सारणः छपरा में बिहार झारखंड मेडिकल सेल्स रिप्रजेंटेटिव का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम (Medical Sales Representative Annual Function Organised in Chapra) आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में छपरा यूनिट के सचिव मृत्युंजय झा तथा कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र मिश्रा ने अपने 2 साल का कार्यकाल का ब्यौरा प्रस्तुत किया. जिसको सभी सदस्यों ने पारित किया. रविवार को मेडिकल रिप्रजेंटेटिव यूनियन को संबोधित करते हुए राज्य सचिव शशि प्रकाश तथा अमित चटर्जी ने कहा कि आज की परिस्थिति में सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण सभी सदस्य प्रतिनिधि की स्थिति काफी खराब है.
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उन्होंने कहा कि सभी सदस्य प्रतिनिधि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. क्योंकि सरकार केवल पूजी पतियों के लिए ही काम कर रही है. दवा प्रतिनिधियों ने 1996 को लागू करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल रिप्रजेंटेटिव पर जो शोषण की कार्रवाई हो रही है उसे तुरंत रोका जाए. इसके साथ ही दवाइयों के दाम कम किए जाएं तथा दवाइयों की जीएसटी पूरी तरह से हटायी जाए.
उन्होंने मांग किया कि मेडिकल रिप्रजेंटेटिव यूनियनों द्वारा यह भी कहा गया कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को प्राइवेट हाथों में देने की जो तैयारी की जा रही है, उसका हम पूरी तरह से विरोध करते हैं. इसके लिए हमें लगातार आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. क्योंकि जिस तरह से सर्जिकल से लेकर दवाइयों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, उसमें एक स्थिति यह भी आती है कि हमारी कंपनी दवाइयों के दाम बढ़ा देती है और हमें इसकी जानकारी तक नहीं होती. इसके साथ ही मेडिकल सेल्स रिप्रजेंटेटिव पर जिस तरह से दवा कंपनियां हिटलर की तरह शासन चलाती है, उसको रोकने के लिए हमें अब मजबूरन आंदोलन के लिए बाद होना पड़ेगा.
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