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सोनपुर में प्रशासन के दावे खोखले, बाढ़ पीड़ितों के लिये नहीं की गई नाव की व्यवस्था

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Published : Sep 25, 2019, 1:29 PM IST

बाढ़ प्रभावित दियरा इलाके में प्रशासन का दावा खोखला साबित होता दिखा. सरकार की ओर से कोई नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. लोग जान हथेली पर रखकर प्राइवेट नाव के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं.

सोनपुर में बाढ़

वैशाली/सारण: जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन की ओर से दिये गए निर्देश के बाद भी सोनपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक नाव परिचालन शुरू नहीं हो सका है. वहीं प्रशासन की ओर से गंगा में प्राइवेट नाव पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी दर्जनों नाव का परिचालन जारी है. नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार होकर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. ऐसे में उफनती गंगा में कभी भी बड़ी घटना होने की आशंका है.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि सोमवार को सारण के डीएम अचानक दोपहर में जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूरी पर स्थित सोनपुर प्रखंड पहुंचे. वहां उन्होंने दियरा के बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण किया. ईटीवी भारत से रूबरू होते हुए उन्हेंने आश्वस्त किया था कि प्रखंड में 36 नाव चलाए जाएंगे. जब मंगलवार को ईटीवी भारत ने दियरा के कई गांव में पड़ताल किया तो देखा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई नाव की व्यवस्था नहीं की गई है.

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बाढ़ पीड़ितों के बीच बांटी गई राहत सामग्री

धड़ल्ले से हो रहा प्राइवेट नाव का परिचालन
मालूम हो कि सोमवार को सब्बलपुर के चारों पंचायत और नजर मीरा पंचायत में भी पड़ताल की गई थी. यहां के लोगों ने प्रशासन की ओर से किसी भी नाव का परिचालन शुरू नहीं कराने की बात कही. लेकिन प्रतिबंधित प्राइवेट नाव का परिचालन जरूर देखने को मिला.

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शंभू शरण पांडेय, एसडीओ

सरकार की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं
लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं की गई है इसलिये ये प्राइवेट नाव के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ितों के कहना है कि बाढ़ से इन्हें काफी क्षति हुई है. खेतों में लगी सारी फसलें बर्बाद हो गई. घर में रखा सामान भी पानी में बह गया. अब लोग दाने-दाने के मोहताज हैं. सरकार की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है.

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बाढ़ का कहर जारी

राजद के युवा नेता ने बांटी राहत सामग्री
राजद के युवा नेता रमेश यादव भी प्रदेश सरकार और उनके सरकारी तंत्र पर जम कर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों की कोई मदद नहीं की जा रही है. मंगलवार को राजद के युवा नेता अपने दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ राहत सामग्री बांटने दियरा क्षेत्र में निकले. उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में प्रखण्ड के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत सामग्री बांटी गई.

एसडीओ ने बाढ़ प्रभावित पीड़ितों को किया आश्वस्त
इस पूरे मामले पर सोनपुर अनुमंडल के एसडीओ शंभू शरण पांडेय का कहना है कि सरकार की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश के तहत बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव मदद की जाएगी. क्षेत्र में 36 नाव का परिचालन किया गया है. वहीं प्राइवेट नाव पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसे लेकर प्रखण्ड के सीओ और स्थानीय थाना पुलिस को आदेश दिया जा चुका है. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की कि वो अपने बच्चों को तालाब या गहराई वाले पानी में स्नान या खेलने के लिये न भेजें.

वैशाली/सारण: जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन की ओर से दिये गए निर्देश के बाद भी सोनपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक नाव परिचालन शुरू नहीं हो सका है. वहीं प्रशासन की ओर से गंगा में प्राइवेट नाव पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी दर्जनों नाव का परिचालन जारी है. नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार होकर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. ऐसे में उफनती गंगा में कभी भी बड़ी घटना होने की आशंका है.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि सोमवार को सारण के डीएम अचानक दोपहर में जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूरी पर स्थित सोनपुर प्रखंड पहुंचे. वहां उन्होंने दियरा के बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण किया. ईटीवी भारत से रूबरू होते हुए उन्हेंने आश्वस्त किया था कि प्रखंड में 36 नाव चलाए जाएंगे. जब मंगलवार को ईटीवी भारत ने दियरा के कई गांव में पड़ताल किया तो देखा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई नाव की व्यवस्था नहीं की गई है.

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बाढ़ पीड़ितों के बीच बांटी गई राहत सामग्री

धड़ल्ले से हो रहा प्राइवेट नाव का परिचालन
मालूम हो कि सोमवार को सब्बलपुर के चारों पंचायत और नजर मीरा पंचायत में भी पड़ताल की गई थी. यहां के लोगों ने प्रशासन की ओर से किसी भी नाव का परिचालन शुरू नहीं कराने की बात कही. लेकिन प्रतिबंधित प्राइवेट नाव का परिचालन जरूर देखने को मिला.

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शंभू शरण पांडेय, एसडीओ

सरकार की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं
लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं की गई है इसलिये ये प्राइवेट नाव के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ितों के कहना है कि बाढ़ से इन्हें काफी क्षति हुई है. खेतों में लगी सारी फसलें बर्बाद हो गई. घर में रखा सामान भी पानी में बह गया. अब लोग दाने-दाने के मोहताज हैं. सरकार की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है.

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बाढ़ का कहर जारी

राजद के युवा नेता ने बांटी राहत सामग्री
राजद के युवा नेता रमेश यादव भी प्रदेश सरकार और उनके सरकारी तंत्र पर जम कर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों की कोई मदद नहीं की जा रही है. मंगलवार को राजद के युवा नेता अपने दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ राहत सामग्री बांटने दियरा क्षेत्र में निकले. उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में प्रखण्ड के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत सामग्री बांटी गई.

एसडीओ ने बाढ़ प्रभावित पीड़ितों को किया आश्वस्त
इस पूरे मामले पर सोनपुर अनुमंडल के एसडीओ शंभू शरण पांडेय का कहना है कि सरकार की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश के तहत बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव मदद की जाएगी. क्षेत्र में 36 नाव का परिचालन किया गया है. वहीं प्राइवेट नाव पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसे लेकर प्रखण्ड के सीओ और स्थानीय थाना पुलिस को आदेश दिया जा चुका है. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की कि वो अपने बच्चों को तालाब या गहराई वाले पानी में स्नान या खेलने के लिये न भेजें.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

: सारण जिला के डीएम सुब्रत कुमार सेन के द्वारा दिये गए निर्देश के बाद भी सोनपुर प्रखण्ड के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अभी तक नाव परिचालन शुरू नहीं हो सका हैं ।वहीं प्रशासन द्वारा गंगा में प्राइवेट नाव के प्रतिबंध लगाए जानें के बाद भी दर्जनों नाव का परिचालन जारी हैं। और तो और नाव पर क्षमता से दुगुन्ना तिगुन्ना लोग सवार कर अपने गतंव्य ठिकाने जानें पर विवश हैं। ऐसे में उफान गंगा में कभी भी बड़ी घटना होने की आशंका बढ़ सकती हैं ।



Body:प्रदेश सरकार के प्रयास से गंगा के जल-स्तर में कमी आती दिखने लगीं हैं। मालूम हो के बिहार के मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से फरक्का बांध खोलने के लिये आग्रह किया था ।जिसको केंद्र की मोदी सरकार ने मान लिया था ।इस बाबत दर्जनों फरक्का बांध के फाटक भी खोल दिये गए थे ।इससे प्रदेश के गंगा के जल- स्तर में गिरावट आयी हैं।

सोंनपुर प्रखण्ड के 23 पंचायतों में से आधे दर्जन से ज्यादा पंचायतों में गंगा और गंडक नदियों ने अपना रौद्ररूप दिखाकर स्थिति को विकराल रूप धारण कर लिया था । मंगलवार को इन नदियों के कटाव से दियरा क्षेत्र में अभी भी 4 से 5 फिट पानी लगा हुआ हैं ।वहीं बजरंग चौक तक गंगा का पानी आने से क्षेत्र की हजारों जनता काफी सहमे सहमे दिख रहे हैं ।

वहीं गंडक नदी के कहर से सोमवार को देर रात्रि तक निचली मुख्य सड़क पर 2फिट से 3 फिट पानी बहती नजर आयी। इससे हजारो लोग पूर्वाग्रस्त होकर रात भर चहलकदमी करते देखें गए । मंगलवार को सुबह में गंगा के बाढ़ का पानी प्रखण्ड के गंगाटोला, पहाड़ी चक, पहलेजा घाट, बजरंग चौक से लेकर गोविंद चक के मुख्य सड़क के नजदीक तक पहुच गया था । इससे आसपास के इलाके में रहने वाले लोग तरह तरह के आशंकाओं से भर गये थे ।विदित हो कि यहा दोपहर से लेकर रात्रि के आठ बजे तक पानी मे स्थिर देखा गया ।साथ ही इसमे कमोवेश कमी पाई गई ।

बतादें कि गंडक नदी के जल स्तर बढ़ने से पहाड़ी चक से सोंनपुर के विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर रोड के समीप एक किलोमीटर तक पानी मुख्य सड़क पर बहती भी देखी गईं ।

जिला प्रशासन का दावा का खुला पोल :
सोमवार को सारण जिला के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने सोमवार को सोंनपुर के बाढ़ प्रभावित दियरा क्षेत्र में जायजा लेने के क्रम में Etv भारत से रूबरू होकर यह आश्वस्त किया था कि प्रखण्ड में 36 नाव चलाये जानें कि आदेश दे दिए गए हैं ।पर इस बाबत सोमवार और मंगलवार को Etv भारत द्वारा दियरा के कई गाव में पड़ताल किया गया तो ।क्षेत्र के पीड़ित लोगों द्वारा इसे गलत करार दिया गया । मालूम हो कि सोमवार को हमने सब्बलपुर के चारो पंचायत, नजर मीरा पंचायत में पड़ताल किया था ।यहा के लोगों ने प्रशासन द्वारा किसी भी नाव का परिचालन शुरू नहीं कराने की बात कहीं ।

मंगलवार को भी पड़ताल जारी रखते हुए कसमर पंचायत, सहित गंगाजल, पहलेजा घाट जाने पर भी दूर दूर तक प्रशासन द्वारा कोई नाव नहीं दिखा ।

हालांकि प्रतिबंधित प्राइवेट नाव का परिचालन जरूर हमने देखा ।यहीं नहीं प्रतिबंधित नाव पर क्षमता से तुगुन्ना लोग सवार होकर अपने घर से आवाजाही करते देखें गए ।

उनसे हमने यह पूछें जानें पर की नाव प्रतिबंध हैं ?. इस पर सैकड़ो लोगों ने प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीँ किये जानें का मजबूरी बताया ।

पीड़ित ग्रामीण जनता की मानें तो बाढ़ ने उनका सारा फसल के साथ - साथ हरी साग सब्जियाँ भी नष्ट कर दिया ।खाने के लिये भी कुछ भी बचा नहीं हैं। पर सरकार अभी तक राहत समग्री तक नहीं शुरू की हैं।

जैसा कि आप जानते हैं कि कल सोमवार को सारण के डीएम अचानक दोपहर में जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूरी पर स्थित सोंनपुर प्रखंड पहुँच कर दियरा के आधे दर्जन बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण करने पहुँचे थे ।

राजद के युवा नेता रमेश यादव ने प्रदेश सरकार और उनके सरकारी तंत्र पर जम कर विफ़रे ।

मंगलवार को राजद के युवा नेता रमेश यादव ने अपने दर्जनों कार्यकर्ताओ के साथ राहत सामग्री बाटने के लिये दियरा क्षेत्र पर निकले । उन्होंने ईटीवी भारत से रूबरू होकर बताया कि हमने दो दिन से प्रखण्ड के सभी बाढ़ प्रभावित दियरा क्षेत्र में राहत सामग्री बाटी ।उन्होंने आगें कहा कि क्षेत्र में हजारो जनता राहत सामग्री लेने के लिये कमर से अधिक गहराई में आकर लें रहें थे ।उन्हें अपनी जान की कोई परवाह नहीं थी कि एक कदम आगें या पीछे उनकी मौत भी हो सकती हैं।

राजद युवा नेता ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने दो दिन से अपने दियरा क्षेत्र के भ्रमण के समय प्रशासन की ओर से एक भी नाव का परिचालन करते नहीं देखा ।

अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय ने बाढ़ प्रभावित पीड़ितों को किया आश्वस्त :
सोंनपुर अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय ने Etv भारत के माध्यम से लोगों को अपील किया कि वे अपने छोटे - छोटे बच्चें एवं बच्चियो को तालाब या गहराई वाले पानी मे स्नान , खेलने के लिये नहीं जाने दे । इससे कोई बड़ी घटना घट सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का दिए गए दिशा- निर्देश के तहत बाढ़ पीड़ितों को यथा सम्भव मदद की जाएंगी ।उन्होंने आगें कहा कि क्षेत्र में 36 नाव का परिचालन किया गया हैं। वहीं प्राइवेट नाव पर प्रतिबंध लगाया गया हैं। कहा कि इसको लेकर प्रखण्ड के सीओ और स्थानीय थाना पुलिस को आदेश दिया जा चुका हैं ।




Conclusion:बहरहाल, बाढ़ पीड़ितों को मदद मिल जाये ।यही उम्मीद दियरा के हजारों ग्रामीण जनता सरकार से मांग कर रहें हैं।

01.VO: स्टोरी

ओपन: PTC संवाददाता, राजीव , वैशाली ।
बाइट : पीड़ित संख्या : 5
मिडिल PTC: संवाददाता, राजीव , वैशाली ।

02.VO: स्टोरी का
बाइट: एसडीओ शम्भू शरण पांडेय । सोंनपुर अनुमंडल ।
03. VO: स्टोरी
क्लोज: PTC, संवाददाता, राजीव , वैशाली ।
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