सारण: केंद्रीय बजट में इस बार भी बिहार रेल के लिए कोई खास परियोजना नहीं लाई गई. बिहार में न ही नई ट्रेनें चलाई गई. वहीं, सारण प्रमंडल के छपरा रेल खण्ड में ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ाए जाने से लोग काफी मायूस हैं. लोगों का कहना है कि छपरा रेल खण्ड पर आमान परिवर्तन के पहले 6 जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन होता था. 2016 में ब्रॉड गेज मे परिवर्तन करने के बाद इस रेल खण्ड पर मात्र एक जोड़ी पैसेंजेर ट्रेन का परिचालन किया जाता है. जिसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
31 मार्च तक होना है विद्युतीकरण
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर इस रेल खण्ड पर पैसेंजर ट्रेन की संख्या बढ़ाई जाती है और कार्यालय के समय के अनुसार परिचालन होता है. तो इस रेल खण्ड से रेलवे की राजस्व की आमदनी भी होगी. वहीं, इस रेल खण्ड का 31 मार्च तक विद्युतीकरण किया जाना है. यहां के लोगों को एक आस जगी है कि हो सकता है विद्युतीकरण के बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेनों की संख्या को बढ़ाया जाए. रेल खण्ड के हाल्ट संचालकों ने कहा कि अब अगर ट्रेन की संख्या नहीं बढ़ाई जाती है, तो हम लोगों को हॉल्ट स्टेशन चलाना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही कहा कि हमारे सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
चार सांसद और 24 विधायक आते हैं
बता दें कि छपरा थावे रेल खण्ड पूर्वोत्तर रेलवे का एक महत्वपूर्ण रेल खण्ड होने के साथ ही छपरा से गोरखपुर का एक वैकल्पिक मार्ग भी है. यह रेल खण्ड सारण प्रमंडल के कई क्षेत्रों से होकर गुजरती है. जिसमें छपरा, महराजगंज, गोपालगंज और सिवान के कई विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र आते है. इन क्षेत्रों से इस प्रमंडल के चार सांसद और 24 विधायक आते हैं.
बिहार और केंद्र की डबल इंजन की सरकार है. इसके बाद भी यहां के लोग एक अदद सवारी ट्रेन चलाने के लगातार रेल मंत्रालय से लेकर अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों से गुहार लगा कर थक चुके हैं. लेकिन आज तक इस रेल खण्ड में ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ी है.