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छपरा के कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, रेस्क्यू के लिए पहुंची NDRF की टीम

एनडीआरएफ की टीम गांव में फंसे लोगों को रेस्क्यू करके उंचे स्थान पर पहुंचा रही है. हालांकि बहुत सारे ग्रामीण घर छोड़कर बाहर जाना नहीं चाहते हैं.

बाढ़
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Published : Jul 25, 2020, 8:44 AM IST

Updated : Jul 25, 2020, 8:51 AM IST

सारणः नेपाल से भारी मात्रा पानी छोड़े जाने के बाद पानापुर के इलाके में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. तरैया और पानापुर के कई गांव की स्थिति भयावह हो गई है. ईटीवी भारत की टीम इन गांवों की स्थिति देखकर सीओ और एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी. उसके बाद अरदेवा और सगुनी गांव में एनडीआरएफ की टीम पहुंची है.

एनडीआरएफ की टीम में शामिल लोग
एनडीआरएफ की टीम में शामिल लोग

लोगों को उंचे स्थान पर ले जा रही एनडीआरएफ
गंडक नदी का जलस्तर में हुई वृद्धि के बाद कई निचले इलाकों के लगभग दर्जनों गांव के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था. एनडीआरएफ की टीम ने गांव में फंसे लोगों को रेस्क्यू करके उंचे स्थान पर पहुंचाया. हलांकि बहुत सारे ग्रामीण घर छोड़कर बाहर नहीं जाना चाहते हैं. वह अपने सामान लेकर अपने घर की छत पर शरण ले रहे हैं.

गांव में घुसा पानी
गांव में घुसा पानी

हालांकि एनडीआरएफ की टीम लगातार उन लोगों को समझा रही है कि पानी का जलस्तर बढ़ रहा है आप लोग ऊंचा स्थान पर चलें. जो लोग घर नहीं छोड़ रहे हैं उनके लिए टीम खाने का समान भी पहुंचा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः LIVE: बिहार में बाढ़ का कहर, उफान पर नदियां; टूट रहा बांध, पलायन कर रहे हैं लोग

'70 साल बाद आई ऐसी भयावह स्थिति'
तरैया और पानापुर के इलाके में एनडीआरएफ की लगभग 12 टीम लगी हुई है. जो लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है. वहीं, एक ग्रामीण ने बताया कि ऐसी भयावह स्थिति लगभग 70 साल बाद आई है. जो घर को छोड़कर रोड किनारे मवेशियों को लेकर रहना पड़ रहा है. मवेशियों के लिए सरकार अभी तक चारे का बंदोबस्त नहीं कर पाई है.

मवेशियों की हालत भी नाजुक बनती जा रही है. तरैया प्रखंड के अरदेवा में सबसे ज्यादा लोग पशुपालन करने वाले हैं. इन लोगों ने मवेशियों को खिलाने के लिए जो चारा रखा था, वह सब भी पानी में बह गया.

सारणः नेपाल से भारी मात्रा पानी छोड़े जाने के बाद पानापुर के इलाके में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. तरैया और पानापुर के कई गांव की स्थिति भयावह हो गई है. ईटीवी भारत की टीम इन गांवों की स्थिति देखकर सीओ और एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी. उसके बाद अरदेवा और सगुनी गांव में एनडीआरएफ की टीम पहुंची है.

एनडीआरएफ की टीम में शामिल लोग
एनडीआरएफ की टीम में शामिल लोग

लोगों को उंचे स्थान पर ले जा रही एनडीआरएफ
गंडक नदी का जलस्तर में हुई वृद्धि के बाद कई निचले इलाकों के लगभग दर्जनों गांव के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था. एनडीआरएफ की टीम ने गांव में फंसे लोगों को रेस्क्यू करके उंचे स्थान पर पहुंचाया. हलांकि बहुत सारे ग्रामीण घर छोड़कर बाहर नहीं जाना चाहते हैं. वह अपने सामान लेकर अपने घर की छत पर शरण ले रहे हैं.

गांव में घुसा पानी
गांव में घुसा पानी

हालांकि एनडीआरएफ की टीम लगातार उन लोगों को समझा रही है कि पानी का जलस्तर बढ़ रहा है आप लोग ऊंचा स्थान पर चलें. जो लोग घर नहीं छोड़ रहे हैं उनके लिए टीम खाने का समान भी पहुंचा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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'70 साल बाद आई ऐसी भयावह स्थिति'
तरैया और पानापुर के इलाके में एनडीआरएफ की लगभग 12 टीम लगी हुई है. जो लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है. वहीं, एक ग्रामीण ने बताया कि ऐसी भयावह स्थिति लगभग 70 साल बाद आई है. जो घर को छोड़कर रोड किनारे मवेशियों को लेकर रहना पड़ रहा है. मवेशियों के लिए सरकार अभी तक चारे का बंदोबस्त नहीं कर पाई है.

मवेशियों की हालत भी नाजुक बनती जा रही है. तरैया प्रखंड के अरदेवा में सबसे ज्यादा लोग पशुपालन करने वाले हैं. इन लोगों ने मवेशियों को खिलाने के लिए जो चारा रखा था, वह सब भी पानी में बह गया.

Last Updated : Jul 25, 2020, 8:51 AM IST
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