ब्रांच की खुफिया एजेंसी ने विभाग को सौंपी सूची
वहीं, आमी उच्च विद्यालय (सरकारी भवन) के सामने भंडारित बालू के लिए सबसे ज्यादा बोली 7 लाख 30 हजार की बोली साहेब कंस्ट्रक्शन ने ही लगाई. लेकिन मानुपुर एनएच-19 पर अवैध रूप से भंडारित बालू के लिए भोलू भूवराज इन्टरप्राइजेज के प्रोपराइटर आनंद कुमार सिंह ने रिकॉर्ड बोली लगाई. इसके लिए उन्होंने 1 करोड़ 20 लाख की बोली लगाई और निविदा अपने नाम किया.
यह अप्रत्याशित बोली 38 ट्रैक्टर बालू के लिए लगाई गई, जिसके लिए प्रशासनिक राशि महज एक लाख 59 हजार रुपये सुरक्षित रखी गई थी. अब यह लोगों के गले नहीं उतर रही है. लोग इसे बालू माफियाओं की एक चाल भी बता रहे हैं. आशंका है कि इस खरीद के जरिए माफिया अपनी पैठ मजबूत कर अन्य जरियों से अवैध कमाई करेंगे. बहरहाल, प्रशासन को भी इसकी पूरी खबर है.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP