छपरा: बिहार के छपरा में गोदना सेमरिया मेला का शुभारंभ हो गया है. रिवीलगंज प्रखंड में रविवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने गोदना सेमरिया मेला का उद्घाटन किया. सोनपुर मेले के बाद बिहार में लगने वाला यह सबसे बड़ा मेला है. लगभग 10 किलोमीटर के परिधि में यह मेला लगाया जाता है.
गोदना सेमरिया मेला का गौरवशाली इतिहास: ग्रामीण परिवेश संस्कृति और मान्यता पर आधारित रिवीलगंज में मेले का आयोजन काफी पहले से किया जा रहा है, जिसका गौरव में इतिहास रहा है. इस क्षेत्र के पश्चिमी भाग में सिमरिया स्थित श्रीनाथ बाबा मंदिर से लेकर गौतम ऋषि मंदिर यानी गोदना सिमरिया तक मुख्य सड़क किनारे भव्य तरीके से मिला सजता है. जहां सैकड़ों की संख्या में विभिन्न सामग्रियों से सजी दुकानें सजती हैं.
कार्तिक पूर्णिमा पर जुटते हैं लोग: कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस धार्मिक स्नान के साथ-साथ मिला भी शुरू होता है और काफी संख्या में सारण जिले के ग्रामीण सुदूर इलाकों से यहां पर गंगा स्नान करने और मेला घूमने श्रद्धालु आते हैं. इस ऐतिहासिक मेले के उद्घाटन के अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा कि इस मेले का अपना पौराणिक महत्व है और यह मेला अपने आप में काफी गौरवमयी इतिहास समेटे हुए हैं.
"कला संस्कृति विभाग हो या खेल हर क्षेत्र में बिहार लगातार बेहतर कर रहा है. इस मेले का विकास और भी बेहतर हो, इसके लिए लगातार हमलोग काम कर रहे हैं. तमाम लोगों से आग्रह है कि मेले में जरूरी बातों का ध्यान रखें, ताकि माहौल खराब न हो"- जितेंद्र कुमार राय, कला संस्कृति और खेल मंत्री
बजरंगबली का ननिहाल है रिवीलगंज स्थान: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यह रिवीलगंज स्थान भगवान बजरंगबली का ननिहाल माना जाता है. एक अन्य मान्यता के अनुसार गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का उद्धार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा जनकपुर जाने के क्रम में किया गया था. इसलिए इस पौराणिक महत्व वाले स्थान पर प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है.
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