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सारण: छपरा रेल खण्ड में नहीं बढ़ाई जा रही ट्रेनों की संख्या, इलाके के लोगों में मायूसी

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Published : Feb 11, 2020, 6:39 PM IST

छपरा रेल खण्ड के हॉल्ट संचालकों ने कहा कि अब अगर ट्रेन की संख्या नहीं बढ़ाई जाती है, तो हम लोगों को हाल्ट स्टेशन चलाना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही कहा कि हमारे सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

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छपरा रेल खण्ड

सारण: केंद्रीय बजट में इस बार भी बिहार रेल के लिए कोई खास परियोजना नहीं लाई गई. बिहार में न ही नई ट्रेनें चलाई गई. वहीं, सारण प्रमंडल के छपरा रेल खण्ड में ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ाए जाने से लोग काफी मायूस हैं. लोगों का कहना है कि छपरा रेल खण्ड पर आमान परिवर्तन के पहले 6 जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन होता था. 2016 में ब्रॉड गेज मे परिवर्तन करने के बाद इस रेल खण्ड पर मात्र एक जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन किया जाता है. जिसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

31 मार्च तक होना है विद्युतीकरण
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर इस रेल खण्ड पर पैसेंजर ट्रेन की संख्या बढ़ाई जाती है और कार्यालय के समय के अनुसार परिचालन होता है. तो इस रेल खण्ड से रेलवे की राजस्व की आमदनी भी होगी. वहीं, इस रेल खण्ड का 31 मार्च तक विद्युतीकरण किया जाना है. यहां के लोगों को एक आस जगी है कि हो सकता है विद्युतीकरण के बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेनों की संख्या को बढ़ाया जाए. रेल खण्ड के हाल्ट संचालकों ने कहा कि अब अगर ट्रेन की संख्या नहीं बढ़ाई जाती है, तो हम लोगों को हॉल्ट स्टेशन चलाना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही कहा कि हमारे सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चार सांसद और 24 विधायक आते हैं
बता दें कि छपरा थावे रेल खण्ड पूर्वोत्तर रेलवे का एक महत्वपूर्ण रेल खण्ड होने के साथ ही छपरा से गोरखपुर का एक वैकल्पिक मार्ग भी है. यह रेल खण्ड सारण प्रमंडल के कई क्षेत्रों से होकर गुजरती है. जिसमें छपरा, महराजगंज, गोपालगंज और सिवान के कई विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र आते है. इन क्षेत्रों से इस प्रमंडल के चार सांसद और 24 विधायक आते हैं.

बिहार और केंद्र की डबल इंजन की सरकार है. इसके बाद भी यहां के लोग एक अदद सवारी ट्रेन चलाने के लगातार रेल मंत्रालय से लेकर अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों से गुहार लगा कर थक चुके हैं. लेकिन आज तक इस रेल खण्ड में ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ी है.

सारण: केंद्रीय बजट में इस बार भी बिहार रेल के लिए कोई खास परियोजना नहीं लाई गई. बिहार में न ही नई ट्रेनें चलाई गई. वहीं, सारण प्रमंडल के छपरा रेल खण्ड में ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ाए जाने से लोग काफी मायूस हैं. लोगों का कहना है कि छपरा रेल खण्ड पर आमान परिवर्तन के पहले 6 जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन होता था. 2016 में ब्रॉड गेज मे परिवर्तन करने के बाद इस रेल खण्ड पर मात्र एक जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन किया जाता है. जिसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

31 मार्च तक होना है विद्युतीकरण
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर इस रेल खण्ड पर पैसेंजर ट्रेन की संख्या बढ़ाई जाती है और कार्यालय के समय के अनुसार परिचालन होता है. तो इस रेल खण्ड से रेलवे की राजस्व की आमदनी भी होगी. वहीं, इस रेल खण्ड का 31 मार्च तक विद्युतीकरण किया जाना है. यहां के लोगों को एक आस जगी है कि हो सकता है विद्युतीकरण के बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेनों की संख्या को बढ़ाया जाए. रेल खण्ड के हाल्ट संचालकों ने कहा कि अब अगर ट्रेन की संख्या नहीं बढ़ाई जाती है, तो हम लोगों को हॉल्ट स्टेशन चलाना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही कहा कि हमारे सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चार सांसद और 24 विधायक आते हैं
बता दें कि छपरा थावे रेल खण्ड पूर्वोत्तर रेलवे का एक महत्वपूर्ण रेल खण्ड होने के साथ ही छपरा से गोरखपुर का एक वैकल्पिक मार्ग भी है. यह रेल खण्ड सारण प्रमंडल के कई क्षेत्रों से होकर गुजरती है. जिसमें छपरा, महराजगंज, गोपालगंज और सिवान के कई विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र आते है. इन क्षेत्रों से इस प्रमंडल के चार सांसद और 24 विधायक आते हैं.

बिहार और केंद्र की डबल इंजन की सरकार है. इसके बाद भी यहां के लोग एक अदद सवारी ट्रेन चलाने के लगातार रेल मंत्रालय से लेकर अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों से गुहार लगा कर थक चुके हैं. लेकिन आज तक इस रेल खण्ड में ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ी है.

Intro:केंद्रीय बजट मे इस बार भी बिहार के लिये रेल के मामले मे कोई खास परियोजना या बिहार मे चल रही रेल परियोजना या नयी ट्रेन नही चलाये जाने से लोगों मे मायुसी है।वही सारण प्रमंडल के महत्वपूर्ण रेल खण्ड छ्परा थावे रेल खण्ड पर ट्रैनो की सख्या नही बढाये जाने से लोगों ने खासा रोष है।

छ्परा थावे खण्ड पर नयी ट्रेन नही चली ट्रेंन,लोगों मे मायुसी।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट ।
छ्परा थावे रेल खण्ड पूर्वोत्तर रेलवे का एक महत्वपूर्ण रेल खण्ड होने के साथ ही छ्परा से गोरखपुर का एक वैकल्पिक मार्ग भी है।यह रेल खण्ड सारण प्रमंडल के कई क्षेत्रों से होकर गुजरती है।जिसमे छ्परा महराजगंज गोपाल गंज और सिवान के कई विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र आते है।इन क्षेत्रो से इस प्रमंडल के चार सांसद और 24विधायक आते है।और इस समय बिहार और केंद्र की डबल इंजन की सरकार है।इसके बाद भी यहा के लोग एक अदद सवारी ट्रेन चलाने के लगातार रेल मंत्रालय से लेकर अपने अपने क्षेत्र के प्रतीनिधीयो से गुहार लगा कर भी थक चुके है।लेकिन आज तक इस रेल खण्ड मे ट्रेनों की सख्या नही बढ़ी है।


Body:छ्परा थावे रेल खण्ड पर आमान परिवर्तन के पहले छ जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन होता था।विगत 2016का आमान परिवर्तन कर ब्राड गेज मे परिवर्तन करने के बाद इस रेल खण्ड पर मात्र एक जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन किया जाता है।वह भी इस ट्रेन का इस तरह का समय है की न तो वह किसी कार्य को लेकर छ्परा मुख्यालय समय पर नही पहुच पाते है।वही इस रेल खण्ड के हाल्ट संचालको का कहना है की अब अगर ट्रेन की सख्या नही बधाई जाती है तो हम लोगों का हाल्ट स्टेशन चलाना मुश्किल हो जाएगा। और हमारे सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जायेगी।


Conclusion:वही इस रेल खण्ड पर ट्रेन की सख्या नही बढाये जाने से स्थानीय लोगों को मे काफी रोष है। स्थानीय लोगों का कहना है की अगर इस रेल खण्ड पर पैसेंजर ट्रेन की सख्या बढ़ाई जाती है । और कार्यालय के समय के अनुसार परिचालन होता है।तो इस रेल खण्ड से रेलवे की काफी राजस्व की आमदनी भी होगी। वही इस रेल खण्ड का तेजी से विधुती करण किया जा रहा ।और 31मार्च तक इस खण्ड का विधुती करण किया जाना है।वही यहा के लोगों को एक आस जगी है की हो सकता है विधुतीकरण के बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेनों की सख्या बढे। बाईट स्थानीय लोगों
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